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किसान नेता राकेश टिकैत ने संसद की सुरक्षा चूक मुद्दे पर सरकार को घेरा, कहा- आखिर उनके पास किसने बनाए - संसद सुरक्षा चूक मामला

किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) आज बहराइच पहुंचे. उन्होंने संसद की सुरक्षा चूक (Parliament Security Lapse Issue) के मुद्दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में भाजपा को यूपी में 100 से कम सीटें मिली थीं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 9:30 PM IST

किसान नेता राकेश टिकैत ने संसद की सुरक्षा चूक मुद्दे पर सरकार को घेरा

बहराइच: किसान नेता राकेश टिकैत गुरुवार को बहराइच पहुंचे. उनका डीएम ऑफिस के बाहर किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भव्य स्वागत किया. किसान नेता ने संसद की सुरक्षा चूक मामले में बीजेपी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि आखिर उनके पास किसने बनाए. कोई तो है जो उन्हें अंदर लेकर गया. हमारी एजेंसियां इतनी कमजोर नहीं हो सकती हैं. यह जानबूझ भी किया गया हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी. सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए. संसद से सांसदों को सस्पेंड किए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं रहा है. जो आवाज उठाएगा, वह सस्पेंड होगा. आम आदमी आवाज उठाएगा तो जेल जाएगा. सांसद आवास उठाएगा तो सस्पेंड हो जाएगा, यह देश गुलामी की तरफ जा रहा है.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यहां सरकार आम लोगों की नहीं, बल्कि व्यापारियों की सरकार है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी और वहां का हर्षा जंगल अदानी ग्रुप को दिया जा रहा है. जंगल काटे जा रहे है. उन्होंने कहा कि जो लोग आदिवासी हैं जल, जंगल और जमीन की बात करते हैं, उन्हें नक्सलवादी कहकर जेल में डाला जा रहा है. कल भी वहां लाठीचार्ज हुआ और लोगो को जेलों में डाला गया.

ईवीएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी का हारा हुआ कैंडिडेट जीते का सर्टिफिकेट लेकर गया. उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 2022 के चुनाव में 100 से कम सीटें जीती थीं और डेढ़ सौ से अधिक उन्हें फर्जी सर्टिफिकेट दिए गए. उसके बावजूद भी न कोई कोर्ट गया और न कोई इलेक्शन कमीशन गया. हारा हुआ कैंडिडेट भी भाजपा मुख्यालय गया. इलेक्शन कमीशन व कोर्ट नहीं गया. उन्होंने कहा कि ईवीएम से चुनाव नहीं होना चाहिए.

बकाया गन्ना भुगतान को लेकर उन्होंने कहा कि किसानों का डिजिटल भुगतान होना चाहिए. जब देश डिजिटल की ओर जा रहा है तो फिर किसानों का भी भुगतान डिजिटल रूप से होना चाहिए. लेकिन, देश पर व्यापारी हावी है. उन्होंने कहा कि आज भाषा संगठन की मजबूती को लेकर आए हैं. लोगों से बात करेंगे, जमीनी मुद्दों को जानेंगे और संगठन को कैसे मजबूत किया जाए इसकी समीक्षा करेंगे.

यह भी पढ़ें: अयोध्या से 30 दिसंबर को उड़ेगी पहली फ्लाइट, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, वंदे भारत को भी दिखाएंगे हरी झंडी

यह भी पढ़ें: विकसित भारत संकल्प यात्रा: सीएम योगी ने सांसद रवि किशन का बनाया मजाक, हंसते-हंसते लोट-पोट हो गए लोग

किसान नेता राकेश टिकैत ने संसद की सुरक्षा चूक मुद्दे पर सरकार को घेरा

बहराइच: किसान नेता राकेश टिकैत गुरुवार को बहराइच पहुंचे. उनका डीएम ऑफिस के बाहर किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भव्य स्वागत किया. किसान नेता ने संसद की सुरक्षा चूक मामले में बीजेपी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि आखिर उनके पास किसने बनाए. कोई तो है जो उन्हें अंदर लेकर गया. हमारी एजेंसियां इतनी कमजोर नहीं हो सकती हैं. यह जानबूझ भी किया गया हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी. सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए. संसद से सांसदों को सस्पेंड किए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं रहा है. जो आवाज उठाएगा, वह सस्पेंड होगा. आम आदमी आवाज उठाएगा तो जेल जाएगा. सांसद आवास उठाएगा तो सस्पेंड हो जाएगा, यह देश गुलामी की तरफ जा रहा है.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यहां सरकार आम लोगों की नहीं, बल्कि व्यापारियों की सरकार है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी और वहां का हर्षा जंगल अदानी ग्रुप को दिया जा रहा है. जंगल काटे जा रहे है. उन्होंने कहा कि जो लोग आदिवासी हैं जल, जंगल और जमीन की बात करते हैं, उन्हें नक्सलवादी कहकर जेल में डाला जा रहा है. कल भी वहां लाठीचार्ज हुआ और लोगो को जेलों में डाला गया.

ईवीएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी का हारा हुआ कैंडिडेट जीते का सर्टिफिकेट लेकर गया. उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 2022 के चुनाव में 100 से कम सीटें जीती थीं और डेढ़ सौ से अधिक उन्हें फर्जी सर्टिफिकेट दिए गए. उसके बावजूद भी न कोई कोर्ट गया और न कोई इलेक्शन कमीशन गया. हारा हुआ कैंडिडेट भी भाजपा मुख्यालय गया. इलेक्शन कमीशन व कोर्ट नहीं गया. उन्होंने कहा कि ईवीएम से चुनाव नहीं होना चाहिए.

बकाया गन्ना भुगतान को लेकर उन्होंने कहा कि किसानों का डिजिटल भुगतान होना चाहिए. जब देश डिजिटल की ओर जा रहा है तो फिर किसानों का भी भुगतान डिजिटल रूप से होना चाहिए. लेकिन, देश पर व्यापारी हावी है. उन्होंने कहा कि आज भाषा संगठन की मजबूती को लेकर आए हैं. लोगों से बात करेंगे, जमीनी मुद्दों को जानेंगे और संगठन को कैसे मजबूत किया जाए इसकी समीक्षा करेंगे.

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