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बागपत: गन्ना किसानों का हाल बेहाल, 505 करोड़ का भुगतान बकाया

उत्तर प्रदेश के बागपत में पिछले सितंबर माह से किसानों का गन्ना भुगतान नहीं हो सका है. शुगर मिलों की उदासीनता से गन्ना किसानों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. अभी भी किसानों का शुगर मिलों पर 504 करोड़ रुपये का बकाया है.

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गन्ना किसानों का नहीं हो रहा भुगतान.
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Published : Jul 18, 2020, 10:16 AM IST

Updated : Jul 18, 2020, 12:32 PM IST

बागपत: बागपत में इन दिनों किसानों को दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है. शुगर मिलों के बंद होने से गन्ना किसान भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. शुगर मिल बंद हो चुके हैं, लेकिन अभी तक किसानों का गन्ना भुगतान नहीं हो सका है, जिसके चलते किसानों में आक्रोश पनप रहा है. व्यापारी भी अब किसानों को उधार में सामान देने से मना कर रहे हैं, लेकिन शुगर मिल प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है.

गन्ना किसानों का नहीं हो रहा भुगतान.
दअरसल, तहसील बडौत इलाके के मलकपुर गांव में स्थित एसबीईसी शुगर मिल पर किसानों का पिछले सत्र के गन्ने का अभी भी करोड़ों रुपये का बकाया है. राज्य सरकार के सख्त आदेश के बाद भी मिल मालिक ने किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया. मिल प्रबंधन अभी तक सितंबर 2019 तक का ही भुगतान कर पाया है, जिससे किसान खासा परेशान हैं. हालांकि सरकार ने किसानों से 14 दिन में भुगतान करने की बात कही थी, लेकिन 14 दिन की बात तो दूर महीनों में भी किसानों का भुगतान नहीं हो पा रहा है.

जनपद में तीन शुगर मिल हैं, जिसमें से रमाला शुगर मिल और बागपत शुगर मिल सहकारी मिले हैं, जबकि मलकपुर शुगर मिल मोदी ग्रुप की निजी शुगर मिल है. किसानों की मानें तो जब से शुगर मिल जनपद में लगे हैं, तभी से भुगतान देने में मिलों का रवैया निराशाजनक रहा है. हालांकि शुगर मिल पर पूर्व में भुगतान न होने के चलते आरसी भी जारी हो चुकी है, लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर नतीजा शून्य रहा है. शायद यही वजह है कि मिल प्रबंधन किसानों को समय पर भुगतान करने में लापरवाही करता है. तीनों शुगर मिलों के उपर किसानों का 504 करोड़ रुपये बकाया है.

तीनों चीनी मिलों का कुल इस सत्र का 922 करोड़ रुपये का ड्यू बनता था, जिसके सापेक्ष 418 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है और 504 करोड़ रुपये का बकाया बचा है. तीनों चीनी मिलों पर चीनी का बेस प्राइज बढ़कर 33 रुपये हुआ है.

बागपत: बागपत में इन दिनों किसानों को दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है. शुगर मिलों के बंद होने से गन्ना किसान भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. शुगर मिल बंद हो चुके हैं, लेकिन अभी तक किसानों का गन्ना भुगतान नहीं हो सका है, जिसके चलते किसानों में आक्रोश पनप रहा है. व्यापारी भी अब किसानों को उधार में सामान देने से मना कर रहे हैं, लेकिन शुगर मिल प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है.

गन्ना किसानों का नहीं हो रहा भुगतान.
दअरसल, तहसील बडौत इलाके के मलकपुर गांव में स्थित एसबीईसी शुगर मिल पर किसानों का पिछले सत्र के गन्ने का अभी भी करोड़ों रुपये का बकाया है. राज्य सरकार के सख्त आदेश के बाद भी मिल मालिक ने किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया. मिल प्रबंधन अभी तक सितंबर 2019 तक का ही भुगतान कर पाया है, जिससे किसान खासा परेशान हैं. हालांकि सरकार ने किसानों से 14 दिन में भुगतान करने की बात कही थी, लेकिन 14 दिन की बात तो दूर महीनों में भी किसानों का भुगतान नहीं हो पा रहा है.

जनपद में तीन शुगर मिल हैं, जिसमें से रमाला शुगर मिल और बागपत शुगर मिल सहकारी मिले हैं, जबकि मलकपुर शुगर मिल मोदी ग्रुप की निजी शुगर मिल है. किसानों की मानें तो जब से शुगर मिल जनपद में लगे हैं, तभी से भुगतान देने में मिलों का रवैया निराशाजनक रहा है. हालांकि शुगर मिल पर पूर्व में भुगतान न होने के चलते आरसी भी जारी हो चुकी है, लेकिन हर बार कार्रवाई के नाम पर नतीजा शून्य रहा है. शायद यही वजह है कि मिल प्रबंधन किसानों को समय पर भुगतान करने में लापरवाही करता है. तीनों शुगर मिलों के उपर किसानों का 504 करोड़ रुपये बकाया है.

तीनों चीनी मिलों का कुल इस सत्र का 922 करोड़ रुपये का ड्यू बनता था, जिसके सापेक्ष 418 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है और 504 करोड़ रुपये का बकाया बचा है. तीनों चीनी मिलों पर चीनी का बेस प्राइज बढ़कर 33 रुपये हुआ है.

Last Updated : Jul 18, 2020, 12:32 PM IST
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