बहराइच: बिछिया भारत-नेपाल सीमा पर जंगली हाथियों का झुंड पिछले कुछ महीनों से आशियाना बनाए हुए है. इसको लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल भी बना हुआ है, क्योंकि अक्सर जंगली हाथियों के द्वारा मचाया गया उत्पात देखने को मिलता रहता है. कतर्नियाघाट के जंगलों को छोड़कर आबादी की ओर हाथी अक्सर देखे जा रहे हैं. इसकी खास वजह भवानीपुर, बिछिया, जमुनिहा, मटेही गांवों में फसल तहस-नहस करने के बाद अब जंगली हाथी आसपास के गांवों को छोड़कर सीधे नेपाल के जंगलों में जाते देखे जा सकते हैं.
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भारत-नेपाल सीमा पर स्थित कतर्नियाघाट पर इन दिनों लगभग दो दर्जन की संख्या में जंगली हाथियों का झुंड नेपाल में पुनः प्रवेश कर रहा है. नेपाली हाथियों के झुंड को कतर्नियाघाट की आबोहवा काफी रास आ रही है. नेपाल के खाता कारीडोर होते हुए कतर्नियाघाट के जंगल में यह प्रवेश कर जाते हैं. चूंकि सीमा पूरी तरह से खुली हुई है, इसलिए इन्हें इस पार से उस पार आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होती है. खाने के लिए पर्याप्त भोजन व गेरुआ नदी प्यास बुझाने के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है, जहां हाथियों के इस झुंड ने ग्रामीणों की नींद उड़ा रखी है तो वहीं पर कतर्नियाघाट घूमने आने वाले सैलानियों को जंगली हाथियों को देखने के लिए एक आश भी है.