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सजल बागपत अभियान के तहत किया जा रहा तालाबों और नदियों को पुनर्जीवित - सजल बागपत अभियान

सजल बागपत अभियान के तहत श्रमदान कर 12 किलोमीटर लंबी लूम्व नदी का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. इससे लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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तालाबों और नदियों को पुनर्जवित
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Published : May 29, 2022, 7:25 PM IST

बागपत : जनपद के गिरते जल स्तर को लेकर डीएम ने जनपद में सजल बागपत पहल की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत जनपद के तालाबों और नदियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. स्थानीय लोग भी डीएम की पहल की सरहाना कर रहे हैं. इसी के चलते डीएम प्रत्येक रविवार को आला अधिकारियों और स्थानीय लोगों के साथ नदियों और तालाबों के जीर्णोद्वार के लिए निकल पड़ते है.

तालाबों और नदियों का जीर्णोद्धार

डीएम राजकमल यादव ने बताया कि जनपद में जो जल स्तर है, वो काफी कठनाई के दौर से गुजर रहा है. जल स्तर को बढ़ाने के लिए सभी को प्रयास करना पड़ेगा. इसलिए जो पुराने समय में नदी नाले थे, सभी को पुनर्जीवित किया जा रहा है ताकि बरसात के मौसम में छोटे-छोटे बांध बना पानी को संरक्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में जल रहे. किसी भी व्यक्ति को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इसलिए इस अभियान की शुरुआत की गई है. इसके तहत श्रमदान कर 12 किलोमीटर लंबी लूम्व नदी का जीर्णोद्धार किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- तेंदुए के हमले से बच्चे की मौत, नाराज ग्रामीणों ने फॉरेस्ट गार्ड की कर दी पिटाई

वहीं, स्थानीय लोग भी डीएम की इस पहल की सरहाना कर रहे है. उनका कहना है कि इस पहल से कहीं न कहीं पानी की समस्या कम होगी. साथ ही जिले में पर्याप्त मात्रा में लोगों को जल मिल सकेगा.

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बागपत : जनपद के गिरते जल स्तर को लेकर डीएम ने जनपद में सजल बागपत पहल की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत जनपद के तालाबों और नदियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. स्थानीय लोग भी डीएम की पहल की सरहाना कर रहे हैं. इसी के चलते डीएम प्रत्येक रविवार को आला अधिकारियों और स्थानीय लोगों के साथ नदियों और तालाबों के जीर्णोद्वार के लिए निकल पड़ते है.

तालाबों और नदियों का जीर्णोद्धार

डीएम राजकमल यादव ने बताया कि जनपद में जो जल स्तर है, वो काफी कठनाई के दौर से गुजर रहा है. जल स्तर को बढ़ाने के लिए सभी को प्रयास करना पड़ेगा. इसलिए जो पुराने समय में नदी नाले थे, सभी को पुनर्जीवित किया जा रहा है ताकि बरसात के मौसम में छोटे-छोटे बांध बना पानी को संरक्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में जल रहे. किसी भी व्यक्ति को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इसलिए इस अभियान की शुरुआत की गई है. इसके तहत श्रमदान कर 12 किलोमीटर लंबी लूम्व नदी का जीर्णोद्धार किया जा रहा है.

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वहीं, स्थानीय लोग भी डीएम की इस पहल की सरहाना कर रहे है. उनका कहना है कि इस पहल से कहीं न कहीं पानी की समस्या कम होगी. साथ ही जिले में पर्याप्त मात्रा में लोगों को जल मिल सकेगा.

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