बागपत: प्रदेश के बागपत जिले के लोग बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं. जिले में बस स्टैंड न होने से यात्री धूप और बारिश में सिर छुपाने के लिए इधर-उधर भागते हैं.
बागपत को जिला बने हुए दो दशक बीत गए हैं, लेकिन अभी तक यहां सही मायने में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. सरकारें बदलती रहीं, लेकिन बागपत जैसे का तैसा बना रहा. विकास के नाम पर सब लोगों को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया. असली हकीकत तो यह है कि बागपत को जिला बने हुए 22 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक यहां पर रोडवेज बस अड्डा भी नहीं है.
वर्ष 1997 में मायावती ने बागपत को जिला बनाया था. इसके बाद कई सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन जिले की हालत जस की तस बनी हुई है. स्वर्गीय प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र चौधरी अजित सिंह कई बार सांसद भी रह चुके हैं. उसके बाद भी विकास के क्षेत्र में बागपत आगे बढ़ने की जगह पिछड़ता जा रहा है. हालांकि प्रशासन ने कई बार भूमि चिह्नित करने की कोशिश की. कोई न कोई कानूनी अड़चन आती रही.
जिला बनने के बाद बागपत की जनता को लगा था कि बागपत विकास की पटरी पर दौड़ेगा. बागपत में यातायात के नए साधन होंगे, रोडवेज की बसें चलेंगी, बस अड्डा बनाया जाएगा. मगर 22 साल बाद भी ये लोगों का सपना बनकर रह गया.
यात्रियों का कहना है कि बस अड्डा न होने से धूप में बारिश में रोड के किनारे खड़ा रहना पड़ता हैं. इस कारण रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है. बारिश के मौसम में अक्सर सड़क के किनारे पानी भरा रहता है. इसके चलते बारिश के मौसम में यात्रियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.