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किसान यात्रा पहुंची बागपत, जिवाना टोल कराया फ्री

भारतीय किसान यूनियन की पूर्व में घोषित ट्रैक्टर यात्रा जिवाना टोल प्लाजा पर पहुंची. शाम के समय बागपत के किसान टोल प्लाजा पर पहुंच कृषि कानूनों के विरोध प्रदर्शन किया.

जिवाना टोल प्लाजा.
जिवाना टोल प्लाजा.
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Published : Jul 10, 2021, 12:52 AM IST

बागपतः कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर और सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को धार देने के लिए शुक्रवार की रात शामली से चलकर किसान ट्रैक्टर यात्रा बागपत के जिवाना टोल प्लाजा पहुंची. इस दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं ने टोल प्लाजा पर कब्जा करते हुए हाईवे के बीच में ही रात्रि विश्राम शुरू कर दिया. कार्यकर्ताओ ने टोल फ्री भी करा दिया. आरएलडी कार्यकर्ता भी टोल पर पहुंचे और यात्रा में शामिल हुए.

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि आंदोलन को मजबूत करने की कवायद के लिए यह किसान ट्रैक्टर रैली का एक हिस्सा है. शनिवार की सुबह किसान ट्रैक्टर यात्रा जिवाना टोल प्लाजा से चलकर बागपत होते हुए सिंधु बॉर्डर पर पंहुचेगी. इस यात्रा में शामली और बागपत के किसान शामिल हैं.

किसान यात्रा.

केंद्र सरकार जब तक कृषि कानूनों का वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इसी तरह दूसरे जनपदों से ट्रैक्टर यात्राएं गाजीपुर और सिंधु बॉर्डर पर पहुंचेगी. इस दौरान देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह के बेटे संजीव चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है और इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें- किसान आंदोलन : एक शख्स को जलाया जिंदा, शराब पीने के बाद हुआ था विवाद

नरेश टिकैत के बेटे गौरव टिकैत ने कहा कि सहारनपुर और मुजफरनगर के किसान NH 58 से निकलकर गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे हैं. शामली और बागपत की टैक्टर यात्रा सिंधु बॉर्डर पर जाएगी. 24 तारीख को एक यात्रा बिजनौर और मेरठ से निकलेगी, जो सीधी गीजीपुर बॉर्डर जाएगी. उन्होंने कहा कि जब तक कानून रद्द नहीं होते किसान वापस नहीं जाएंगे. सरकार पूंजीपतियों के हाथ में हैं, गूंगी बहरी सरकार को एक संदेश देना है. लगभग 8 महीने लड़ाई लड़ते हो गए हैं. यह लड़ाई मान सम्मान से जुड़ चुकी है.

बागपतः कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर और सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को धार देने के लिए शुक्रवार की रात शामली से चलकर किसान ट्रैक्टर यात्रा बागपत के जिवाना टोल प्लाजा पहुंची. इस दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं ने टोल प्लाजा पर कब्जा करते हुए हाईवे के बीच में ही रात्रि विश्राम शुरू कर दिया. कार्यकर्ताओ ने टोल फ्री भी करा दिया. आरएलडी कार्यकर्ता भी टोल पर पहुंचे और यात्रा में शामिल हुए.

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि आंदोलन को मजबूत करने की कवायद के लिए यह किसान ट्रैक्टर रैली का एक हिस्सा है. शनिवार की सुबह किसान ट्रैक्टर यात्रा जिवाना टोल प्लाजा से चलकर बागपत होते हुए सिंधु बॉर्डर पर पंहुचेगी. इस यात्रा में शामली और बागपत के किसान शामिल हैं.

किसान यात्रा.

केंद्र सरकार जब तक कृषि कानूनों का वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इसी तरह दूसरे जनपदों से ट्रैक्टर यात्राएं गाजीपुर और सिंधु बॉर्डर पर पहुंचेगी. इस दौरान देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह के बेटे संजीव चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है और इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा.

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नरेश टिकैत के बेटे गौरव टिकैत ने कहा कि सहारनपुर और मुजफरनगर के किसान NH 58 से निकलकर गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे हैं. शामली और बागपत की टैक्टर यात्रा सिंधु बॉर्डर पर जाएगी. 24 तारीख को एक यात्रा बिजनौर और मेरठ से निकलेगी, जो सीधी गीजीपुर बॉर्डर जाएगी. उन्होंने कहा कि जब तक कानून रद्द नहीं होते किसान वापस नहीं जाएंगे. सरकार पूंजीपतियों के हाथ में हैं, गूंगी बहरी सरकार को एक संदेश देना है. लगभग 8 महीने लड़ाई लड़ते हो गए हैं. यह लड़ाई मान सम्मान से जुड़ चुकी है.

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