बागपत : प्रदेश के कई जिलों में कहर बरपा रहे रहस्यमयी बुखार यानि स्क्रब टाइफ्स अब बागपत जिले में भी पहुंच चुका है. बागपत के बड़ौत शहर के आस्था हास्पिटल में एडमिट एक वर्षीय बच्चे में प्रारंभिक लक्षणों और ब्लड टेस्ट में स्क्रब टाइफस के लक्षण मिले हैं. फिलहाल, पाजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बच्चे के खून के सैंपल पुष्टि के लिए लखनऊ पीजीआई को भेजे हैं.
दरअसल, बच्चे को अस्पताल लेकर उसके परिजन पहुंचे थे. बच्चे को 103 डिग्री बुखार था और प्लेट्लेट्स भी 20 हजार के आसपास थीं. चेकअप में उसके डायपर के नीचे और दो अन्य जगहों पर बाइट मार्क (चारों तरफ लाल और बीच मे काले रंग का मार्क) दिखाई दिया. बच्चे के पूरे शरीर पर लाल चकते पड़े हुए थे. जिसके बाद डॉ. अभिनव ने बताया कि बच्चे के सभी ऑर्गन्स फेलियर हैं, यानी शरीर के पार्ट्स पूरी तरह से काम नहीं कर रहे हैं. बच्चे का बुखार उसके दिमाग तक पहुंच चुका था, जिससे कि बच्चे की स्थिति काफी चिंताजनक थी. प्रथम दृष्टया सभी लक्षण स्क्रब टाइफस बुखार से मिलते-जुलते दिखाई दिए. मेरठ में निजी लैब में बच्चे के खून की जांच कराई गई तो रिपोर्ट भी पाजिटिव आई. इसके बाद स्क्रब टाइफ्स बुखार का ट्रीटमेंट शुरू करते ही बच्चे की हालत में थोड़ा सुधार आया, मगर अभी भी उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
बच्चे का उपचार कर रहे डॉ. अभिनव तोमर ने बताया कि बच्चा पांच दिन पहले आया था, बच्चे को 5 दिन से तेज बुखार और बॉडी में लाल चकते जैसे निशान पड़े हुए थे. इसकी प्लेटलेट्स मात्र 20 हजार थे. जब से बच्चा आया था उस समय उसकी बॉडी से जगह-जगह से खून बह रहा था और इसके ऑर्गेन्स काम नहीं कर रहे थे. इसके मस्तिष्क में भी बीमारी फैल गयी थी. लीवर भी काम नहीं कर रहा था. गुर्दे भी फेलियर की स्थिति में थे. उन्होंने कहा कि हमें स्क्रब टाइफस का शक हुआ. स्क्रब टाइफस यूपी के काफी जिलों में तेजी से फैल रहा है इसको मिस्टीरियस फीवर यानि रहस्यमई बुखार के नाम से भी जाना जा रहा है.
लक्षण
इस बीमारी में जो लक्षण होते हैं वो तेज बुखार, बदन में दर्द, बॉडी में प्लेटलेट्स में गिरावट होना, लाल निशान पड़ना जैसे लक्षण पाए जाते हैं. आजकल बरसात का सीजन है, डेंगू या मलेरिया से कन्फ्यूज किया जा रहा है इसलिए इसकी जांचों में थोड़ा सा लेट हो जाता है. डॉक्टर्स या लोग डेंगू सोचते है और डेंगू की जांच कराते हैं. उन्होंने बताया कि जब बच्चा आया था तब उसकी स्थिति बेहद नाजुक थी मगर उस दिन को देखते हुए आज बच्चे में थोड़ा सुधार है. उमीद है कि बच्चा ठीक भी हो सकता है