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सरकार 22 साल बाद भी नहीं दे रही ध्यान, बस स्टैंड न होने से यात्री परेशान

बागपत को जिला बने हुए 22 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक यहां पर रोडवेज बस अड्डा भी नहीं हैं. बस अड्डा न होने से यात्रियों को धूप और बारिश में रोड के किनारे खड़ा रहना पड़ता है.

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Published : Feb 26, 2019, 4:30 PM IST

22 सालों में बागपत में नहीं बन पाया रोडवेज बस अड्डा

बागपत: प्रदेश के बागपत जिले के लोग बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं. जिले में बस स्टैंड न होने से यात्री धूप और बारिश में सिर छुपाने के लिए इधर-उधर भागते हैं.

बागपत को जिला बने हुए दो दशक बीत गए हैं, लेकिन अभी तक यहां सही मायने में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. सरकारें बदलती रहीं, लेकिन बागपत जैसे का तैसा बना रहा. विकास के नाम पर सब लोगों को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया. असली हकीकत तो यह है कि बागपत को जिला बने हुए 22 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक यहां पर रोडवेज बस अड्डा भी नहीं है.

22 सालों में बागपत में नहीं बन पाया रोडवेज बस अड्डा

वर्ष 1997 में मायावती ने बागपत को जिला बनाया था. इसके बाद कई सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन जिले की हालत जस की तस बनी हुई है. स्वर्गीय प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र चौधरी अजित सिंह कई बार सांसद भी रह चुके हैं. उसके बाद भी विकास के क्षेत्र में बागपत आगे बढ़ने की जगह पिछड़ता जा रहा है. हालांकि प्रशासन ने कई बार भूमि चिह्नित करने की कोशिश की. कोई न कोई कानूनी अड़चन आती रही.

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जिला बनने के बाद बागपत की जनता को लगा था कि बागपत विकास की पटरी पर दौड़ेगा. बागपत में यातायात के नए साधन होंगे, रोडवेज की बसें चलेंगी, बस अड्डा बनाया जाएगा. मगर 22 साल बाद भी ये लोगों का सपना बनकर रह गया.

यात्रियों का कहना है कि बस अड्डा न होने से धूप में बारिश में रोड के किनारे खड़ा रहना पड़ता हैं. इस कारण रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है. बारिश के मौसम में अक्सर सड़क के किनारे पानी भरा रहता है. इसके चलते बारिश के मौसम में यात्रियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

बागपत: प्रदेश के बागपत जिले के लोग बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं. जिले में बस स्टैंड न होने से यात्री धूप और बारिश में सिर छुपाने के लिए इधर-उधर भागते हैं.

बागपत को जिला बने हुए दो दशक बीत गए हैं, लेकिन अभी तक यहां सही मायने में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. सरकारें बदलती रहीं, लेकिन बागपत जैसे का तैसा बना रहा. विकास के नाम पर सब लोगों को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया. असली हकीकत तो यह है कि बागपत को जिला बने हुए 22 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी तक यहां पर रोडवेज बस अड्डा भी नहीं है.

22 सालों में बागपत में नहीं बन पाया रोडवेज बस अड्डा

वर्ष 1997 में मायावती ने बागपत को जिला बनाया था. इसके बाद कई सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन जिले की हालत जस की तस बनी हुई है. स्वर्गीय प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र चौधरी अजित सिंह कई बार सांसद भी रह चुके हैं. उसके बाद भी विकास के क्षेत्र में बागपत आगे बढ़ने की जगह पिछड़ता जा रहा है. हालांकि प्रशासन ने कई बार भूमि चिह्नित करने की कोशिश की. कोई न कोई कानूनी अड़चन आती रही.

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जिला बनने के बाद बागपत की जनता को लगा था कि बागपत विकास की पटरी पर दौड़ेगा. बागपत में यातायात के नए साधन होंगे, रोडवेज की बसें चलेंगी, बस अड्डा बनाया जाएगा. मगर 22 साल बाद भी ये लोगों का सपना बनकर रह गया.

