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नीति आयोग की बैठक, 2024 तक बहराइच को विकसित श्रेणी में लाएं

बहराइच के कलेक्ट्रेट सभागार में देर शाम नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उपाध्यक्ष ने कहा कि जिले में विकास कार्यों को गति दें.

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Published : Feb 26, 2021, 10:35 PM IST

डीएम व अधिकारियों के साथ बैठक
डीएम व अधिकारियों के साथ बैठक

बहराइच: नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ. राजीव कुमार ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में नीति आयोग की ओर से आकांक्षात्मक जनपदों के लिए निर्धारित प्रमुख सूचकांकों शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, वित्तीय समायोजन, कौशल विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कृषि सेक्टर इत्यादि की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान राजीव कुमार ने पाया कि जिले के सभी सेक्टरों में सुधार हुआ है.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने की बैठक
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने निदेशक नीति आयोग अनामिका सिंह, वरिष्ठ सलाहकार एसोशिएशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम रामा कामा राजू, अपर निजी सचिव शिवम तेवतिया के साथ समीक्षा बैठक की. समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य एवं पोषण सेक्टर में सुधार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड किया गया.

उप स्वास्थ्य केन्द्रों को मिशन कायाकल्प के तहत उपकरणों एवं मैनपावर से सुसज्जित कर सभी जगहों पर संस्थागत प्रसव की सुविधा प्रदान की जा रही है. इससे मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी आई है. इसके अलावा जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी दिवस का आयोजन कर गर्भवती व धात्री महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और पुष्टाहार का नियमित वितरण कराया जा रहा है.

602 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका विकसित की गई
डीएम ने कहा कि जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री सुपोषण घरों का संचालन किया जा रहा है. स्वास्थ्य वर्करों में स्किल डेवलपमेंट के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. सीएचसी पर आने वाले मरीजों एवं तीमारदारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रेरणा कैंटीन का संचालन किया जा रहा है.

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में सुधार के लिए कई प्रकार के अभिनव प्रयोग किए गए, जिनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. डीएम ने बताया कि भूमि की उपलब्धता के दृष्टिगत जिले के 602 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका विकसित की गई है. इसके अलावा सीएम योगी के पहल पर अतिकुपोषित परिवारों को गोदान भी किया गया है.

स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के प्रति लोगों में जनजागरूकता लाए जाने के लिए माता बैठक, समुदाय आधारित गतिविधियां, पोषण बैठक व रैली संचालित की जा रही है. शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए मिशन कायाकल्प अंतर्गत स्कूलों का सुदृढ़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इसके अलावा डीएम ने अन्य सूचकांकों अंतर्गत संचालित गतिविधियों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई.

पहले की अपेक्षा जिले में बदलाव
बैठक के दौरान डाॅ. राजीव कुमार ने सभी अधिकारियों से कहा कि इसी उत्साह के साथ कार्य करते हुए जनपद को वर्ष 2024 से पूर्व आकांक्षात्मक जिले की श्रेणी से बाहर लाने का प्रयास करें. डाॅ. कुमार ने कहा कि बैठक से पूर्व स्थलीय निरीक्षण के दौरान देखने में आया है कि जनपद की तस्वीर बदली-बदली सी है. पहले के मुकाबले काफी बदलाव आया है.

डॉ. राजीव ने कहा कि बाॅस उत्पादन के लिए जनपद की जलवायु अनुकूल है. यहां पर अच्छी क्वॉलिटी के बाॅसों और बाॅस आधारित प्रोडक्ट के लिए अच्छी संभावनाएं हैं. इसको ध्यान में रखते हुए मेरा प्रयास होगा कि जिले में अच्छी प्रजाति के बाॅसों की नर्सरी की स्थापना के साथ-साथ बाॅस क्षेत्र का विस्तार और विकास हो.

किसानों को दूसरे व्यवसाय के लिए भी करें प्रेरित
उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित एवं उत्साहित किया जाए. साथ ही इस बात का प्रयास किया जाए कि प्रत्येक ब्लॉक में जैविक खेती करने वाले किसान को चिह्नित कर उन्हें रोल माॅडल के रूप में पहचान दिलाएं, जिससे दूसरे किसान भी जैविक खेती को अपनाएं. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसानों को खेती किसानी के साथ-साथ कृषि आधारित अन्य व्यवसायों के लिए भी प्रेरित करें, ताकि उनकी आय में गुणात्मक सुधार हो सके.

