बदायूं: जिले के उसावां ब्लॉक क्षेत्र ग्राम पंचायत हरेण्डी के कुछ ग्रामीणों ने शपथ पत्र के साथ डीपीआरओ बदायूं को शिकायत कर वर्तमान पंचायत चुनाव के आरक्षण पर आपत्ति जताई है. वहीं ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि आजादी से आज तक कभी एससी वर्ग के लिए प्रधान पद की सीट आरक्षित नहीं की गई. ऐसे में एससी वर्ग के साथ छलावा हो रहा है. एससी वर्ग के लोगों को अपने वर्ग को उत्थान के लिए जो आरक्षण संविधान द्वारा प्राप्त हुआ है. उनको मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि अधिकारियों ने आरक्षण की प्रक्रिया बंद कमरे में बैठकर ही पूर्ण कर ली. मनमाने तरीके से आरक्षण लागू कर दिया गया है. ऐसे में ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत खंड विकास अधिकारी व डीपीआरओ को लिखित में दर्ज कराई है.
किस वर्ष में कौन सा आरक्षण
- वर्ष 1995 में ओबीसी
- बर्ष 2000 में ओबीसी
- वर्ष 2005 में ओबीसी महिला
- वर्ष 2010 में आरक्षित
- वर्ष 2015 में ओबीसी
- वर्तमान वर्ष 2021 में आरक्षित महिला के आरक्षित की गई.
किस वर्ग के कितने कितने मत
- आरक्षित वर्ग के मतों संख्या 211.
- ओबीसी वर्ग के मतों संख्या 1651.
- एससी मतों के संख्या 258.
ग्रामीणों ने मांग है कि प्रधान पद के लिए सीट कई बार ओबीसी वर्ग को आरक्षित की गई है, तो फिर एससी वर्ग को आरक्षण क्यों नहीं मिलना चाहिए.
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जनपद में किस पद के लिए कितनी आपत्तियों आई
ग्राम प्रधान पद के लिए 359 और बीटीसी सदस्यों के लिए 19, जिला पंचायत सदस्यों के लिए 13 और एक ब्लॉक प्रमुख के लिए और एक जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सब कुल 393 आपत्तियां दायर हुई है. आरक्षण पर आपत्तिकर्ता वदन सिंह, राजपाल, नरेश, ओमकार, रामप्रकाश, धीरपाल, महेश, सत्यपाल, कमलेश कुमार, राकेश कुमार आदि ग्रामीणों ने शिकायत की है.
आपत्तिकर्ता सुनील कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत में प्रधान पद के लिए 1995 से आज तक ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्राप्त हुआ है, परंतु एससी वर्ग को आरक्षण प्राप्त नहीं हुआ. जिस के संबंध में हमने आपत्ति डीपीआरओ और खंड विकास अधिकारी को की है.