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बहराइच में आम की पैदावार पर मौसम की मार - agriculture news

बहराइच में आम की पैदावार करने वाले किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं. आम के फल भारी मात्रा में मुरझा कर गिर रहे हैं, जिससे किसानों के सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो रही है.

Farmers worried about mango trees
आम की पैदावार को लेकर किसान परेशान
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Published : May 8, 2020, 5:53 PM IST

बहराइच: जिले में मौसम की मार ने आम की पैदावार करने वाले किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है. भारी मात्रा में आम मुरझा कर गिर रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो आम की पैदावार 60 से 70% घट जाएगी. कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. पी. सिंह का कहना है कि मौसम की बेरुखी के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है. उनका कहना है कि कम पानी और अधिक नमी दोनों फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बता दें कि बहराइच जिला आम के पैदावार के लिए बड़े क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यहां देसी और गुलाबखास जैसी प्रजाति के आम पाए जाते हैं,

Farmers worried about mango trees
आम की पैदावार को लेकर किसान परेशान

आम की फसल के नुकसान होने के संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर एमपी सिंह का कहना है कि इस बार आम के फल बड़े होने से पहले गिर रहे हैं. इसके पीछे उनका कहना है कि आम के वृक्ष में अधिक नमी और कम नमी दोनों ही नुकसानदायक है. उन्होंने बताया कि मिट्टी के आधार पर उर्वरक की आवश्यकता होती है. एक साल के आम के वृक्ष को 10 किलो सड़ी गोबर की खाद, 200 ग्राम नाइट्रोजन, 200 ग्राम फास्फोरस और 300 ग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है.

इसी तरह इस मात्रा को दूसरे साल डबल और तीसरे साल 3 गुना और चौथे साल 4 गुना और पांचवे साल 5 गुना कर आम के वृक्ष में डालना चाहिए. उन्होंने बताया कि हारमोन की कमी से भी बौर और फल गिरते हैं. उन्होंने बताया कि बौर और फल के गिरने के कारणों में बीमारी और कीड़े भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके लिए मोनोक्लोटो फास का प्रयोग करना चाहिए. इसका प्रयोग करने से फलों का गिरना रुक जाएगा.

बहराइच: जिले में मौसम की मार ने आम की पैदावार करने वाले किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है. भारी मात्रा में आम मुरझा कर गिर रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो आम की पैदावार 60 से 70% घट जाएगी. कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. पी. सिंह का कहना है कि मौसम की बेरुखी के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है. उनका कहना है कि कम पानी और अधिक नमी दोनों फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. बता दें कि बहराइच जिला आम के पैदावार के लिए बड़े क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. यहां देसी और गुलाबखास जैसी प्रजाति के आम पाए जाते हैं,

Farmers worried about mango trees
आम की पैदावार को लेकर किसान परेशान

आम की फसल के नुकसान होने के संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर एमपी सिंह का कहना है कि इस बार आम के फल बड़े होने से पहले गिर रहे हैं. इसके पीछे उनका कहना है कि आम के वृक्ष में अधिक नमी और कम नमी दोनों ही नुकसानदायक है. उन्होंने बताया कि मिट्टी के आधार पर उर्वरक की आवश्यकता होती है. एक साल के आम के वृक्ष को 10 किलो सड़ी गोबर की खाद, 200 ग्राम नाइट्रोजन, 200 ग्राम फास्फोरस और 300 ग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है.

इसी तरह इस मात्रा को दूसरे साल डबल और तीसरे साल 3 गुना और चौथे साल 4 गुना और पांचवे साल 5 गुना कर आम के वृक्ष में डालना चाहिए. उन्होंने बताया कि हारमोन की कमी से भी बौर और फल गिरते हैं. उन्होंने बताया कि बौर और फल के गिरने के कारणों में बीमारी और कीड़े भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके लिए मोनोक्लोटो फास का प्रयोग करना चाहिए. इसका प्रयोग करने से फलों का गिरना रुक जाएगा.

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