बागपत: जिले के ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर पुलिस की बड़ी लापरवारी सामने आई है, जिस कारण एक्सप्रेस-वे पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. दरअसल लाॅकडाउन के दौरान पुलिस की ओर से वहां पर अस्थायी चौकी बनाई गई थी और लोहे की बेरिकेडिंग और पत्थर लगाया गया था, जो वैसे ही छोड़ दिया गया है.
वहीं बीते दिनों मामले पर संज्ञान लेते हुए सीओ बागपत ओमपाल सिंह ने हाइवे पर बिखरे बेरिकेडिंग और पत्थरों को हटाने का निर्देश दिया था. इसके बाद भी वहां से बेरिकेडिंग आदि को नहीं हटाया गया. लाॅकडाउन के दौरान हाइवे पर पुलिस की ओर से एक अस्थायी ब्रेकर भी बनाया गया था. हाइवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहनों का आवागमन होता है. अगर तेज रफ्तार वाहन इनसे टकराते हैं, तो बड़ा हादसा होना तय है. वहीं इस संबंध में सीओ सिटी ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान वहां पर अस्थायी चौकी भी बनाई गई थी. उन्होंने बताया कि सभी सामान वहां से हटाया जा रहा है और बेरिकेडिंग आदि को भी जल्द से जल्द हटाया जाएगा.
हाइवे पर पहले भी हो चुका है हादसा
19 मई 2020 को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर लहचौड़ा गांव के पास दोपहर तेज रफ्तार कार खड़े ट्रक में जा घुसी थी. हादसे में कार सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी. तीनों युवक मीरपुर लोनी गाजियाबाद के रहने वाले थे. अगर हाइवे पर पड़े पत्थरों से वाहन टकराते हैं, तो इससे भी बड़ा हादसा हो सकता है.
इससे पहले भी सामने आ चुकी है पुलिस की लापरवाही
अगस्त 2014 में पुराना कस्बा से युवती का अपहरण कर दिल्ली में गैंगरेप की वारदात में पकड़े गए तीनों आरोपियों को जब कोर्ट में पेश किया गया था, उस दौरान भी पुलिस की लापरवाही सामने आई थी. तीनों आरोपियों को केवल एक पुलिसकर्मी ही कोर्ट लेकर गया था. इतना ही नहीं वह आरोपियों को छोड़कर दूर चला गया था और कचहरी के पास तीनों आरोपी हथकड़ी खुद ही पकड़कर चलते नजर आए थे.