बदायूं: सरकार का दावा है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. इसके चलते कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिकों द्वारा लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ सके. बदायूं में काले गेहूं की फसल तमाम क्षेत्रों में आम किसानों द्वारा की जा रही है. इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से किसानों को काले गेहूं का बीज भी मुफ्त में दिया गया था, जो अब उनके खेतों में फसल के रूप में चमकना शुरू हो गया है.
काले गेहूं से बढ़ेगी किसानों की आय, बीमारियों में फायदेमंद इसका आटा - benefit of black wheat
यूपी के बदायूं में कुछ किसान काले गेहूं की खेती कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी. लोगों का कहना है कि काले गेहूं का आटा कई बीमारियों में भी फायदेमंद है.
बदायूं में शुरू हुई काले गेहूं की खेती.
बदायूं: सरकार का दावा है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. इसके चलते कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिकों द्वारा लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ सके. बदायूं में काले गेहूं की फसल तमाम क्षेत्रों में आम किसानों द्वारा की जा रही है. इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से किसानों को काले गेहूं का बीज भी मुफ्त में दिया गया था, जो अब उनके खेतों में फसल के रूप में चमकना शुरू हो गया है.
जिले के तमाम उन्नतशील किसान काले गेहूं की खेती शुरू कर रहे हैं. किसानों का दावा है कि काले गेहूं की पैदावार परंपरागत पीले गेहूं की तुलना में ज्यादा होगी. वहीं काला गेहूं औषधीय गुणों से भरपूर है. इसके खाने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इस गेहूं की फसल लगभग 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इसमें आम परंपरागत गेहूं से कम पानी लगता है. आमतौर पर जहां बाजार में पीला गेहूं 17 -18 सौ रुपये क्विंटल बिकता है. वहीं काले गेहूं की कीमत आम बाजार में 3 हजार से 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल है. अपने औषधीय गुणों के कारण आम लोग भी इसे अपने रोज के खानपान में अपना रहे हैं. वहीं इसकी खेती करने वाले किसान भी अपनी आय में बढ़ोतरी की बात स्वीकार कर रहे हैं.
बढ़ी काले गेहूं की डिमांड
काले गेहूं की फसल अपने खेतों में लगाने वाले कुछ किसानों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की तो, उनका कहना था कि पहली बार उन्होंने अपने खेतों में इसकी खेती की है. उन्होंने बताया कि इसकी पैदावार आम गेहूं से ज्यादा है, वहीं वर्तमान में मार्केट में इसका रेट भी आम गेहूं के मुकाबले ज्यादा है. तमाम लोग भी इसको देखने खेतों तक आ रहे हैं. अभी से बीच की डिमांड भी बढ़ गई है, जो लोग इसे देखने आते हैं. वह कहकर जाते हैं कि अगली बार थोड़ा बीच उन्हें भी दे दें.
औषधीय गुणों से भरपूर होगा इसका आटा
काले गेहूं की फसल अपने खेतों में लगाने वाले कुछ किसानों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की तो उनका कहना था कि पहली बार उन्होंने अपने खेतों में यह गेहूं किया है. इसके बारे में बताया गया है कि इसकी पैदावार आम गेहूं से ज्यादा है. वहीं वर्तमान में मार्केट में इसका रेट भी आम गेहूं के मुकाबले ज्यादा है. तमाम लोग भी इसको देखने खेतों तक आ रहे हैं. अभी से बीज की डिमांड भी बढ़ गई है, जो लोग इसे देखने आते हैं. वह कहकर जाते हैं कि अगली बार थोड़ा बीज उन्हें भी दे दें.
जिले के तमाम उन्नतशील किसान काले गेहूं की खेती शुरू कर रहे हैं. किसानों का दावा है कि काले गेहूं की पैदावार परंपरागत पीले गेहूं की तुलना में ज्यादा होगी. वहीं काला गेहूं औषधीय गुणों से भरपूर है. इसके खाने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इस गेहूं की फसल लगभग 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इसमें आम परंपरागत गेहूं से कम पानी लगता है. आमतौर पर जहां बाजार में पीला गेहूं 17 -18 सौ रुपये क्विंटल बिकता है. वहीं काले गेहूं की कीमत आम बाजार में 3 हजार से 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल है. अपने औषधीय गुणों के कारण आम लोग भी इसे अपने रोज के खानपान में अपना रहे हैं. वहीं इसकी खेती करने वाले किसान भी अपनी आय में बढ़ोतरी की बात स्वीकार कर रहे हैं.
बढ़ी काले गेहूं की डिमांड
काले गेहूं की फसल अपने खेतों में लगाने वाले कुछ किसानों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की तो, उनका कहना था कि पहली बार उन्होंने अपने खेतों में इसकी खेती की है. उन्होंने बताया कि इसकी पैदावार आम गेहूं से ज्यादा है, वहीं वर्तमान में मार्केट में इसका रेट भी आम गेहूं के मुकाबले ज्यादा है. तमाम लोग भी इसको देखने खेतों तक आ रहे हैं. अभी से बीच की डिमांड भी बढ़ गई है, जो लोग इसे देखने आते हैं. वह कहकर जाते हैं कि अगली बार थोड़ा बीच उन्हें भी दे दें.
औषधीय गुणों से भरपूर होगा इसका आटा
काले गेहूं की फसल अपने खेतों में लगाने वाले कुछ किसानों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की तो उनका कहना था कि पहली बार उन्होंने अपने खेतों में यह गेहूं किया है. इसके बारे में बताया गया है कि इसकी पैदावार आम गेहूं से ज्यादा है. वहीं वर्तमान में मार्केट में इसका रेट भी आम गेहूं के मुकाबले ज्यादा है. तमाम लोग भी इसको देखने खेतों तक आ रहे हैं. अभी से बीज की डिमांड भी बढ़ गई है, जो लोग इसे देखने आते हैं. वह कहकर जाते हैं कि अगली बार थोड़ा बीज उन्हें भी दे दें.