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किसान ने 4 बीघा गेहूं की फसल पर चलाया ट्रैक्टर

बागपत में एक किसान ने चार बीघा गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि गन्ना भुगतान भी नहीं हुआ है, गेहूं की फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया.

4 बीघा गेंहू की फसल पर चलाया ट्रैक्टर
4 बीघा गेंहू की फसल पर चलाया ट्रैक्टर
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Published : Feb 24, 2021, 10:28 PM IST

बागपत: जिले के दोगट थाना क्षेत्र के रहने वाले किसान मन्नू ने अपनी चार बीघा गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. किसान का कहना है कि गेहूं का जो भाव मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है. पिछले दो सालों से गन्ना के भाव में भी कोई बदलाव नहीं हुआ. अब दूसरे फसल के लिए लागत नहीं था, इसलिए फसल को नष्ट कर दिया.

सरकार के रवैये से नाराज किसान.

गन्ना भाव में नहीं बदलाव

जिले के दोगट थाना क्षेत्र निवासी किसान अविनेश तोमर और मन्नू भाई हैं. इन्होंने अपने चार बीघा खेत में गेहूं की फसल बो रखी थी. बुधवार को मन्नू ने खेत में गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर फसल को नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि लागत नहीं निकलने पर यह कदम उठाया है. साथ ही पिछले दो सालों से गन्ना के भाव में कोई बढ़ोतरी भी नहीं हुई, न ही एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिल रहा है. फसल का लागत ही नहीं निकल रहा है.

किसान अविनेश ने बताया कि मजदूर को भी पैसे देने होते हैं, मशीन वाले को भी भुगतान करना होता है. ऐसे में लागत नहीं होने से किस तरह भुगतान होगा. उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की मांग भी नहीं मान रही है. जब एमएसपी नहीं मिल रही है तो आगे किस तरह फसल की बुआई की जाए.

बागपत: जिले के दोगट थाना क्षेत्र के रहने वाले किसान मन्नू ने अपनी चार बीघा गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. किसान का कहना है कि गेहूं का जो भाव मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है. पिछले दो सालों से गन्ना के भाव में भी कोई बदलाव नहीं हुआ. अब दूसरे फसल के लिए लागत नहीं था, इसलिए फसल को नष्ट कर दिया.

सरकार के रवैये से नाराज किसान.

गन्ना भाव में नहीं बदलाव

जिले के दोगट थाना क्षेत्र निवासी किसान अविनेश तोमर और मन्नू भाई हैं. इन्होंने अपने चार बीघा खेत में गेहूं की फसल बो रखी थी. बुधवार को मन्नू ने खेत में गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर फसल को नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि लागत नहीं निकलने पर यह कदम उठाया है. साथ ही पिछले दो सालों से गन्ना के भाव में कोई बढ़ोतरी भी नहीं हुई, न ही एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिल रहा है. फसल का लागत ही नहीं निकल रहा है.

किसान अविनेश ने बताया कि मजदूर को भी पैसे देने होते हैं, मशीन वाले को भी भुगतान करना होता है. ऐसे में लागत नहीं होने से किस तरह भुगतान होगा. उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की मांग भी नहीं मान रही है. जब एमएसपी नहीं मिल रही है तो आगे किस तरह फसल की बुआई की जाए.

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