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बागपतः पाक्सो के मामले दोषी को आजीवन कारावास की सजा, ढाई लाख का जुर्माना - पास्को मामले में उम्रकैद

बागपत जिला सत्र न्यायालय के पाक्सो कोर्ट में 6 साल से विचाराधी मामले में मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने सजा सुना दी. कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ उसके ऊपर 2 लाख 55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

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Published : Oct 7, 2020, 7:02 PM IST

बागपतः बागपत जिला न्यायालय के पॉक्सो कोर्ट में 6 साल से विचारधीन मामले पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उसके ऊपर 2 लाख 55 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है.

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जिला अदालत बागपत

मामला बिनोली थाना इलाके का है. जहां 9 मार्च 2014 को घर के बाहर खेल रहे 11 साल के बच्चे को पड़ोस का व्यक्ति कर्मवीर बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था. बताया जा रहा है कि कर्मवीर ने अपने घर में बच्चे के साथ कुकर्म की वारदात को अंजाम दिया और उसकी हत्या कर दी. इसके संबंध में बच्चे के चाचा ने मुकदमा दर्ज कराया था.

शासकीय अधिवक्ता सुनील पंवार ने बताया कि बच्चे के साथ हुई वारदात के मामले में मृतक के चाचा की तहरीर पर बिनोली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. शुरुआत में आईपीसी की धारा 302, 201 में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और विवेचना के दौरान बच्चे के साथ कुकर्म और एससीएसटी एक्ट की धाराओं में न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया था. जब न्यायालय में मुकदमा चला तो अभियोजन पक्ष ने 15 गवाह इसमें पेश किए थे, जिसमे वादी के अलावा उन 4 छोटे-छोटे बच्चों को भी पेश कर बयान दर्ज कराया गया था, जिनके सामने आरोपी बच्चे को अपने साथ लेकर गया था.

इसके अलावा वैज्ञानिक साक्ष्य के रूप में डीएनए रिपोर्ट भी पेश की गई थी, क्योंकि जब बच्चे का शव मिला था तो उसके हाथ में बाल भी मिले थे, जो कि आरोपी कर्मवीर के थे. इसके चलते कोर्ट ने दोषी कर्मवीर को हत्या और एससीएसटी के मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद कुकर्म के मामले में 10 साल की सजा और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 में जिंदा रहने तक जेल में ही रहने की सजा सुनाई और इसके अलावा दोषी पर 2 लाख 55 हजार रुपये के अर्थदण्ड लगाया गया.

दोषी कर्मवीर को सजा सुनाए जाने पर मृतक बच्चे की मां ने कहा कि हम चाहते थे कि उसे फांसी हो, लेकिन हम इस सजा से भी काफी खुश हैं.

बागपतः बागपत जिला न्यायालय के पॉक्सो कोर्ट में 6 साल से विचारधीन मामले पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उसके ऊपर 2 लाख 55 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है.

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मामला बिनोली थाना इलाके का है. जहां 9 मार्च 2014 को घर के बाहर खेल रहे 11 साल के बच्चे को पड़ोस का व्यक्ति कर्मवीर बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था. बताया जा रहा है कि कर्मवीर ने अपने घर में बच्चे के साथ कुकर्म की वारदात को अंजाम दिया और उसकी हत्या कर दी. इसके संबंध में बच्चे के चाचा ने मुकदमा दर्ज कराया था.

शासकीय अधिवक्ता सुनील पंवार ने बताया कि बच्चे के साथ हुई वारदात के मामले में मृतक के चाचा की तहरीर पर बिनोली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. शुरुआत में आईपीसी की धारा 302, 201 में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और विवेचना के दौरान बच्चे के साथ कुकर्म और एससीएसटी एक्ट की धाराओं में न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया था. जब न्यायालय में मुकदमा चला तो अभियोजन पक्ष ने 15 गवाह इसमें पेश किए थे, जिसमे वादी के अलावा उन 4 छोटे-छोटे बच्चों को भी पेश कर बयान दर्ज कराया गया था, जिनके सामने आरोपी बच्चे को अपने साथ लेकर गया था.

इसके अलावा वैज्ञानिक साक्ष्य के रूप में डीएनए रिपोर्ट भी पेश की गई थी, क्योंकि जब बच्चे का शव मिला था तो उसके हाथ में बाल भी मिले थे, जो कि आरोपी कर्मवीर के थे. इसके चलते कोर्ट ने दोषी कर्मवीर को हत्या और एससीएसटी के मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद कुकर्म के मामले में 10 साल की सजा और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 में जिंदा रहने तक जेल में ही रहने की सजा सुनाई और इसके अलावा दोषी पर 2 लाख 55 हजार रुपये के अर्थदण्ड लगाया गया.

दोषी कर्मवीर को सजा सुनाए जाने पर मृतक बच्चे की मां ने कहा कि हम चाहते थे कि उसे फांसी हो, लेकिन हम इस सजा से भी काफी खुश हैं.

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