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बागपत: जानिए क्या है 'चमकी बुखार' और इसके लक्षण

जिले में चमकी बुखार को लेकर चिकित्सा अधीक्षक विषाद राज ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में चमकी बुखार से संबंधित कोई केस नहीं आया है.

बागपत.
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Published : Jun 29, 2019, 10:38 AM IST

बागपत: चमकी बुखार से बिहार के मुजफ्फरनगर जिले में डेढ़ सौ बच्चों की जान जा चुकी है. चमकी बुखार क्या है, इसके लक्षण क्या है और यह क्यों छोटे बच्चों में अधिक होता है. इसको लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक विषाद राजपूत से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

जानकारी देते चिकित्सा अधीक्षक विषाद राजपूत.

चिकित्सा अधीक्षक विषाद राजपूत ने कही ये बातें

  • चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से होता है.
  • इसी के चलते बिहार में अब तक 300 से अधिक बच्चों की जाने जा चुकी है.
  • यह सिलसिला लगभग 1 महीने से चल रहा है
  • इस बुखार की सबसे बुरी बात यह होती है कि यह बुखार सिर्फ 1 साल से 15 साल के बच्चों तक ही पाया जाता है.

चमकी बुखार के लक्षण

  • चमकी बुखार की चपेट में आने से मिर्गी जैसे चक्कर आते हैं.
  • इसके अलावा बेहोशी, तेज दर्द, तेज बुखार, दर्द से जी मिचलाना, उल्टी होना, बहुत ज्यादा थकान होना, बहुत कमजोरी महसूस करना, चलने फिरने में परेशानी होना, चमकी बुखार के लक्षण होते हैं.
  • यह बुखार अधिकतर कुपोषित बच्चों के संपर्क में बहुत जल्दी आता है.
  • चमकी बुखार की एक सबसे बड़ी वजह लीची भी है.
  • अगर कोई भी कुपोषित बच्चा लीची को खाता है और अगर लीची आधी कच्ची और पक्की खाने से भी चमकी बुखार होता हैं.

चमकी बुखार से मस्तिष्क होता है प्रभावित

  • अधीक्षक ने कहा कि लीची में कुछ जहरीले रासायनिक पदार्थ होते हैं.
  • यह रसायन कुपोषित बच्चों के खून में ग्लूकोज के स्तर को कम देता है, यह तत्व ऑक्सीडेंट को रोक देता है.
  • इससे खून में फैटी एसिड बढ़ जाती है, जो कि बच्चों के लिवर में ग्लूकोज स्टोर कम होता है.
  • इसकी वजह से ग्लूकोज की मात्रा पर्याप्त मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाती और मस्तिष्क गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है.
  • इसका असर बच्चों के दिमाग पर होने लगता है और वे मस्तिष्क बुखार के शिकार हो जाते हैं.

बागपत: चमकी बुखार से बिहार के मुजफ्फरनगर जिले में डेढ़ सौ बच्चों की जान जा चुकी है. चमकी बुखार क्या है, इसके लक्षण क्या है और यह क्यों छोटे बच्चों में अधिक होता है. इसको लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक विषाद राजपूत से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

जानकारी देते चिकित्सा अधीक्षक विषाद राजपूत.

चिकित्सा अधीक्षक विषाद राजपूत ने कही ये बातें

  • चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से होता है.
  • इसी के चलते बिहार में अब तक 300 से अधिक बच्चों की जाने जा चुकी है.
  • यह सिलसिला लगभग 1 महीने से चल रहा है
  • इस बुखार की सबसे बुरी बात यह होती है कि यह बुखार सिर्फ 1 साल से 15 साल के बच्चों तक ही पाया जाता है.

चमकी बुखार के लक्षण

  • चमकी बुखार की चपेट में आने से मिर्गी जैसे चक्कर आते हैं.
  • इसके अलावा बेहोशी, तेज दर्द, तेज बुखार, दर्द से जी मिचलाना, उल्टी होना, बहुत ज्यादा थकान होना, बहुत कमजोरी महसूस करना, चलने फिरने में परेशानी होना, चमकी बुखार के लक्षण होते हैं.
  • यह बुखार अधिकतर कुपोषित बच्चों के संपर्क में बहुत जल्दी आता है.
  • चमकी बुखार की एक सबसे बड़ी वजह लीची भी है.
  • अगर कोई भी कुपोषित बच्चा लीची को खाता है और अगर लीची आधी कच्ची और पक्की खाने से भी चमकी बुखार होता हैं.