बहराइच: नीति आयोग के उपाध्यक्ष डाॅ. राजीव कुमार ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में नीति आयोग की ओर से आकांक्षात्मक जनपदों के लिए निर्धारित प्रमुख सूचकांकों शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, वित्तीय समायोजन, कौशल विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कृषि सेक्टर इत्यादि की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान राजीव कुमार ने पाया कि जिले के सभी सेक्टरों में सुधार हुआ है.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने की बैठक
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने निदेशक नीति आयोग अनामिका सिंह, वरिष्ठ सलाहकार एसोशिएशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम रामा कामा राजू, अपर निजी सचिव शिवम तेवतिया के साथ समीक्षा बैठक की. समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य एवं पोषण सेक्टर में सुधार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड किया गया.

उप स्वास्थ्य केन्द्रों को मिशन कायाकल्प के तहत उपकरणों एवं मैनपावर से सुसज्जित कर सभी जगहों पर संस्थागत प्रसव की सुविधा प्रदान की जा रही है. इससे मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी आई है. इसके अलावा जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी दिवस का आयोजन कर गर्भवती व धात्री महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और पुष्टाहार का नियमित वितरण कराया जा रहा है.

602 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका विकसित की गई
डीएम ने कहा कि जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री सुपोषण घरों का संचालन किया जा रहा है. स्वास्थ्य वर्करों में स्किल डेवलपमेंट के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. सीएचसी पर आने वाले मरीजों एवं तीमारदारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रेरणा कैंटीन का संचालन किया जा रहा है.

जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में सुधार के लिए कई प्रकार के अभिनव प्रयोग किए गए, जिनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. डीएम ने बताया कि भूमि की उपलब्धता के दृष्टिगत जिले के 602 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका विकसित की गई है. इसके अलावा सीएम योगी के पहल पर अतिकुपोषित परिवारों को गोदान भी किया गया है.

स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के प्रति लोगों में जनजागरूकता लाए जाने के लिए माता बैठक, समुदाय आधारित गतिविधियां, पोषण बैठक व रैली संचालित की जा रही है. शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए मिशन कायाकल्प अंतर्गत स्कूलों का सुदृढ़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इसके अलावा डीएम ने अन्य सूचकांकों अंतर्गत संचालित गतिविधियों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई.

पहले की अपेक्षा जिले में बदलाव
बैठक के दौरान डाॅ. राजीव कुमार ने सभी अधिकारियों से कहा कि इसी उत्साह के साथ कार्य करते हुए जनपद को वर्ष 2024 से पूर्व आकांक्षात्मक जिले की श्रेणी से बाहर लाने का प्रयास करें. डाॅ. कुमार ने कहा कि बैठक से पूर्व स्थलीय निरीक्षण के दौरान देखने में आया है कि जनपद की तस्वीर बदली-बदली सी है. पहले के मुकाबले काफी बदलाव आया है.

डॉ. राजीव ने कहा कि बाॅस उत्पादन के लिए जनपद की जलवायु अनुकूल है. यहां पर अच्छी क्वॉलिटी के बाॅसों और बाॅस आधारित प्रोडक्ट के लिए अच्छी संभावनाएं हैं. इसको ध्यान में रखते हुए मेरा प्रयास होगा कि जिले में अच्छी प्रजाति के बाॅसों की नर्सरी की स्थापना के साथ-साथ बाॅस क्षेत्र का विस्तार और विकास हो.

किसानों को दूसरे व्यवसाय के लिए भी करें प्रेरित
उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित एवं उत्साहित किया जाए. साथ ही इस बात का प्रयास किया जाए कि प्रत्येक ब्लॉक में जैविक खेती करने वाले किसान को चिह्नित कर उन्हें रोल माॅडल के रूप में पहचान दिलाएं, जिससे दूसरे किसान भी जैविक खेती को अपनाएं. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसानों को खेती किसानी के साथ-साथ कृषि आधारित अन्य व्यवसायों के लिए भी प्रेरित करें, ताकि उनकी आय में गुणात्मक सुधार हो सके.

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