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कब्रिस्तान बनी दयोदय तीर्थ गोशाला, परिसर में बिखरे पड़े हैं गायों के कंकाल

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Published : Mar 18, 2021, 2:07 AM IST

उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में बड़ौत कस्बे में बनी गोशाला में 4 गायों की अचानक मौत हो गई. दर्जनों बीमार हैं. आनन-फानन गायों को बिना पीएम के दफनाने का मामला सामने आया तो हिन्दू संगठन के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे. एसडीएम ने मौके पर जाकर जांच की.

दयोदय तीर्थ गोशाला
दयोदय तीर्थ गोशाला

बागपत : बड़ौत कस्बे में दयोदय तीर्थ गायों के लिए कब्रिस्तान बनता जा रहा है. यहां परिसर में ही न जाने कितनी मृत गायों को दफनाया गया है. इस बात के प्रमाण जमीन की ऊपरी सतह पर गायों के कंकाल देखकर मिल जाते हैं. बुधवार को चार गायों की मौत हो गयी जिन्हें बिना किसी प्रशासनिक अधिकारी को सूचित किए दफना दिया गया. सूचना पर हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने गौशाला पहुंचकर हंगामा काटा. एसडीएम ने भी सूचना मिलते ही मौके पर जाकर मामले में जांच शुरू कर दी. बीमार गायों का इलाज भी तुरंत शुरू कर दिया गया.

कब्रिस्तान बनी दयोदय तीर्थ गोशाला, परिसर में बिखरे पड़े हैं गायों के कंकाल

तीखी नोकझोंक और हंगामा हुआ

दरअसल, दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 709B पर आचार्य विद्यासागर पशु संरक्षण केंद्र 'दयोदय तीर्थ' के नाम से गोशाला है. यहां बुधवार को 4 गायों की अचानक मौत हो गयी जबकि दर्जनों गाय बीमार हो गईं. गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों ने तुरंत बिना किसी को सूचना दिए इन्हें दफनाना शुरू कर दिया गया. इस बात की जानकारी जैसे ही हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को हुई, उन्होंने मौके पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया. इनकी कमेटी पदाधिकारियों के साथ भी तीखी नोकझोंक हुई.

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..तो बिना पोस्टमार्टम व अधिकारी को जानकारी के दफना रहे पशु

कार्यकर्ताओं का आरोप था कि यहां मरने वाली गायों को बिना पोस्टमार्टम और अधिकारी को जानकारी दिए दफनाया जा रहा है. सूचना पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश चंद्रा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. बीमार गायों के इलाज में जुट गए. इलाज के दौरान ही एक गाय की मौत भी हुई. सूचना पर एसडीएम दुर्गेष मिश्र ने भी गोशाला पहुंचकर प्रकरण की जांच शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि जांच में जो दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.


आखिर क्यों नहीं कराया जाता पोस्टमार्टम?
आचार्य विद्यासागर पशु संरक्षण केंद्र में इस समय 230 के लगभग गाय मौजूद हैं. पिछले काफी दिनों से गायों की हो रही मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या मरने वाली गायों के विषय में अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं है ? गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों तो यहां तक आरोप लगाते हैं कि अधिकारी ही पोस्टमार्टम नहीं कराते. गोशाला के पास मृत गायों को दफनाने के लिए अतिरिक्त भूमि भी नहीं है. इस कारण वे गौशाला परिसर में ही उन्हें दफना देते हैं. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश चंद्रा ने कहा कि जरूरत पड़ी तो दफनाई गयी गायों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. इनका यह बयान भी कई तरह के सवाल खड़े करता है.

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मृत गायों को दफनाने के लिए कई बार भूमि मांगी
गोशाला कमेटी के अध्यक्ष धनपाल जैन का कहना है कि कई बार मृत गायों को दफनाने के लिए भूमि की मांग की जा चुकी है लेकिन प्रशासन ने जमीन उपलब्ध नहीं कराई. इसके अलावा गत रात बडौली गांव से कुछ लोगों द्वारा शादी में बचा हुआ खाना गोशाला में गायों को डाला गया था. इस भोजन के कारण ही गायों में फूड प्वाइजनिंग हुई है.

ठीक से दफनाए भी नही गए पशु
उधर, हिन्दू युवा वाहिनी के जिला सह प्रभारी आलोक शास्त्री ने कहा कि जानकारी मिली थी कि गोशाला में कुछ पशु गंभीर रूप से बीमार हैं. इस पर वह लोग मौके पर पहुंचे. 4 पशुओं की मौत हो चुकी थी, 20 से 25 पशु फूड प्वाइजनिंग से बीमार हैं. गोशाला की भूमि पर ही इन्होंने मृत पशु दफनाए जो ठीक से दफनाए भी नही गए और जमीन के बाहर तक दिखाई पड़ रहे है.

