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रिटार्यड लोग कर रहे बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था, उठाया है ये कदम

बागपत के गांव में बच्चों की पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है. ये लाइब्रेरी सरकार ने नहीं, बल्कि गांव के रिटायर्ड लोगों ने खोली है. इनका कहना है कि वे चाहते हैं कि गांव में हर बच्चा अच्छी शिक्षा ग्रहण करे.

युवाओं के लिए लाइब्रेरी
युवाओं के लिए लाइब्रेरी
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Published : Dec 31, 2020, 8:26 PM IST

बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद का तेडा गांव इन दिनों सुर्खियों में है. यहां गांव के रिटायर्ड शिक्षकों और अन्य सेवाओं से रिटायर्ड हुए कर्मचारियों, अधिकारियों ने एक मिसाल पेश की है. गांव में ये लोग अपने पैसे से बुक्स और खेल के सामान आदि खरीदते हैं. ये लोग समय-समय पर चौपाल लगाकर युवाओं का मार्गदर्शन भी करते हैं. इन व्यवस्थाओं से गांव के युवा भी खुश हैं.

गांव में खोल रखी है लाइब्रेरी

गांव में हैं लाइब्रेरी
गांव में वर्तमान में एक लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है. ये व्यवस्था रिटायर्ड शिक्षकों और इंजीनियर्स ने की गई है. 10 वीं क्लास के लिए कम्पीटिशन की बुक्स भी उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे युवाओं को बुक लेने के लिए गांव से दूर न जाना पड़े और आने जाने का समय भी बच सके. गांव में ये सम्पूर्ण व्यवस्था सरकारी योजना या ग्राम प्रधान की मदद के बगैर की गई है. इतना ही नहीं समय-समय पर युवाओं को मोटिवेट करने के लिए गांव में ये लोग युवाओं से बात करते हैं और जरूरत के समान, बुक्स या खेल के समान को लेकर चर्चा भी करते हैं.

बच्चों को मिले सुविधा
गांव में पुस्कालय खोलने का आशय यहां के बच्चों को विभिन्न तरह की किताबें उपलब्ध कराना है. लाइब्रेरी में टेक्निकल बुक्स के साथ ही कोर्स की किताबें भी हैं. बच्चे यहां आकर इन किताबों को पढ़ सकते हैं. संचालकों को कहना है कि वे लोग पैसे की कोई कमी नही आने देंगे. सभी बच्चो को यहां पूरी सुविधाएं मिलेंगी. यहां पर सभी भाषाओं की किताबें भी रखी जाएंगीं, जिससे बच्चो का ज्ञानवर्धन हो सके.


गांव को होगा फायदा
युवाओं ने बताया कि उन लोगों ने गांव में पुस्तकालय की मांग इसलिए कि है, क्योंकि उन्हें पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ता था. गांव में कोई भी किताब नही मिलती थी. इंजीनियरिंग की बुक, 10वीं की किताब, 12वीं की किताब भी यहां नही मिलती थी. गांव को इस लाइब्रेरी के खुलने से बाद बहुत लाभ मिला है.

बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद का तेडा गांव इन दिनों सुर्खियों में है. यहां गांव के रिटायर्ड शिक्षकों और अन्य सेवाओं से रिटायर्ड हुए कर्मचारियों, अधिकारियों ने एक मिसाल पेश की है. गांव में ये लोग अपने पैसे से बुक्स और खेल के सामान आदि खरीदते हैं. ये लोग समय-समय पर चौपाल लगाकर युवाओं का मार्गदर्शन भी करते हैं. इन व्यवस्थाओं से गांव के युवा भी खुश हैं.

गांव में खोल रखी है लाइब्रेरी

गांव में हैं लाइब्रेरी
गांव में वर्तमान में एक लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है. ये व्यवस्था रिटायर्ड शिक्षकों और इंजीनियर्स ने की गई है. 10 वीं क्लास के लिए कम्पीटिशन की बुक्स भी उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे युवाओं को बुक लेने के लिए गांव से दूर न जाना पड़े और आने जाने का समय भी बच सके. गांव में ये सम्पूर्ण व्यवस्था सरकारी योजना या ग्राम प्रधान की मदद के बगैर की गई है. इतना ही नहीं समय-समय पर युवाओं को मोटिवेट करने के लिए गांव में ये लोग युवाओं से बात करते हैं और जरूरत के समान, बुक्स या खेल के समान को लेकर चर्चा भी करते हैं.

बच्चों को मिले सुविधा
गांव में पुस्कालय खोलने का आशय यहां के बच्चों को विभिन्न तरह की किताबें उपलब्ध कराना है. लाइब्रेरी में टेक्निकल बुक्स के साथ ही कोर्स की किताबें भी हैं. बच्चे यहां आकर इन किताबों को पढ़ सकते हैं. संचालकों को कहना है कि वे लोग पैसे की कोई कमी नही आने देंगे. सभी बच्चो को यहां पूरी सुविधाएं मिलेंगी. यहां पर सभी भाषाओं की किताबें भी रखी जाएंगीं, जिससे बच्चो का ज्ञानवर्धन हो सके.


गांव को होगा फायदा
युवाओं ने बताया कि उन लोगों ने गांव में पुस्तकालय की मांग इसलिए कि है, क्योंकि उन्हें पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ता था. गांव में कोई भी किताब नही मिलती थी. इंजीनियरिंग की बुक, 10वीं की किताब, 12वीं की किताब भी यहां नही मिलती थी. गांव को इस लाइब्रेरी के खुलने से बाद बहुत लाभ मिला है.

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