बदायूं: पीलीभीत के L-2 हॉस्पिटल के कोरोना वार्ड से भागे कोरोना संक्रमित बदमाश की दहशत का आलम यह है कि वार्ड से भागने के बाद बदायूं में व्यापारियों को पुलिस को सुरक्षा उपलब्ध करवानी पड़ी है. कुख्यात अपराधी शशांक बजाज गैंगस्टर का आरोपी है. वह पीलीभीत जेल में बंद था. कोरोना संक्रमण के कारण उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां से खिड़की के रास्ते वह भाग गया. इसकी वजह से बदायूं के कुछ व्यापारी दहशत में हैं.
दरसल हिस्ट्रीशीटर बदमाश देश दीपक बजाज और उसका बेटा शशांक बजाज बदायूं में कई केसों में नामजद हैं. वह शहर के जोगीपुरा मुहल्ले के रहने वाले हैं. उन पर हत्या, जानलेवा हमले और गैंगस्टर एक्ट के मामले चल रहे हैं. दोनों बाप-बेटे इतने शातिर हैं कि साल 2015 में एक बक्सा व्यापारी की हत्या कर फरार हो गए थे. कुछ माह बाद दोनों को देहरादून में गिरफ्तार किया गया था. कुछ समय यह बदायूं जेल में भी बंद रहे, लेकिन इनकी कारगुजारीयों को देखते हुए देश दीपक बजाज को बरेली और उसके बेटे शशांक बजाज को पीलीभीत जेल ट्रांसफर कर दिया गया था.
बताया जा रहा है कि शशांक बजाज को पीलीभीत में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई. इसके बाद उसे L-2 हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. वहां से वह खिड़की से कूदकर फरार हो गया. उस पर बदायूं शहर में कई व्यापारियों से रंगदारी मांगने के मामले दर्ज हैं. उसके भागने की सूचना जब शहर के व्यापारियों को लगी, तो उनमें दहशत का माहौल हो गया. हालांकि उसमें से कुछ लोगों को बदायूं पुलिस ने सुरक्षा उपलब्ध कराई है.
सुभाष शर्मा नाम के बक्सा व्यापारी को 2015 में इन दोनों बाप-बेटों ने बड़े ही शातिराना ढंग से उनकी दुकान पर ही गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद वे फरार हो गए थे. बक्सा व्यापारी का बेटा अमरदीप शर्मा शहर में मेंथा का व्यवसाय करता है. शशांक बजाज के भागने के बाद वह दहशत में है. हालांकि पुलिस ने उसे सुरक्षा उपलब्ध करवा दी है. दोनों बाप-बेटों ने साल 2013 में मेरे ऊपर भी हमला किया था. उसके बाद 2015 में इन्होंने मेरे पिताजी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. रविवार को पता चला कि शशांक बजाज जेल तोड़कर भाग गया है. तब से हम दहशत में हैं. हालांकि पुलिस ने सुरक्षा उपलब्ध कराई है.
-अमरदीप शर्मा, मेंथा व्यापारी