बदायूं: पंचायत चुनाव में कादरचौक ब्लॉक क्षेत्र में पीठासीन अधिकारी की ड्यूटी कर चुके अध्यापक देशपाल सिंह की इलाज के दौरान मंगलवार को बरेली के निजी अस्पताल में मौत हो गई. घरवालों ने बताया कि चुनाव में ड्यूटी के दौरान उन्हें कोरोना हो गया था. इसके बाद सीटी स्कैन कराने पर फेफडों में संक्रमण आया था. गुस्साएं घरवाले बरेली में मौत के बाद सीधे शव को लेकर बदायूं डीएम आवास के सामने पहुंच गए. चुनाव ड्यूटी के तहत मुआवजा की मांग करते हुए उन्होंने एंबुलेंस भी डीएम आवास के नजदीक खड़ी कर दी. मामले की जानकारी होने पर सिविल लाइन थाना पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाया.
सीटी स्कैन में फेफड़ों में निकला संक्रमण
सहसवान तहसील के क्षेत्र पालपुर गांव में प्राथमिक विद्यालय में तैनात अध्यापक देशपाल सिंह उझानी कस्बे की कृष्णा कॉलोनी में रहते थे. पंचायत चुनाव में बतौर पीठासीन अधिकारी उनकी ड्यूटी कादरचौक ब्लॉक क्षेत्र में लगी थी. बेटी अनुराधा पाल के मुताबिक ड्यूटी से घर लौटने के बाद ही उन्हें बुखार आ गया. इसके बाद एंटीजन टेस्ट कराया गया, तो एक मई को वह पॉजीटिव निकले. इलाज के दौरान हालात में सुधार नहीं हो पाया. शुरू में मेडिकल कॉलेज में भी इलाज कराया गया था. हालत बिगड़ जाने पर उन्हें दो दिन पहले ही बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान सिटी स्कैन में उनके फेफड़ों में संक्रमण बताया गया. इसके चलते मंगलवार को देशपाल की मौत हो गई.
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शव लेकर डीएम आवास पहुंचे परिजन
परिजन एंबुलेंस से शव लेकर घर पहुंचने की बजाय बदायूं में डीएम आवास पर पहुंच गए. उन्होंने सड़क किनारे ही एंबुलेंस खड़ी करवा दी. उनकी दोनों बेटियां डीएम को बुलाकर उन्हें हकीकत से अवगत कराने की जिद पर अड़ गईं. इसकी सूचना मिलते ही पहले सिविल लाइंस थाना पुलिस मौके पहुंची. फिर बाद में तहसीलदार सदर मौके पर पहुंच गए. करीब एक घंटे तक घरवाले डीएम आवास के सामने ही डटे रहे. सूचना पर पहुंचे तहसीलदार ने बेटे और बेटियों से बात कर जांच कराके कार्रवाई कराने का भरोसा दिलाया. इसके बाद परिजन शव लेकर घर चले आए. इधर, मृतक की बेटी अनुराधा का कहना है कि उनके आश्रित को चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत के अनुरूप मुआवजा मिलना चाहिए. देशपाल की पांच संतान में दो बेटे और तीन बेटियां हैं, किसी की भी शादी नहीं हुई है.