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बदायूं कांडः छह साल बाद भी इंसाफ की इंतजार कर रहा परिवार

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Published : Oct 23, 2020, 7:49 PM IST

घटना साल 2014 की है, जब जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के एक गांव में दो नाबालिग चचेरी बहनों के शव आम के पेड़ से लटके मिले थे. दुष्कर्म के बाद हत्या कर लटकाए जाने की इस घटना से पूरा देश दहल गया था. घटना के छह साल बीत जाने के बाद भी परिजनों को न्याय नहीं मिला है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने गांव में जाकर बात की तो पीड़ित परिजनों ने अपना दर्द साझा किया और कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई.

उसहैत थाना
उसहैत थाना

बदायूंः साल 2014 में बदायूं के उसहैत थाना क्षेत्र के एक गांव में दो नाबालिग चचेरी बहनों के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव आम के पेड़ से लटके मिले थे. इस वारदात की खबर जब जिले से निकलकर सत्ता के गलियारों तक पहुंची तो सियासत में भूचाल सा आ गया. बयानबाजियों का दौर चला, घटना की निंदा की गई और नेताओं ने घटनास्थल का दौरा किया. साथ ही जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की.

6 साल बीते पर न्याय नहीं
घटना के छह साल बीत जाने के बाद भी परिजनों को न्याय नहीं मिला है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने गांव जाकर बात की तो पीड़ित परिजनों ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि हमें अभी न्याय नहीं मिला है. मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन हमें देश के न्याय और कानून पर भरोसा है. हमें न्याय अवश्य मिलेगा.

ग्रामीणों ने पेड़ से नहीं उतरने दिया था शव
बदायूं के उसहैत थाना क्षेत्र के एक गांव में दो नाबालिग चचेरी बहनों के साथ आरोपियों ने रेप की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद आरोपियों ने दोनों बहनों को मारकर शव को पेड़ से लटका दिया था. ग्रामीणों ने शवों को पेड़ से उतारने नहीं दिया. सूचना पर स्थानीय मीडिया और पुलिस भी मौके पर पहुंची. भारी मशक्कत के बाद पुलिस ने दोनों शवों को पेड़ से उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसमें दोनों के साथ रेप होने की भी पुष्टि हुई थी.

विदेशी मीडिया का भी लगा था जमावड़ा
घटना को लेकर तत्कालीन समाजवादी सरकार पर विपक्षी नेताओं ने तमाम तरह के आरोप लगाए. थाने पर तैनात कई पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया. धीरे-धीरे पूरे देश-विदेश की मीडिया का जमावड़ा गांव में होने लगा. देखते ही देखते यह घटना इंटरनेशनल बन गई.

मामले पर जमकर हुई थी राजनीति
इस दौरान देश की तमाम पार्टियों के बड़े-बड़े नेता गांव पहुंचने लगे और पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की. इस घटना पर जमकर राजनीति भी हुई. परिवार वालों की मांग थी कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और उन्हें न्याय मिले. नेताओं ने भी न्याय दिलवाने के लिए परिजनों को आश्वासन दिए. मामले की गंभीरता को देखते हुए यह केस सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया. लोकल पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रही थी और घटना पर जमकर राजनीति भी हो रही थी.

सीबीआई ने लगा दी थी क्लोजर रिपोर्ट
सीबीआई ने नए सिरे से पूरे मामले की जांच पड़ताल की. तमाम गवाहों तथा आरोपियों से पूछताछ की गई, लेकिन उसके बाद भी नतीजा शून्य ही रहा. बाद में सीबीआई ने पूरे मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी. सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट के बाद भी परिजन निराश नहीं हुए. उन्होंने इसके विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील दायर की तथा कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई.

कोर्ट से न्याय की आस में बैठे पीड़ित
मृतक बच्चियों के परिजनों का कहना है कि उन्हें अब कोर्ट की ही आस रह गई है क्योंकि सीबीआई ने पूरे मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी. जिसके बाद उन्होंने इसके विरुद्ध अपील दायर की परिजनों का कहना है की घटना को लगभग 6 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी भी उनकी न्याय पाने की उम्मीद नहीं टूटी है. क्योंकि मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. परिजनों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा.

बदायूंः साल 2014 में बदायूं के उसहैत थाना क्षेत्र के एक गांव में दो नाबालिग चचेरी बहनों के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव आम के पेड़ से लटके मिले थे. इस वारदात की खबर जब जिले से निकलकर सत्ता के गलियारों तक पहुंची तो सियासत में भूचाल सा आ गया. बयानबाजियों का दौर चला, घटना की निंदा की गई और नेताओं ने घटनास्थल का दौरा किया. साथ ही जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की.

6 साल बीते पर न्याय नहीं
घटना के छह साल बीत जाने के बाद भी परिजनों को न्याय नहीं मिला है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने गांव जाकर बात की तो पीड़ित परिजनों ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि हमें अभी न्याय नहीं मिला है. मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन हमें देश के न्याय और कानून पर भरोसा है. हमें न्याय अवश्य मिलेगा.

ग्रामीणों ने पेड़ से नहीं उतरने दिया था शव
बदायूं के उसहैत थाना क्षेत्र के एक गांव में दो नाबालिग चचेरी बहनों के साथ आरोपियों ने रेप की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद आरोपियों ने दोनों बहनों को मारकर शव को पेड़ से लटका दिया था. ग्रामीणों ने शवों को पेड़ से उतारने नहीं दिया. सूचना पर स्थानीय मीडिया और पुलिस भी मौके पर पहुंची. भारी मशक्कत के बाद पुलिस ने दोनों शवों को पेड़ से उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसमें दोनों के साथ रेप होने की भी पुष्टि हुई थी.

विदेशी मीडिया का भी लगा था जमावड़ा
घटना को लेकर तत्कालीन समाजवादी सरकार पर विपक्षी नेताओं ने तमाम तरह के आरोप लगाए. थाने पर तैनात कई पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया. धीरे-धीरे पूरे देश-विदेश की मीडिया का जमावड़ा गांव में होने लगा. देखते ही देखते यह घटना इंटरनेशनल बन गई.

मामले पर जमकर हुई थी राजनीति
इस दौरान देश की तमाम पार्टियों के बड़े-बड़े नेता गांव पहुंचने लगे और पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की. इस घटना पर जमकर राजनीति भी हुई. परिवार वालों की मांग थी कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और उन्हें न्याय मिले. नेताओं ने भी न्याय दिलवाने के लिए परिजनों को आश्वासन दिए. मामले की गंभीरता को देखते हुए यह केस सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया. लोकल पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रही थी और घटना पर जमकर राजनीति भी हो रही थी.

सीबीआई ने लगा दी थी क्लोजर रिपोर्ट
सीबीआई ने नए सिरे से पूरे मामले की जांच पड़ताल की. तमाम गवाहों तथा आरोपियों से पूछताछ की गई, लेकिन उसके बाद भी नतीजा शून्य ही रहा. बाद में सीबीआई ने पूरे मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी. सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट के बाद भी परिजन निराश नहीं हुए. उन्होंने इसके विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील दायर की तथा कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई.

कोर्ट से न्याय की आस में बैठे पीड़ित
मृतक बच्चियों के परिजनों का कहना है कि उन्हें अब कोर्ट की ही आस रह गई है क्योंकि सीबीआई ने पूरे मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी. जिसके बाद उन्होंने इसके विरुद्ध अपील दायर की परिजनों का कहना है की घटना को लगभग 6 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी भी उनकी न्याय पाने की उम्मीद नहीं टूटी है. क्योंकि मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. परिजनों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा.

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