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बहराइच में मनाई गई भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री की जयंती

यूपी के बहराइच में बुधवार को आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती मनाई गई. वक्ताओं ने मौलाना आजाद के व्यक्तित्व पर विस्तृत चर्चा की. बहराइच विकास मंच द्वारा किये गये इस आयोजन में बुद्धिजीवी व समाजसेवी भी जुटे.

बहराइच में मनाई गई मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती.
बहराइच में मनाई गई मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती.
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Published : Nov 11, 2020, 7:29 PM IST

बहराइच: बहराइच विकास मंच की ओर से शहर के सेनानी सभागार में बुधवार को आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाई गई. कार्यक्रम का शुभारंभ मौलाना आजाद के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता बहराइच विकास मंच के अध्यक्ष आयुष त्रिपाठी हर्षित ने की.

मंच के संरक्षक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, राजनेता, विद्वान, कवि, हिंदू-मुस्लिम एकता के समर्थक थे. वह भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और एक मजबूत कांग्रेसी नेता के रूप में संपूर्ण भारत में जाने जाते हैं. वे गांधी जी और उनकी अहिंसावादी विचारधारा के अनुयायी थे. उन्होंने देश में धार्मिक सद्भाव के लिए काम किया. इनका जन्म दिवस 11 नवम्बर को सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

मौलाना अबुल कलाम आजाद?
मंच के अध्यक्ष हर्षित त्रिपाठी ने कहा कि अबुल कलाम आजाद का असली नाम अबुल कलाम गुलाम मुहीउद्दीन अहमद या फिरोज बक्श था. इनका जन्म 11 नवम्बर 1888 ई. को मक्का में हुआ था. इनकी माता का नाम आलिया था, जो मदीना के शेख मोहम्मद जाहिर वत्री की भतीजी थीं. पिता का नाम मोहम्मद खैरुद्दीन था, जो अफगान उलेमाओं के खानदान से वास्ता रखते थे. बाबर के समय में हेरात से भारत आकर बस गए थे. इनके पिता 1857 क्रांति के समय भारत छोड़कर मक्का चले गए और 1890 ई. में भारत वापस आ गए. 1899 ई. में इनकी माता का देहांत हो गया.

सेनानी उत्तराधिकारी के प्रदेश महामंत्री ने कहा
उनकी प्रारंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीके से शुरू हुयी. कम उम्र में ही उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो गयी थी. इसके सिवाय इन्हें गणित, इतिहास और दर्शनशास्त्र की भी शिक्षा प्राप्त हुयी. उन्होंने अंग्रेजी स्वाध्याय से सीखी. मौलाना आजाद न सिर्फ हिंदी व उर्दू, बल्कि अरबी और फ़ारसी के भी अच्छे विद्वान थे. इस मौके पर समाजसेवी देशराज गौड़, अश्वनी मिश्रा, अजय त्रिपाठी, वीरेन्द्र बाल्मीकि, राकेश कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे.

बहराइच: बहराइच विकास मंच की ओर से शहर के सेनानी सभागार में बुधवार को आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाई गई. कार्यक्रम का शुभारंभ मौलाना आजाद के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता बहराइच विकास मंच के अध्यक्ष आयुष त्रिपाठी हर्षित ने की.

मंच के संरक्षक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, राजनेता, विद्वान, कवि, हिंदू-मुस्लिम एकता के समर्थक थे. वह भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और एक मजबूत कांग्रेसी नेता के रूप में संपूर्ण भारत में जाने जाते हैं. वे गांधी जी और उनकी अहिंसावादी विचारधारा के अनुयायी थे. उन्होंने देश में धार्मिक सद्भाव के लिए काम किया. इनका जन्म दिवस 11 नवम्बर को सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

मौलाना अबुल कलाम आजाद?
मंच के अध्यक्ष हर्षित त्रिपाठी ने कहा कि अबुल कलाम आजाद का असली नाम अबुल कलाम गुलाम मुहीउद्दीन अहमद या फिरोज बक्श था. इनका जन्म 11 नवम्बर 1888 ई. को मक्का में हुआ था. इनकी माता का नाम आलिया था, जो मदीना के शेख मोहम्मद जाहिर वत्री की भतीजी थीं. पिता का नाम मोहम्मद खैरुद्दीन था, जो अफगान उलेमाओं के खानदान से वास्ता रखते थे. बाबर के समय में हेरात से भारत आकर बस गए थे. इनके पिता 1857 क्रांति के समय भारत छोड़कर मक्का चले गए और 1890 ई. में भारत वापस आ गए. 1899 ई. में इनकी माता का देहांत हो गया.

सेनानी उत्तराधिकारी के प्रदेश महामंत्री ने कहा
उनकी प्रारंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीके से शुरू हुयी. कम उम्र में ही उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो गयी थी. इसके सिवाय इन्हें गणित, इतिहास और दर्शनशास्त्र की भी शिक्षा प्राप्त हुयी. उन्होंने अंग्रेजी स्वाध्याय से सीखी. मौलाना आजाद न सिर्फ हिंदी व उर्दू, बल्कि अरबी और फ़ारसी के भी अच्छे विद्वान थे. इस मौके पर समाजसेवी देशराज गौड़, अश्वनी मिश्रा, अजय त्रिपाठी, वीरेन्द्र बाल्मीकि, राकेश कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे.

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