बहराइच: जिले की बलहा सुरक्षित विधानसभा सीट के लिए होने वाले मतदान की तिथि करीब आ गई है. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से काफी सक्रियता दिखाई दे रही है. वहीं कांग्रेस, सपा और बसपा की ओर से स्टार प्रचारकों की जनसभाओं का अभाव नजर आ रहा है, जहां भाजपा की ओर से अनेकों स्टार प्रचारकों द्वारा चुनावी सभाएं कर भाजपा प्रत्याशी को जिताने की अपील की जा रही है. वहीं सपा, बसपा और कांग्रेस का कोई भी स्टार प्रचारक क्षेत्र में नहीं पहुंचा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो बार चुनावी सभाएं कर चुके हैं. जहां भाजपा चुनावी समर में ताल ठोंकती नजर आ रही है, वहीं गैर भाजपाई दल वेट एंड वॉच की मुद्रा में हैं.
- बलहा विधानसभा का गठन 2012 में हुआ था.
- 2012 में यहां से भाजपा प्रत्याशी साध्वी सावित्री बाई फुले ने जीत दर्ज की थी.
- 2014 में उनके सांसद चुने जाने के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट समाजवादी पार्टी के बंशीधर बौद्ध ने भाजपा से छीन ली थी.
- 2017 में हुए विधानसभा के चुनाव में यह सीट फिर भाजपा की झोली में चली गई, यहां से भाजपा के अक्षयवर लाल गौड़ ने जीत दर्ज की थी.
- 2019 के लोकसभा चुनाव में अक्षयवर लाल गौड के सांसद चुने जाने के बाद इस विधानसभा सीट को एक बार फिर उपचुनाव का सामना करना पड़ रहा है.
- बलहा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सरोज सोनकर, सपा प्रत्याशी किरण भारती, बसपा प्रत्याशी रमेश गौतम, कांग्रेस प्रत्याशी मनुदेवी अपनी-अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं.
पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं निर्णायक स्थिति में
मुस्लिम बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में पिछड़े मतदाता सर्वाधिक हैं. पिछड़े वर्ग के मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं. उनका रुझान जिस ओर होता है, वह चुनावी वैतरणी पार कर लेता है. बलहा विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा के अनेको मंत्री और स्टार प्रचारक क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे हैं.
वहीं गैर भाजपाई दल सपा, बसपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की अभी तक कोई जनसभा नहीं हुई है. हलांकि सपा, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी और क्षेत्रीय नेता गांव-गांव पहुंचकर मतदाताओं के घरों पर दस्तक दे रहे हैं. उनसे उनका वोट और समर्थन मांग रहे हैं. सभी दलों के प्रत्याशी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं. स्टार प्रचारकों के न आने पर सपा नेता अनवर वारसी कहते हैं कि चमचमाती गाड़ियां मत देखिए जमीनी हकीकत उनके पक्ष में हैं.