बागपत : बड़ौत कस्बे में दयोदय तीर्थ गायों के लिए कब्रिस्तान बनता जा रहा है. यहां परिसर में ही न जाने कितनी मृत गायों को दफनाया गया है. इस बात के प्रमाण जमीन की ऊपरी सतह पर गायों के कंकाल देखकर मिल जाते हैं. बुधवार को चार गायों की मौत हो गयी जिन्हें बिना किसी प्रशासनिक अधिकारी को सूचित किए दफना दिया गया. सूचना पर हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने गौशाला पहुंचकर हंगामा काटा. एसडीएम ने भी सूचना मिलते ही मौके पर जाकर मामले में जांच शुरू कर दी. बीमार गायों का इलाज भी तुरंत शुरू कर दिया गया.

कब्रिस्तान बनी दयोदय तीर्थ गोशाला, परिसर में बिखरे पड़े हैं गायों के कंकाल

तीखी नोकझोंक और हंगामा हुआ

दरअसल, दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 709B पर आचार्य विद्यासागर पशु संरक्षण केंद्र 'दयोदय तीर्थ' के नाम से गोशाला है. यहां बुधवार को 4 गायों की अचानक मौत हो गयी जबकि दर्जनों गाय बीमार हो गईं. गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों ने तुरंत बिना किसी को सूचना दिए इन्हें दफनाना शुरू कर दिया गया. इस बात की जानकारी जैसे ही हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को हुई, उन्होंने मौके पर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया. इनकी कमेटी पदाधिकारियों के साथ भी तीखी नोकझोंक हुई.

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..तो बिना पोस्टमार्टम व अधिकारी को जानकारी के दफना रहे पशु

कार्यकर्ताओं का आरोप था कि यहां मरने वाली गायों को बिना पोस्टमार्टम और अधिकारी को जानकारी दिए दफनाया जा रहा है. सूचना पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश चंद्रा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. बीमार गायों के इलाज में जुट गए. इलाज के दौरान ही एक गाय की मौत भी हुई. सूचना पर एसडीएम दुर्गेष मिश्र ने भी गोशाला पहुंचकर प्रकरण की जांच शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि जांच में जो दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.


आखिर क्यों नहीं कराया जाता पोस्टमार्टम?
आचार्य विद्यासागर पशु संरक्षण केंद्र में इस समय 230 के लगभग गाय मौजूद हैं. पिछले काफी दिनों से गायों की हो रही मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या मरने वाली गायों के विषय में अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं है ? गोशाला कमेटी के पदाधिकारियों तो यहां तक आरोप लगाते हैं कि अधिकारी ही पोस्टमार्टम नहीं कराते. गोशाला के पास मृत गायों को दफनाने के लिए अतिरिक्त भूमि भी नहीं है. इस कारण वे गौशाला परिसर में ही उन्हें दफना देते हैं. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश चंद्रा ने कहा कि जरूरत पड़ी तो दफनाई गयी गायों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. इनका यह बयान भी कई तरह के सवाल खड़े करता है.

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मृत गायों को दफनाने के लिए कई बार भूमि मांगी
गोशाला कमेटी के अध्यक्ष धनपाल जैन का कहना है कि कई बार मृत गायों को दफनाने के लिए भूमि की मांग की जा चुकी है लेकिन प्रशासन ने जमीन उपलब्ध नहीं कराई. इसके अलावा गत रात बडौली गांव से कुछ लोगों द्वारा शादी में बचा हुआ खाना गोशाला में गायों को डाला गया था. इस भोजन के कारण ही गायों में फूड प्वाइजनिंग हुई है.

ठीक से दफनाए भी नही गए पशु
उधर, हिन्दू युवा वाहिनी के जिला सह प्रभारी आलोक शास्त्री ने कहा कि जानकारी मिली थी कि गोशाला में कुछ पशु गंभीर रूप से बीमार हैं. इस पर वह लोग मौके पर पहुंचे. 4 पशुओं की मौत हो चुकी थी, 20 से 25 पशु फूड प्वाइजनिंग से बीमार हैं. गोशाला की भूमि पर ही इन्होंने मृत पशु दफनाए जो ठीक से दफनाए भी नही गए और जमीन के बाहर तक दिखाई पड़ रहे है.

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