यात्रियों का कहना है कि बस अड्डा न होने से धूप में बारिश में रोड के किनारे खड़ा रहना पड़ता हैं. इस कारण रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है. बारिश के मौसम में अक्सर सड़क के किनारे पानी भरा रहता है. इसके चलते बारिश के मौसम में यात्रियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Intro:बागपत जिले को बीते 22 साल हो जाने के बाद भी आज तक बागपत में बस स्टॉप नहीं बन पाया। 1997 में मायावती ने बनाया था बागपत जिला। स्वर्गीय प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जन्मभूमि रह चुकी है बागपत। बीते 22 सालों में कई सरकारें आई और चली गई लेकिन यहां के स्थानीय लोगों को अभी तक बस अड्डा प्राप्त नहीं हो पाया। बस अड्डा ना होने से यात्री धूप बारिश में भी खड़े रहते हैं। जिसके चलते सहारनपुर दिल्ली हाईवे पर जाम की स्थिति बनी रहती है।





बागपत से आसपास क्षेत्र में जाने में होती है यात्रियों को दिक्कत।


Body:बागपत को जिला बने हुए दो दशक बीत गए लेकिन अभी तक सही मायने में बुनियादी सुविधाएं नहीं उपलब्ध हो पा रही। सरकारों पर सरकारे बदलती रहीं लेकिन बागपत जैसे का तैसा बना रहा। विकास के नाम पर सब लोगों को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया। लेकिन असली हकीकत तो यह है की बागपत को जिला बने हुए 22 साल पूरे हो गए हैं लेकिन अभी तक यहां पर रोडवेज बस अड्डा, भी नहीं है। आपको बता दें वर्ष 1997 में मायावती ने बागपत को जिला बनाया था जिसके बाद कई सरकारें आती जाती रही। बागपत जिला हमारे पूर्व स्वर्गीय प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रह चुकी है। यहां पर चौधरी चरण सिंह के पुत्र चौधरी अजीत सिंह कई बार सांसद भी रह चुके हैं लेकिन उसके बाद भी विकास के क्षेत्र में बागपत आगे बढ़ने की जगह बिछड़ता जा रहा है। बीते 22 सालों में यहां पर किसी भी प्रकार की यातायात की सुविधा नहीं है। इसके बावजूद भी यहां पर बस अड्डा का निर्माण नहीं हो पाया हालांकि प्रशासन ने कई बार भूमि चिन्हित करने की कोशिश की लेकिन कोई न कोई कानूनी अड़चन आती रहती हैं जिला बनने के बाद बागपत की जनता को लगा था कि बागपत विकास की पटरी पर दौड़ेगी बागपत में यातायात के नए साधन होंगे रोडवेज की बसें चलेंगी बस अड्डा बनाया जाएगा बागपत से ही जगह-जगह के लिए पहुंचा जा सकेगा। मगर जिला बने हुए कम से कम 22 साल में भी यह सब लोगों का सपना ही सपना बनकर रह गया। बागपत में रोडवेज बस अड्डा बनना तो दूर की बात है यहां पर बस खड़ी करने के लिए भी जगह नहीं है वही शाम 7:00 बजे होते ही लोगों को बस नहीं मिलती है। बागपत से मेरठ जल्दी सहारनपुर मुजफ्फरनगर शामली हरिद्वार आदि जगहों पर जाने के लिए बागपत में ना तो सिटी बसें और ना ही रोडवेज है। एनसीआर रीजन के आने के बावजूद यहां पर हजारों की संख्या में दिल्ली से बागपत का आना जाना होता है लेकिन इसके बावजूद भी यहां के लोगों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है। बागपत बागपत से सिर्फ मेरठ दिल्ली बड़ौत के लिए ही बसें मिलती है।
वहीं कुछ यात्रियों का कहना है बस अड्डा ना होने से धूप में बारिश में रोड के किनारे खड़ा रहना पड़ता है। इस कारण रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है। बारिश के मौसम में अक्सर सड़क के किनारे पानी भरा रहता है। इसलिए बारिश के मौसम में यात्रियों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है
इस प्रक्रिया को लेकर जब ईटीवी भारत ने क्षेत्र के विधायक योगेश धामा से बस स्टॉप को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा किस शहर में विकास हो रहा है शहर के कई कार धीरे धीरे अग्रसर है। शासन को बस स्टॉप के लिए यहां से सारी चीजें भेजी जा चुकी है जल्दी बस स्टॉप पर आने का कारण किया जाएगा।



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