बहराइच: नेपाल की ओर से नदियों में पानी छोड़े जाने के चलते बहराइच में घाघरा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण घाघरा खतरे के निशान को छूने को है. घाघरा में पानी भरने की सूचना पर अपर जिलाधिकारी जय चंद्र पांडे ने ड्रेनेज खंड के अभियंताओं और एनडीआरएफ के जवानों के साथ बाढ़ और कटान प्रभावित गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया.
बहराइच में नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश के कारण घाघरा नदी उफनने लगी है. जलस्तर बढ़ने के कारण घाघरा के तटवर्ती इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसके चलते तटवर्ती इलाकों के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. बाढ़ और कटान प्रभावित ग्राम टिकुरी, कायमपुर, गोलागंज सहित करीब आधा दर्जन गांवों में जलभराव की स्थिति है. घाघरा ने तटवर्ती इलाकों में कटान तेज कर दी है, जिसके चलते घाघरा के तटवर्ती इलाकों में ग्रामीण अपने हाथों ही अपना आशियाना उजाड़ने को मजबूर हैं.
जिले के गिरजापुरी और गोपिया बैराजों से करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके चलते घाघरा का जलस्तर बढ़ने लगा है. जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. कटान के कारण करीब आधा दर्जन ग्रामीणों के मकान कटकर धारा में विलीन हो चुके हैं, जबकि सैकड़ों बीघे की फसल घाघरा की भेंट चढ़ चुकी है.
घाघरा का जलस्तर बढ़ने की सूचना पर एडीएम जय चंद्र पांडे ने एसडीएम महसी, ड्रेनेज खंड के सहायक अभियंता बीवी पाल और एनडीआरएफ के जवानों के साथ कटान प्रभावित ग्राम टिकुरी, पिपरी, कायमपुर और गोलागंज का भ्रमण कर कटान की जमीनी हकीकत जानी. उन्होंने बताया कि घागरा के मुहाने पर बसे ग्रामीणों से घर खाली करने की अपील की गई है. साथ ही तहसील प्रशासन को कटान पीड़ित परिवारों को सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.