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यूक्रेनियों के लिए मसीहा बने बागपत के बिजेंद्र, 40 करोड़ की दवा बांटी

बागपत के ब्रिजेंद्र राणा जो 1992 से यूक्रेन के खारकीव में दवाओं का व्यापार कर रहे हैं, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच वहां मानवता की नई मिसाल पेश कर रहे हैं. उन्होंने खारकीव के मेयर के आग्रह पर अब तक युद्ध में घायलों, बीमार और जरूरतमंद लोगों के बीच करीब 40 करोड़ की दवाइयां बांट दीं हैं.

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बागपत के ब्रिजेंद्र
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Published : Mar 27, 2022, 5:21 PM IST

Updated : Mar 27, 2022, 6:06 PM IST

बागपत. यूक्रेन और रूस के बीच एक महीने से चल रहे युद्ध में कई लोग प्रभावित हुए है. उन्हें कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ा है. ऐसे में इन लोगों के लिए बागपत के निरपुड़ा निवासी ब्रिजेंद्र राणा मानवता की नई मिसाल पेश कर रहे हैं. जी हां, ब्रिजेंद्र राणा युद्ध में घायलों, बीमार और जरूरतमंद लोगों के बीच अब तक करीब 40 करोड़ की दवाइयां बांट चुके हैं. इनमें अधिकांश दवाएं नि:शुल्क दी गईं हैं. हालांकि अब वह खुद स्वदेश लौटने के लिए यूक्रेन प्रशासन और भारतीय दूतावास से संपर्क में हैं और गुहार लगा रहे हैं.

नवीन राणा, बागपत.

वहीं, परिजनों के मुताबिक ब्रिजेंद्र राणा 1992 में खारकीव चले गए थे. वहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की और फिर अपने दोस्त के साथ मिलकर मेडिसिन का बिजनेस स्टार्ट कर दिया. उनकी कंपनी का नाम अनंता मेडिकल है. उन्होंने बताया कि यूक्रेन और रूस के युद्ध का असर वहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ा. इसके चलते खारकीव के मेयर ने ब्रिजेंद्र राणा से लोगों के उपचार के दवाइयों की हेल्प मांगी तो उन्होंने करीब 40 करोड़ की दवाएं दीं और जरुरतमंदों की पूरी मदद की.

यह भी पढ़ें- पुरानी रंजिश के चलते युवक की गोली मारकर हत्या, आरोपी फरार

परिजनों ने बताया कि शनिवार को ब्रिजेंद्र राणा ने फोन पर अपने भाई से बात की. बताया कि वह अब वेस्ट यूक्रेन में रह रहे हैं. वहां फिलहाल किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने स्वदेश लौटने के लिए यूक्रेन प्रशासन और भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया है. वहां से उन्हें मदद का आश्वासन मिल रहा है.

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बागपत. यूक्रेन और रूस के बीच एक महीने से चल रहे युद्ध में कई लोग प्रभावित हुए है. उन्हें कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ा है. ऐसे में इन लोगों के लिए बागपत के निरपुड़ा निवासी ब्रिजेंद्र राणा मानवता की नई मिसाल पेश कर रहे हैं. जी हां, ब्रिजेंद्र राणा युद्ध में घायलों, बीमार और जरूरतमंद लोगों के बीच अब तक करीब 40 करोड़ की दवाइयां बांट चुके हैं. इनमें अधिकांश दवाएं नि:शुल्क दी गईं हैं. हालांकि अब वह खुद स्वदेश लौटने के लिए यूक्रेन प्रशासन और भारतीय दूतावास से संपर्क में हैं और गुहार लगा रहे हैं.

नवीन राणा, बागपत.

वहीं, परिजनों के मुताबिक ब्रिजेंद्र राणा 1992 में खारकीव चले गए थे. वहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की और फिर अपने दोस्त के साथ मिलकर मेडिसिन का बिजनेस स्टार्ट कर दिया. उनकी कंपनी का नाम अनंता मेडिकल है. उन्होंने बताया कि यूक्रेन और रूस के युद्ध का असर वहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ा. इसके चलते खारकीव के मेयर ने ब्रिजेंद्र राणा से लोगों के उपचार के दवाइयों की हेल्प मांगी तो उन्होंने करीब 40 करोड़ की दवाएं दीं और जरुरतमंदों की पूरी मदद की.

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परिजनों ने बताया कि शनिवार को ब्रिजेंद्र राणा ने फोन पर अपने भाई से बात की. बताया कि वह अब वेस्ट यूक्रेन में रह रहे हैं. वहां फिलहाल किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने स्वदेश लौटने के लिए यूक्रेन प्रशासन और भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया है. वहां से उन्हें मदद का आश्वासन मिल रहा है.

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Last Updated : Mar 27, 2022, 6:06 PM IST
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