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बदायूं: मनरेगा में ठेकेदारों की धांधली, लोगों को नहीं मिल रहा काम

मनरेगा मजदूरों की मानें तो जॉब कार्ड होने के बावजूद काम नहीं मिल पा रहा है. इस संबंध में किसी भी अधिकरी ने बात करने से इनकार कर दिया है.

मनरेगा में ठेकेदारों की धांधली
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Published : Feb 11, 2019, 7:38 PM IST

बदायूं: मनरेगा यानी मजदूरों के लिए 100 दिन की रोजगार की गारंटी, लेकिन मजदूरों की मानें तो मनरेगा में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. प्रधान और ठेकेदार की मिलीभगत की वजह से मजदूरों की मुसीबत बढ़ गयी है. मजदूरों का कहना है कि कई बार शिकायत की, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ है. कोई भी उन्हें काम नहीं दे रहा है.

मनरेगा में ठेकेदारों की धांधली
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मनरेगा योजना के तहत गांव के मजदूरों को 100 दिन काम देना का वादा होता है. इस योजना की कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी हमेशा तारीफ करती है, लेकिन बदायू में इसमें बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें काम ही नहीं मिल पा रहा है.100 दिन तो क्या उन्हें 50 दिन भी काम नहीं मिल पा रहा है. गांव के प्रधान और ठेकेदार बीच में घपला कर देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें काम नहीं मिल पाता है. जॉब कार्ड होने के बावजूद भी उन्हें काम नहीं दिया जाता है. काम मांगने जाओ तो उन्हें भगा दिया जाता है.

किसान शिव कुमार ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. उन्हें अधिकारी केवल आश्वासन ही देते हैं, लेकिन कभी कोई कार्रवाईन नहीं करते हैं. मजदूरों की मानें तो यह मिलीभगत का खेल काफी लंबे समय से चला आ रहा है. सरकार ने यह योजना गरीब मजदूरों के लिए चलाई थी ताकि उन्हें रोजगार मिल सके. अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह योजना धांधली की भेंट चढ़ती जा रही है.

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बदायूं: मनरेगा यानी मजदूरों के लिए 100 दिन की रोजगार की गारंटी, लेकिन मजदूरों की मानें तो मनरेगा में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. प्रधान और ठेकेदार की मिलीभगत की वजह से मजदूरों की मुसीबत बढ़ गयी है. मजदूरों का कहना है कि कई बार शिकायत की, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ है. कोई भी उन्हें काम नहीं दे रहा है.

मनरेगा में ठेकेदारों की धांधली
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मनरेगा योजना के तहत गांव के मजदूरों को 100 दिन काम देना का वादा होता है. इस योजना की कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी हमेशा तारीफ करती है, लेकिन बदायू में इसमें बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें काम ही नहीं मिल पा रहा है.100 दिन तो क्या उन्हें 50 दिन भी काम नहीं मिल पा रहा है. गांव के प्रधान और ठेकेदार बीच में घपला कर देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें काम नहीं मिल पाता है. जॉब कार्ड होने के बावजूद भी उन्हें काम नहीं दिया जाता है. काम मांगने जाओ तो उन्हें भगा दिया जाता है.

किसान शिव कुमार ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. उन्हें अधिकारी केवल आश्वासन ही देते हैं, लेकिन कभी कोई कार्रवाईन नहीं करते हैं. मजदूरों की मानें तो यह मिलीभगत का खेल काफी लंबे समय से चला आ रहा है. सरकार ने यह योजना गरीब मजदूरों के लिए चलाई थी ताकि उन्हें रोजगार मिल सके. अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह योजना धांधली की भेंट चढ़ती जा रही है.

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Intro:बदायूँ में मनरेगा में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है ....प्रधान और ठेकेदार की मिलीभगत की वजह से मजदूरों की मुसीबत बढ़ गयी है ...मजदूरों का कहना है कि कई बार शिकायत की लेकिन उसका कोई फायदा नही हुआ है ....देखिये इस रिपोर्ट में ....


Body:मनरेगा यानी मजदूरों के लिए 100 दिन की रोजगार की गारंटी ...मनरेगा योजना के तहत गांव के मजदूरों को 100 दिन काम देना का वादा होता है ...इस योजना पर कांग्रेस और बिजेपी दोनों ही पार्टी हमेशा तारीफ करती है ....लेकिन बदायू में इसमे बड़े पैमाने पर धाधली हो रही है ...मजदूरों का कहना है कि उन्हें काम ही नही मिल पा रहा है...100 दिन क्या उन्हें तो 50 दिन भी काम नही मिल पा रहा है ....गांव के प्रधान और ठेकेदार बीच में घपला कर देते है और काम नही देते है ....जॉब कार्ड बने होने के बाद भी उन्हें काम नही दिया जाता है और भगा दिया जाता है .. और कहा जाता है कही भी शिकयत कर लो कोई फायदा नही होगा ..मजदूरों कहना है कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत भी की लेकिन उसका कोई फायदा नही हुआ ...उन्हें अधिकारी केवल आश्वासन दे देते है लेकिन कभी कार्यवाही नही करते है ....ये मिलीभगत का खेल काफी लंबे समय से चला आ रहा है....सरकार ने ये योजना गरीब मजदूरों के लिए चलाई थी ताकि उन्हें रोजगार मिल सके और अपना घर चला सके ....और उसे दो वक्त का खाना मिल सके ...ऐसे में इनके मजदूरों के सामने ये समस्या आ गयी है कि ये किसे शिकयत करे ...क्यों कि अभी इन्हें शिकयत करके कोई फायदा नही हुआ है ...


Conclusion:लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के वजह से ये योजना धाधली की भेंट चढ़ी जा रही है ...ऐसे में सवाल उठता है की ये धांधली कही अधिकारियों की मिलीभगत से तो नही चल रही है ....
(बाइट - शिव कुमार, किसान)

बाइट- नरेन्द्र कुमार, किसान)
(क्रांतिवीर सिंह, 7011197408)
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