बागपतः अदालत में सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मुकदमे में अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अभियुक्त पर दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. यह सजा एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट पांच की अदालत ने सुनाते हुए अभियुक्त को पुलिस की न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया है.
सात साल की बच्ची से किया था दुष्कर्म
सिंघावली अहीर थाना क्षेत्र में पांच फरवरी 2017 को एक सात साल की बच्ची अचानक लापता हो गयी थी, जिसके बाद बच्ची का शव गांव के पास ही पड़ा मिला था. बच्ची के पिता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर घटना की विवेचना शुरू कर दी थी. इस दौरान अनिल नाम के आरोपी का नाम प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
सिंघावली अहीर पुलिस ने आरोपी अनिल के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था. यह वाद एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में चल रहा था. वाद की सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश कृष्ण कुमार सिंह ने आरोपी अनिल को घटना का दोषी माना. न्यायाधीश ने अभियुक्त अनिल को आजीवन कारावास से दंडित करते हुए 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. उसके बाद उसे जिला कारागार भेज दिया गया.
मिशन शक्ति के तहत चिह्नित किया मुकदमा
अधिवक्ता सुनील पंवार ने बताया कि आज एक महत्वपूर्ण मुकदमे में सजा सुनाई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल मिशन शक्ति अभियान के तहत हमने कुछ मुकदमे चिह्नित किये हैं. ये इस तरह के मुकदमे हैं, जिसमें छोटे बच्चों के साथ दुष्कर्म या हत्या के केस दर्ज हैं. 2017 का यह केस कुछ इसी तरह का था. जिसका समाज पर प्रतिकूल असर पड़ा था. आरोपी ने छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. पीड़ित परिवार इस सजा से संतुष्ट होगा. हम आशा करते है.