बहराइच: जिले के हुजूरपुर विकासखंड के रानीपुर गांव में 17 लाख रुपये की लागत से 14वें वित्त और मनरेगा के समन्वय से पंचायत भवन का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें गांव के करीब 50 मनरेगा मजदूर काम कर रहे हैं, लेकिन दो दिन पहले मौके पर पहुंचे एडीओ ने पंचायत निर्माण कार्य रुकवा दिया. इससे भड़के मजदूरों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
मजदूरों और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने जिलाधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र भेजकर एडीओ पंचायत पर ठेकेदार के दबाव में काम रुकवाने का आरोप लगाया है. हुजूरपुर विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत चाकूजोत का मजरा रानीपुर वर्ष 2014 में परिसीमन के तहत अलग हुआ. परिसीमन के बाद रानीपुर को शासन और जिला प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया, लेकिन ग्राम पंचायत में कोई भी सरकारी भवन न होने से खुली बैठक नहीं हो पा रही थी.
ग्रामीणों के साथ ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर गांव में पंचायत भवन के निर्माण की मांग की. जिला प्रशासन ने 14वें वित्त आयोग से पंचायत भवन के निर्माण के लिए हरी झंडी दे दी. बजट भी स्वीकृत कर दिया गया. ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और ग्राम पंचायत अधिकारी की देखरेख में पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया.
एडीओ पंचायत ने रुकवाया काम
इस कार्य में गांव के लगभग 50 मजदूरों को काम मिल गया. पंचायत भवन का निर्माण शुरू हो गया. इसके बाद जिला पंचायत राज अधिकारी ने मौके का मुआयना किया. कार्य बेहतर होने पर संतुष्टि जताई, लेकिन दो दिन पहले मौके पर पहुंचे एडीओ पंचायत ने बिना कारण के ही निर्माण कार्य रुकवा दिया. इससे काम में लगे मनरेगा श्रमिक बेरोजगार हो गए.
कार्रवाई की मांग
काम रुकने से नाराज श्रमिकों और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि एडीओ पंचायत ने एक ठेकेदार के दबाव में आकर काम रुकवाया है, जिससे निर्माण कार्य रुक गया है. प्रदर्शन के बाद उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है.
एडीओ पंचायत हुजूरपुर बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत भवन का निर्माण रानीपुर में चल रहा है, जिसमें मनरेगा श्रमिक लगे हुए हैं. ईंटें खराब होने की जानकारी मिलने पर काम रुकवा दिया गया था. इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है. उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.