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बदायूं का वातावरण प्रदूषित, आसमान में छाई धुएं की चादर - बंदायू की खबरें

दीपावली के बाद वायुमंडल में बढ़े धुंए का असर यूपी के बंदायू में भी देखने को मिल रहा है. धुंए का आलम यह है कि यहां दिन के वक्त भी धुंध छाई रहती है. सांस के मरीजों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.

आसमान में छाई धुएं की चादर
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Published : Nov 3, 2019, 12:39 PM IST

बदायूं: दीपावली के बाद से दिल्ली एनसीआर के आसमान में छाई धुंध भले ही कम हो गई हो लेकिन इसका असर अब मध्य यूपी पर खासा दिखाई दे रहा है. धुंध का आलम यह है कि दिन के समय भी धुंध छाई रहती है. जिले के आसमान में पिछले तीन दिनों से छाई धुंध ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है. इसका सबसे बड़ा असर परिवहन पर पड़ रहा है. सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम होने से वाहनों की रफ्तार थम सी गई है.

आसमान में छाई धुएं की चादर.

यही हाल रेल यातायात का भी है. ट्रेनों के पहिये भी अपनी पूरी रफ्तार से नहीं दौड़ पा रहे हैं. हालत यह है कि जिस सफर को घंटे भर लगते थे अब उसे पूरा करने मे तीन से चार घंटे लग रहे हैं.

सांस के मरीजों को हो रही परेशानी

इसके अलावा आसमान मे छाई धुंध लोगों की सेहत को खासा प्रभावित कर रही है. सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को हो रही है. धुंध के चलते ऐसे लोगों को सही तरह से सांस लेने मे दिक्कत हो रही है. धुंध का सीधा असर लोगों के आँखों पर भी पड़ रहा है.

मनकामेश्वर जन सेवा समिति सदस्य गौरव सिंह ने कहा की इस समय किसान भाइयों से अपील है कि वे खेत में पराली ना जलाएं. उसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था निकालें, पर्यावरण को स्वच्छ करने में अपना सहयोग करें.

दीपावली के बाद विस्फोटक पदार्थों से जो स्मोक उत्पन्न हुआ है और पराली जलाने से जो स्मोक उत्पन्न होता है वह हमारे बुजुर्गों को सांस लेने दिक्कत करता है. इससे बचने के लिए मास्क का प्रयोग करें.
-एसपी सिंह,डॉक्टर

बदायूं: दीपावली के बाद से दिल्ली एनसीआर के आसमान में छाई धुंध भले ही कम हो गई हो लेकिन इसका असर अब मध्य यूपी पर खासा दिखाई दे रहा है. धुंध का आलम यह है कि दिन के समय भी धुंध छाई रहती है. जिले के आसमान में पिछले तीन दिनों से छाई धुंध ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है. इसका सबसे बड़ा असर परिवहन पर पड़ रहा है. सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम होने से वाहनों की रफ्तार थम सी गई है.

आसमान में छाई धुएं की चादर.

यही हाल रेल यातायात का भी है. ट्रेनों के पहिये भी अपनी पूरी रफ्तार से नहीं दौड़ पा रहे हैं. हालत यह है कि जिस सफर को घंटे भर लगते थे अब उसे पूरा करने मे तीन से चार घंटे लग रहे हैं.

सांस के मरीजों को हो रही परेशानी

इसके अलावा आसमान मे छाई धुंध लोगों की सेहत को खासा प्रभावित कर रही है. सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों को हो रही है. धुंध के चलते ऐसे लोगों को सही तरह से सांस लेने मे दिक्कत हो रही है. धुंध का सीधा असर लोगों के आँखों पर भी पड़ रहा है.

मनकामेश्वर जन सेवा समिति सदस्य गौरव सिंह ने कहा की इस समय किसान भाइयों से अपील है कि वे खेत में पराली ना जलाएं. उसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था निकालें, पर्यावरण को स्वच्छ करने में अपना सहयोग करें.

दीपावली के बाद विस्फोटक पदार्थों से जो स्मोक उत्पन्न हुआ है और पराली जलाने से जो स्मोक उत्पन्न होता है वह हमारे बुजुर्गों को सांस लेने दिक्कत करता है. इससे बचने के लिए मास्क का प्रयोग करें.
-एसपी सिंह,डॉक्टर

Intro:बदायूँ: वातावरण प्रदूषित, आसमान में धुएं की चादर छाई हुई ,सांस लेने में आ रही दिक्कतBody:बदायूँ: वातावरण प्रदूषित, आसमान में धुएं की चादर छाई हुई ,सांस लेने में आ रही दिक्कत




बदायूँ: दीपावली के बाद से दिल्ली व एनसीआर के आसमान पर छाया धुंध भले ही कम हो गया हो लेकिन इसका असर अब मध्य यूपी पर खासा दिखाई दे रहा हैे धुंध का आलम यह है कि दिन के समय असमानों पर धुंध छाई रहती हैे। बदायूँ जिले के आसमान पर पिछले तीन दिनों से छाई धुंध ने लोगों को परेशानी मे डाल दिया हैे सबसे बड़ा असर परिवहन पर पड़ रहा हैे सड़कों पर विजबिलटी काफी कम होने से वाहनों कि रफ्तार थम सी गई हैे ।यही हाल रेल यातायात का हैे ट्रेनों के पहिये भी अपनी पूरी रफ्तार से नहीं दौड़ रही हैे हालत यह है कि जिस सफर को घंटे भर लगते थे अब उसे पूरा करने मे तीन से चार घंटे लग रहे हैें।
इसके अलावा आसमान मे छाई धुंध लोगों के सेहत को खासा प्रभावित कर रही हैे सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजोज को हो रही हैे धुंध के चलते ऐसे लोगोन को सही तरह से सांस लेने मे दिक्कत हो रही हैे धुंध का सीधा असर लोगों के आँखों पर भी पड़ रहा हैे।
मनकामेश्वर जन सेवा समिति सदस्य गौरव सिंह ने कहा की इस समय किसान भाइयों से अपील है कि वे खेत में पराली ना जलाएं। उसका कोई वैकल्पिक व्यवस्था निकालें पर्यावरण को स्वच्छ करने में अपना सहयोग करें।

डॉ एस पी सिंह ने बताया दीपावली के बाद जो विस्फोटक पदार्थों से जो स्मोक उत्पन्न हुआ है और पराली (पुयार)कि जलाने के बाद जो स्मोक उत्पन्न होता है वो हमारे बुजुर्गों की सांस लेने दिक्कत करता है इससे बचने के लिए मस्का प्रयोग करें।Conclusion:पर्यावरण प्रदूषण होने के बाद वातावरण में सांस लेने में हो रही दिक्कत
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मनकामेश्वर जन सेवा समिति सदस्य गौरव सिंह
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