बागपतः राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान 'देश तपस्वियों का है पुजारियों का नहीं है' दिये गये बयान पर विरोध जारी है. इसी कर्म में बड़ौत क्षेत्र के पुजारियों व ब्राह्मण समाज (Baghpat Brahmin society and temple priests) के लोगों ने राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी कर उनका पुतला दहन किया. इस दौरान ब्राह्मण समाज के लोगों ने कांग्रेस का बहिष्कार किये जाने की बात कही. इसके साथ ही चेतावनी दी कि यदि राहुल गांधी द्वारा माफी नहीं मांगने पर उनकी तेरहवीं करेंगे.
राहुला गांधी के बयान को लेकर मंगलवार को बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के भगवान महावीर मार्ग पर स्थित दर्जनों की संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग व अलग-अलग मंदिरों के पुजारी एकत्रित होकर विरोध जताते हुए पुतला जलाया. इस दौरान लोगों ने 'राहुल गांधी चोर है- राहुल गांधी मुर्दाबाद' के जमकर नारे लगाये. लोगों ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकालकर लोगों को साथ लेकर चलने उन्हें जोड़ने की बात कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी ने बयान दिया है कि 'ये देश तपस्वियों का है, पुजारियों का नही' है, जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए वह कम है.
ब्राह्मण समाज के लोगों ने कहा कि कुछ दिन पहले राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा तीन दिन के कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के लिए पदयात्रा करने आये थे. उस दौरान रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने राहुल गांधी को 'तपस्वी' बताया था. समाज के लोगों का कहना है कि शायद इसीलिए राहुल गांधी अब खुद को भी तपस्वी मानने लगे हैं. लेकिन वो ये नहीं जानते हैं कि ब्राह्मण और पुजारी ही ऐसे हैं जिन्हें सबसे पहले पूजा जाता है. जो मंदिरों में, घरों में, व्यापार में सभी जगह पूजा-अर्चना करवाते हैं. मंदिर में भगवान की आरती-स्नान ध्यान सब पुजारी ही करते करवाते हैं. पुजारियों ने कहा कि राहुल गांधी एक बड़ी पार्टी के नेता हैं. उन्हें सोच समझकर ही बोलना चाहिए. किसी की भी निंदा करना या उन्हें नीचा दिखाना उन्हें शोभा नहीं देता है. उन्होंने मांग रखी है कि राहुल गांधी इस बयान को लेकर सार्वजनिक रूप से पुजारियों व ब्राह्मण समाज से माफी मांगे. मंदिर के पुजारियों ने कहा कि हमने राहुल गांधी का पुतला फूंका है. मन्त्र बोलकर उनका क्रियाक्रम किया है. यदि आवश्यकता पड़ी उन्होंने माफी नहीं मांगी तो तेरह दिन बाद उनकी यहीं पर तेहरवीं भी करेंगे.
कुंदन भारद्वाज ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा प्रारंभ तो कि है लेकिन सोच समझ कर बोलने की उन्हें कोई तमीज नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे मंदिर हैं उनमे पूजा पाठ, धर्म कर्म, पूजा पाठ सभी पुजारी हीं करते हैं. मैं उनसे पूछना चाहूंगा वो क्या संदेश देना चाहते हैं. उनको सोच समझकर बोलना चाहिए किसी की भी निंदा ऐसे बचकाना और घिनोने बयान देकर करना उनको शोभा नहीं देता है. पूरे भारत से सभी समाज से ब्राह्मण समाज से वो माफी मांगे.
आचार्य अनुज दीक्षित ने कहा कि राहुल गांधी का 'ये देश तपस्वियों का है, पुजारियों का नहीं' बयान बचकाना आया है. उन्होंने कहा कि 'राहुल गांधी से एक प्रश्नन करना चाहता हूं कि पुजारी होता क्या है. क्या उन्हें पुजारी शब्द का अर्थ पता है. उनसे पूछता हूं कि क्या आप भगवान की पूजा करते हैं. आपको क्या कहा जाता है. 7 नवंबर 1966 को जब कांग्रेस की सरकार थी. स्वामी कृपारती जी के नेतृत्व में गो हत्या के विरोध में आंदोलन हुआ था. उस समय इंद्रा गांधी ने जो गोलियां चलवाई थी, उस समय किसकी सरकार थी. क्या वो तपस्वियों का देश नहीं था. तपस्वी कल भी थे आज भी हैं. राहुल गांधी जो बयान दे रहे हैं कि भारत जुड़ नहीं रहा टूट रहा है. क्योंकि पुजारी ही सारे समाज का संचालन करता है. अगर कोई व्यक्ति मस्जिद मे बैठा है. वो भी संचालन कर रहा है. लेकिन क्या उन्होंने उनके प्रति बयान नहीं दिया. राहुल गांधी जी सार्वजनिक रूप से माफी मांगे.'
अजयराज शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने पुजारियों और ब्राह्मण समाज का अपमान किया है. अपने बयान को लेकर अगर राहुल गांधी ने माफी नहीं मांगी तो देश और ब्राह्मण समाज के लोग उग्र आंदोलन की रूप रेखा तैयार कर आगामी चुनाव में कांग्रेस का बहिष्कार कर उसके विरोध में वोट करेंगे.
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