ETV Bharat / state

पूर्व सपा सांसद धर्मेंद्र यादव समेत पार्टी के 37 लोगों के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल, जानें पूरा मामला

सामजावादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव (Former MP Dharmendra Yadav) समेत 37 लोगों के खिलाफ बदांयू पुलिस ने एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. आरोप है कि यूपी विधान सभा चुनाव 2022 बिना निर्वाचन अधिकारी के आदेश के सरकारी कर्मचारियों के साथ एक जनसभा आयोजित की थी.

1
1
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 1:56 PM IST

बदायूं : सामजावादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव समेत 37 लोगों के खिलाफ बदांयू पुलिस ने एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में सभी पर विधान सभा चुनाव 2022 में आचार संहिता, कोविड प्रॉटोकॉल के नियमों, महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनिमय के उल्लंघन करने का आरोप है. रिटर्निंग ऑफिसर रहे सदर एसडीएम की तरफ से मामला दर्ज कराया गया था. एक चार्जसीट के माध्यम से सभी साक्ष्यों को भी संकिलत किया गया है.

ु
धर्मेंद्र यादव समेत 37 लोगों के खिलाफ पुलिस ने भेजी चार्जशीट.

रिटर्निंग ऑफिसर ने दी थी तहरीर
यूपी विधान सभा चुनाव 2022 के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर रहे सदर एसडीएम सुखलाल प्रसाद वर्मा की तरफ से पुलिस में एक तहरीर दी गई थी. आरोप था कि 3 फरवरी 2022 को विधानसभा 115 के सदर सीट से सपा प्रत्याशी रईस अहमद, पूर्व सपा सांसद धर्मेंद्र यादव, फखरे अहमद शोबी द्वारा गांव पड़ौआ के पास बुधवाई रोड स्थित पूनम बारात घर में निर्वाचन अधिकारी के बिना अनुमति के एक सभा का आयोजन किया गया था. इस जनसभा में सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे. इस सभा में उपस्थित अधिकांश व्यक्ति और महिलाएं शिक्षा मित्र एवं अनुदेशक थे. जो राज्य सरकार के शासकीय धन से मानदेय प्राप्त करते हैं.

1
पुलिस की चार्जशीट.


जन सभा की हुई थी वीडियोग्राफी
सदर एसडीएम के आरोप के अनुसार सभा में कोई भी नियमित एवं संविदा या मानदेय कर्मचारी निर्वाचन के प्रत्याशियों के साथ बैठक एवं सीधे निर्वाचन में राजनैतिक व्यक्तियों की सभाओं एवं राजनैतिक पार्टियों के साथ आर्दश आचार संहिता लगी होने के दौरान प्रतिभाग नहीं कर सकता है. इस मामले में कोविड-19 प्रॉटोकाल अधिनियम-1951 एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए. अधिकारियों की छापेमारी में इस जन सभा की वीडियोग्राफी कराई गई. बिना परमिशन के शिक्षा मित्रों के साथ मीटिंग मामले में एसडीएम सदर ने सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.


एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जसीट दाखिल
इस मामले में बदायूं के पूर्व सपा सांसद धर्मेंद्र यादव समेत विधानसभा प्रत्याशी रहे हाजी रईस अहमद ने जनसभा के दौरान लोगों को प्रलोभन दिया. साथ ही कोविड गाइडलाइन का भी उल्लंघन किया था. इस काम में उनका 35 अन्य लोगों ने सहयोग भी किया था. वीडियोग्राफी की वजह से पुलिस के पास पुख्ता सबूत भी थे. इन्हीं सबूतों के आधार पर पुलिस ने बदायूं एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जसीट दाखिल की थी.


पुलिस विवेचना में नाम आए सामने
पुलिस ने विवेचना कर सभी आरोपों के साक्ष्यों को संकलित कर 37 लोगों के खिलाफ के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट बदायूं में चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिसमें पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, प्रत्याशी हाजी रईस अहमद, वरिष्ठ समाजवादी नेता फकरे अहमद शोबी सहित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं.

