बदायूं: जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखे शव की आंखें गायब होने का मामला सामने आया है. रविवार (5 जून) को जिला जेल के बाथरूम में एक कैदी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. उसके बाद कैदी के शव को रात भर के लिए अस्पताल में रखा गया. मामले में परिजनों ने शव की दोनों आंखें निकालने का आरोप लगाया है.
अलीगढ़ के अतरौली थाना क्षेत्र निवासी भोलू शर्मा (27 शर्मा) जिला जेल में सजा काट रहा था. वहीं, रविवार को (5 जून) को कैदी भोलू ने जेल के बाथरूम में आत्महत्या कर ली. पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को जिला अस्पताल में भेजा. परिजनों ने डॉक्टरों पर शव की दोनों आंखें निकालने का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि शव रात भर अस्पताल में रखा गया था और सुबह देखने पर उसकी दोनों आंखें गायब है. वहीं, जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है.
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पुलिस ने देर शाम तक परिजनों के नहीं आने पर भोलू के शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी रखवा दिया था. मृतक के जीजा और मामा का कहना है कि उन्होंने रात में शव को देखा था, तब उसकी दोनों आंखें थी. लेकिन सुबह देखने पर दोनों ही आंखें गायब हो गई.
मृतक के रिश्तेदारों ने जिला अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों ने जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय लाल बहादुर से शिकायत की तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि, शव की देखभाल करना उनकी जिम्मेदारी नहीं है. वहीं, परिजनों ने जिला अधिकारी से शिकायत कर मामले में जांच की मांग की.
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