बागपत: जम्मू कश्मीर में शहीद हुए सेना के जवान प्रशांत शर्मा के बागपत स्तिथ पैतृक गांव बिजरोल में सूचना मिलते ही ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई. ग्रामीणों ने गांव के बाहर स्तिथ बाबा शाहमल की शहीद स्थली पर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा. इसके बाद वह शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुजफ्फरनगर गए हैं.
आपको बता दें कि शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में गोलियां लगने से सेना के जवान प्रशांत शर्मा शहीद हो गए थे. प्रशांत शर्मा बागपत जिले के बिजरोल गांव के रहने वाले हैं. उनका परिवार अब मुजफ्फरनगर जनपद में रह रहा है. प्रशांत शर्मा 2015 में सेना में भर्ती हुए थे और 50 राष्ट्रीय राइफल में सिपाही के पद पर तैनात थे.
प्रशांत शर्मा के मुठभेड़ में शहीद होने की सूचना जैसे ग्रामीणों ने टीवी पर देखी तो गांव में शोक की लहर फैल गई. ग्रामीणों ने गांव के ही बाहर बाबा शाहमल की शहीद स्थली पर दो मिनट का मौन रखा. इसके बाद ग्रामीण शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुजफ्फरनगर रवाना हुए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें एक तरफ शहीद प्रशांत के लिए गम है तो वही उन्हें अपने गांव के लाल पर गर्व भी है, क्योंकि वह देश के लिए शहीद हुए हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले देश को आजादी दिलाने लिए लिए गांव के ही बाबा शाहमल अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे.
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