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बदायूं: सावन के पहले सोमवार को सूने रहे मंदिर, नहीं दिखे कांवड़िये

सावन के पहले सोमवार पर कोविड-19 के चलते मंदिरों से भक्त नदारद हैं. हालांकि कम संख्या में शिव भक्त पहुंचकर शिवालयों में माथा टेक कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं, क्योंकि जिला प्रशासन ने शिवालयों में जल चढ़ाने पर रोक लगाई है.

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कोरोना वायरस के कारण मंदिरों में पसरा सन्नाटा.
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Published : Jul 6, 2020, 11:55 AM IST

बदायूं: सावन के दिनों में सोमवार का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव के भक्त शिवालयों में पहुंचकर जल चढ़ाते हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते ज्यादातर मंदिरों के कपाट बंद हैं. हालांकि श्रद्धालु मोहल्लों के शिवालयों में पहुंचकर सिर्फ माथा टेक कर चले आ रहे हैं, क्योंकि मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने जल चढ़ाने की अनुमति नहीं दी है.

कांवड यात्रा पर सरकार ने लगाई रोक

सावन के सोमवार को लोग शिव की आराधना करने के लिए शिवालयों में पहुंचते थे. सामान्य दिनों में लाखों की संख्या में भक्त बदायूं से 28 किलोमीटर दूर कछला गंगा घाट से गंगाजल भरकर लाते थे और शिव मंदिरों में शिवलिंग पर चढ़ाया करते थे. कछला गंगा घाट पर बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, एटा और कासगंज सहित आसपास के तमाम जनपदों के कांवड़िया जल भरने आया करते थे और यह सिलसिला पूरे सावन माह तक चलता था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार भक्तों को निराश होना पड़ रहा है. वहीं शासन स्तर से कांवड यात्रा निकालने पर रोक लगाई गई है.

बदायूं का विरूआ बाड़ी मंदिर शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां सावन के सोमवार पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आया करते थे और यहां 24 घंटे चलने वाले भंडारे का आनंद लिया करते थे, लेकिन इस बार श्रद्धालु नदारद हैं. हालांकि मंदिर में कम संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिनकी थर्मल स्कैनिंग कर ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. साथ ही उनके हाथों को सैनिटाइज भी करवाया जा रहा है. एक या दो की संख्या में लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन जल चढ़ाने पर रोक लगाई गई है.

बदायूं: सावन के दिनों में सोमवार का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव के भक्त शिवालयों में पहुंचकर जल चढ़ाते हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते ज्यादातर मंदिरों के कपाट बंद हैं. हालांकि श्रद्धालु मोहल्लों के शिवालयों में पहुंचकर सिर्फ माथा टेक कर चले आ रहे हैं, क्योंकि मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने जल चढ़ाने की अनुमति नहीं दी है.

कांवड यात्रा पर सरकार ने लगाई रोक

सावन के सोमवार को लोग शिव की आराधना करने के लिए शिवालयों में पहुंचते थे. सामान्य दिनों में लाखों की संख्या में भक्त बदायूं से 28 किलोमीटर दूर कछला गंगा घाट से गंगाजल भरकर लाते थे और शिव मंदिरों में शिवलिंग पर चढ़ाया करते थे. कछला गंगा घाट पर बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, एटा और कासगंज सहित आसपास के तमाम जनपदों के कांवड़िया जल भरने आया करते थे और यह सिलसिला पूरे सावन माह तक चलता था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार भक्तों को निराश होना पड़ रहा है. वहीं शासन स्तर से कांवड यात्रा निकालने पर रोक लगाई गई है.

बदायूं का विरूआ बाड़ी मंदिर शिव भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां सावन के सोमवार पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आया करते थे और यहां 24 घंटे चलने वाले भंडारे का आनंद लिया करते थे, लेकिन इस बार श्रद्धालु नदारद हैं. हालांकि मंदिर में कम संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिनकी थर्मल स्कैनिंग कर ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. साथ ही उनके हाथों को सैनिटाइज भी करवाया जा रहा है. एक या दो की संख्या में लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन जल चढ़ाने पर रोक लगाई गई है.

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