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कार्तिक पूर्णिमाः हजारों श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में लगाई डुबकी

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Published : Nov 13, 2019, 3:50 AM IST

उत्तर प्रदेश के बहराइच में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई. साथ ही इस अवसर पर नदी के तटों पर मेले का आयोजन भी किया गया.

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया.

बहराइचः जिले में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगा कर दान पुण्य किया. साथ ही पूजा अर्चना कर सनातन धर्म की परंपरा का निर्वाहन भी किया. कार्तिक पूर्णिमा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. श्री सिद्ध मंदिर के महामंडलेश्वर रवि गिरी जी महाराज का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा में दिया गया दान ईश्वर की आंखों के सामने होता है और इसे सर्वोच्च दान माना जाता है.

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया.

मनाया गया कार्तिक पूर्णिमा का पर्व
जिले में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया. इस दौरान सरयू नदी में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. श्री सिद्ध मंदिर के महामंडलेश्वर रवि गिरी जी महाराज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान जागृत अवस्था में होते हैं. वह अपने भक्तों के सत्कर्म पर विशेष निगरानी रखते हैं. साथ ही कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली भी मनाई जाती है. इस दौरान लोग अपने घरों में प्रकाश कर भगवान को प्रसन्न करते हैं.

कार्तिक पूर्णिमा पर मेले का आयोजन

  • कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी विवाह का कार्यक्रम भी संपन्न होता है.
  • सनातन धर्म को मानने वाले विभिन्न धर्मों के लोग इस परंपरा को निभाते है.
  • तुलसी मैया का विवाह शालिग्राम भगवान से कराया जाता है.
  • चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है और इस दिन से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है.
  • कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जिले की विभिन्न नदियों और तालाबों के तटों पर मेले का आयोजन किया जाता है.
  • मेले के दौरान कुश्ती पतंग के खेल का भी विशेष महत्व होता है.

इसे भी पढ़ें- कार्तिक पूर्णिमा: कानपुर में सरसैया तो कुशीनगर के बांसी घाट पर उमड़ा जनसैलाब

बहराइचः जिले में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगा कर दान पुण्य किया. साथ ही पूजा अर्चना कर सनातन धर्म की परंपरा का निर्वाहन भी किया. कार्तिक पूर्णिमा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. श्री सिद्ध मंदिर के महामंडलेश्वर रवि गिरी जी महाराज का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा में दिया गया दान ईश्वर की आंखों के सामने होता है और इसे सर्वोच्च दान माना जाता है.

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया.

मनाया गया कार्तिक पूर्णिमा का पर्व
जिले में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया. इस दौरान सरयू नदी में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. श्री सिद्ध मंदिर के महामंडलेश्वर रवि गिरी जी महाराज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान जागृत अवस्था में होते हैं. वह अपने भक्तों के सत्कर्म पर विशेष निगरानी रखते हैं. साथ ही कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली भी मनाई जाती है. इस दौरान लोग अपने घरों में प्रकाश कर भगवान को प्रसन्न करते हैं.

कार्तिक पूर्णिमा पर मेले का आयोजन

  • कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी विवाह का कार्यक्रम भी संपन्न होता है.
  • सनातन धर्म को मानने वाले विभिन्न धर्मों के लोग इस परंपरा को निभाते है.
  • तुलसी मैया का विवाह शालिग्राम भगवान से कराया जाता है.
  • चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है और इस दिन से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है.
  • कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जिले की विभिन्न नदियों और तालाबों के तटों पर मेले का आयोजन किया जाता है.
  • मेले के दौरान कुश्ती पतंग के खेल का भी विशेष महत्व होता है.

इसे भी पढ़ें- कार्तिक पूर्णिमा: कानपुर में सरसैया तो कुशीनगर के बांसी घाट पर उमड़ा जनसैलाब

Intro:एंकर। बहराइच में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगा कर दान पुण्य किया. और पूजा अर्चना कर सनातन धर्म की परंपरा का निर्वाहन किया. कार्तिक पूर्णिमा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. श्री सिद्ध मंदिर के महामंडलेश्वर रवि गिरी जी महाराज का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा में दिया गया दान ईश्वर की आंखों के सामने होता है. और इसे सर्वोच्च दान का समय माना जाता है. महामंडलेश्वर ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान जागृत अवस्था में होते हैं. वह अपने भक्तों के सत्कर्म पर विशेष निगरानी रखते हैं. इतना ही नहीं कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई जाती है. इस दौरान लोग अपने घरों में प्रकाश कर भगवान को प्रसन्न करते हैं.


Body:वीओ-1- कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी विवाह का कार्यक्रम भी संपन्न होता है. सनातन धर्म को मानने वाले विभिन्न धर्मों के लोगों की ओर से इस परंपरा को निभाया जाता है. तुलसी मैया का विवाह शालिग्राम भगवान से कराया जाता है. इस पर्व का भौगोलिक महत्त्व भी है. बताया जाता है कि चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है इस दिन से मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी होती है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जिले की विभिन्न नदियों और तालाबों के तटों पर मेले का आयोजन किया जाता है. प्रातः श्रद्धालु स्नान ध्यान करके पूजा अर्चना करते हैं. उसके बाद मेले का आयोजन होता है. मेले के दौरान कुश्ती पतंग के खेल का विशेष महत्व होता है.
बाइट:-1- महंत रवि गिरी जी महाराज महामंडलेश्वर


Conclusion:सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
बहराइच
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