चमकी बुखार से मस्तिष्क होता है प्रभावित

  • अधीक्षक ने कहा कि लीची में कुछ जहरीले रासायनिक पदार्थ होते हैं.
  • यह रसायन कुपोषित बच्चों के खून में ग्लूकोज के स्तर को कम देता है, यह तत्व ऑक्सीडेंट को रोक देता है.
  • इससे खून में फैटी एसिड बढ़ जाती है, जो कि बच्चों के लिवर में ग्लूकोज स्टोर कम होता है.
  • इसकी वजह से ग्लूकोज की मात्रा पर्याप्त मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाती और मस्तिष्क गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है.
  • इसका असर बच्चों के दिमाग पर होने लगता है और वे मस्तिष्क बुखार के शिकार हो जाते हैं.
Intro: बिहार के मुजफ्फरनगर जिले में चमकी बुखार से डेढ़ सौ बच्चों की जान जा चुकी है लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि यह चमकी बुखार क्या होता है और यह क्यों छोटे बच्चों में अधिक फैलता हैं। तो वहीं लगातार कुछ रिसर्च में पाया जा रहा है कि चमकी बुखार लीची खाने से भी होता है इसके ऊपर भी हम अपने डॉक्टर से जानेंगे कि यह कहां तक सही है




Body:बिहार के मुजफ्फरनगर जिले में चमकी बुखार काफी तेजी से फैल रहा है हम चमकी बुखार का नाम तो सुना है लेकिन यह बुखार कैसा होता है इसके कारण कैसे होते हैं इसके लक्षण कैसे होते हैं इसके बारे में आज हमने बागपत जिले के चिकित्सक अधीक्षक विश्वराज से जानकारी कि उन्होंने चमकी बुखार के ऊपर विस्तार से बताया कि आखिर यह क्यों और कैसे चमकी बुखार फैलता है
चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से होता है इसी के चलते बिहार में अब तक 300 बच्चों से अधिक बच्चों की जाने जा चुकी है यह सिलसिला लगभग 1 महीने से चल रहा है इस बुखार की सबसे बुरी बात यह होती है कि यह बुखार सिर्फ 1 साल से 15 साल के बच्चों तक ही पाया जाता है और भारत सरकार भी इस बीमारी के होने की वजह का पता भी नहीं लगा पाई है
चमकी बुखार के लक्षण चमकी बुखार की चपेट में आने से मिर्गी जैसे छक्के आते हैं और इसके अलावा बेहोशी तेज दर्द तेज बुखार शरीर में दर्द जी मिचलाना उल्टी होना बहुत ज्यादा थकान होना बहुत कमजोरी महसूस करना चलने फिरने में परेशानी होना चमकी बुखार के यह लक्षण होते हैं।अधिकतर यह बुखार कुपोषित बच्चों को बहुत जल्दी संपर्क में आता है।

चमकी बुखार की एक सबसे बड़ी वजह लीची भी है अगर कोई भी कुपोषित बच्चा लीची को खाता है और अगर लीची आधी कच्ची और पक्की खाने से भी चमकी बुखार होता हैं। दर्शन डॉक्टर का कहना है लीची में हाइपोग्लाईसिन ए और मिथिलीसाइक्लोप्रोपाइग्लाइसि नामक जहरीले रासायनिक पदार्थ होते हैं जो कुपोषित बच्चों में खून मैं ग्लूकोज के स्तर को कम देता है यह तत्व ऑक्सीडेंट को रोक देते हैं। जिनसे रक्त में फैटी एसिड बढ़ जाती है जो कि बच्चों के लिवर में ग्लूकोज स्टोर कम होता है जिसकी वजह से ग्लूकोज की मात्रा पर्याप्त मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाती और मस्तिष्क गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है इसका असर बच्चों के दिमाग पर होने लगता है और बच्चे मस्तिष्क बुखार के शिकार हो जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है।
बाईट विषाद राजपूत


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