बहराइच: कोरोना वायरस ने विश्व के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में भी इसके रोगियों के मिले हैं, जिसके बाद नेपाल में भी स्वास्थ विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस रोगियों के लिए 10 बेड के दो वार्ड बनाए गए हैं, जिसमें उपचार के लिए दवाएं और जांच की व्यवस्था की गई है.
इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस के संदर्भ में जन समुदाय को जागरूक करने के लिए पंपलेट भी छपवाए हैं. इसमें कोरोना वायरस के लक्षण और उससे बचाव के संबंध में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर शासन भी गंभीर है. इस संबंध में डीएम और स्वास्थ विभाग के साथ शासन के स्वास्थ्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर हालात का जायजा लिया है. चिकित्सकों को भी अलर्ट कर दिया गया है. कोरोना वायरस को लेकर नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल की 42वीं वाहिनी के मुख्यालय पर कमांडेंट प्रवीण कुमार की अध्यक्षता में सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कोरोना वायरस से बचने के सुझाव दिए गए.
कोरोना वायरस के लक्षण
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के रोगियों में अचानक बुखार आना, खांसी अथवा सांस लेने में परेशानी, सिर दर्द, गले में दर्द, जुकाम, खांसी, बुखार आना और किडनी से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होना शामिल है.
बचाव के उपाय
सीएमएस डॉ. डीके सिंह ने बताया कि खांसते, छींकते समय रुमाल या कोई कपड़ा मुंह पर रखना चाहिए. यदि रुमाल और कपड़ा न हो तो कम से कम हाथों से मुंह-नाक को सामने से ढ़कना चाहिए, जिससे खांसी और छींक के माध्यम से वायरल वातावरण में न फैल सके. बातचीत के दौरान एक हाथ का फासला रखना चाहिए, ताकि थूंक आदि के संक्रमित कण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में न पहुंच सकें.