यह भी पढे़ं- इंडिया गठबंधन से बीजेपी घबराई, जनता लेगी दानिश अली के अपमान का बदला: धर्मेंद्र यादव

यह भी पढे़ं- अफवाहों से नहीं टूटेगा रालोद-सपा का गठबंधन, भाजपा कितनी भी कोशिश कर लेंः धर्मेंद्र यादव

बदायूं : सामजावादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव समेत 37 लोगों के खिलाफ बदांयू पुलिस ने एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में सभी पर विधान सभा चुनाव 2022 में आचार संहिता, कोविड प्रॉटोकॉल के नियमों, महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनिमय के उल्लंघन करने का आरोप है. रिटर्निंग ऑफिसर रहे सदर एसडीएम की तरफ से मामला दर्ज कराया गया था. एक चार्जसीट के माध्यम से सभी साक्ष्यों को भी संकिलत किया गया है.

ु
धर्मेंद्र यादव समेत 37 लोगों के खिलाफ पुलिस ने भेजी चार्जशीट.

रिटर्निंग ऑफिसर ने दी थी तहरीर
यूपी विधान सभा चुनाव 2022 के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर रहे सदर एसडीएम सुखलाल प्रसाद वर्मा की तरफ से पुलिस में एक तहरीर दी गई थी. आरोप था कि 3 फरवरी 2022 को विधानसभा 115 के सदर सीट से सपा प्रत्याशी रईस अहमद, पूर्व सपा सांसद धर्मेंद्र यादव, फखरे अहमद शोबी द्वारा गांव पड़ौआ के पास बुधवाई रोड स्थित पूनम बारात घर में निर्वाचन अधिकारी के बिना अनुमति के एक सभा का आयोजन किया गया था. इस जनसभा में सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे. इस सभा में उपस्थित अधिकांश व्यक्ति और महिलाएं शिक्षा मित्र एवं अनुदेशक थे. जो राज्य सरकार के शासकीय धन से मानदेय प्राप्त करते हैं.

1
पुलिस की चार्जशीट.


जन सभा की हुई थी वीडियोग्राफी
सदर एसडीएम के आरोप के अनुसार सभा में कोई भी नियमित एवं संविदा या मानदेय कर्मचारी निर्वाचन के प्रत्याशियों के साथ बैठक एवं सीधे निर्वाचन में राजनैतिक व्यक्तियों की सभाओं एवं राजनैतिक पार्टियों के साथ आर्दश आचार संहिता लगी होने के दौरान प्रतिभाग नहीं कर सकता है. इस मामले में कोविड-19 प्रॉटोकाल अधिनियम-1951 एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए. अधिकारियों की छापेमारी में इस जन सभा की वीडियोग्राफी कराई गई. बिना परमिशन के शिक्षा मित्रों के साथ मीटिंग मामले में एसडीएम सदर ने सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.


एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जसीट दाखिल
इस मामले में बदायूं के पूर्व सपा सांसद धर्मेंद्र यादव समेत विधानसभा प्रत्याशी रहे हाजी रईस अहमद ने जनसभा के दौरान लोगों को प्रलोभन दिया. साथ ही कोविड गाइडलाइन का भी उल्लंघन किया था. इस काम में उनका 35 अन्य लोगों ने सहयोग भी किया था. वीडियोग्राफी की वजह से पुलिस के पास पुख्ता सबूत भी थे. इन्हीं सबूतों के आधार पर पुलिस ने बदायूं एमपी एमएलए कोर्ट में चार्जसीट दाखिल की थी.


पुलिस विवेचना में नाम आए सामने
पुलिस ने विवेचना कर सभी आरोपों के साक्ष्यों को संकलित कर 37 लोगों के खिलाफ के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट बदायूं में चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिसमें पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, प्रत्याशी हाजी रईस अहमद, वरिष्ठ समाजवादी नेता फकरे अहमद शोबी सहित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं.

यह भी पढे़ं- इंडिया गठबंधन से बीजेपी घबराई, जनता लेगी दानिश अली के अपमान का बदला: धर्मेंद्र यादव

यह भी पढे़ं- अफवाहों से नहीं टूटेगा रालोद-सपा का गठबंधन, भाजपा कितनी भी कोशिश कर लेंः धर्मेंद्र यादव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.