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महापंचायत में बोले कांग्रेस के नेता, कृषि कानूनों से 40 फीसदी आबादी होगी बेरोजगार - कृषि कानूनों का विरोध

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस देशभर में 'किसान महापंचायत' आयोजित कर रही है. बदायूं में आयोजित किसान महापंचायत को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नए तीन कृषि कानूनों के जरिए देश की 40 प्रतिशत आबादी को बेरोजगार करने की साजिश रच रही है.

बदायूं में किसान महापंचायत में पहुंचे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े.
बदायूं में किसान महापंचायत में पहुंचे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े.
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Published : Feb 18, 2021, 3:15 PM IST

बदायूं: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस देशभर में 'किसान महापंचायत' आयोजित कर रही हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब और हरियाणा में बड़ी संख्या में किसान महापंचायत में शामिल हो रहे हैं. इन महापंचायतों को संबोधित करने के लिए अन्य राज्यों के किसान नेता और कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता पहुंच रहे हैं. बुधवार को बदायूं में कांग्रेस पार्टी की किसान महापंचायत में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े पहुंचे. उन्होंने किसानों से कहा कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों के जरिए देश की 40 प्रतिशत आबादी को बेरोजगार करने की साजिश रच रही है.

जानकारी देते कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े.

'किसान बचाओ देश बचाओ' के लगे नारे
उत्तर प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आह्वान पर दातागंज स्थित मंगल बाजार में किसान चौपाल का आयोजन किया गया. 'किसान बचाओ देश बचाओ' का नारा लगाते हुए मुख्य अतिथि और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े ने चौपाल को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों के जरिए देश की 40 प्रतिशत आबादी को बेरोजगार करने की साजिश रची है. इससे किसान, छोटे व्यापारी, गरीब, मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले सभी बेरोजगार हो जाएंगे.

उद्योगपतियों के हाथों में किसानों की उपज
बाजीराव खाड़े ने कहा कि पहले कानून का लक्ष्य है कि सबसे बड़े उद्योगपति देश भर में जितना भी अनाज, फल एवं सब्जियां जमा करना चाहते हैं, कर सकते हैं. अभी अनाज, फल, सब्जी के व्यवसाय का करीब 40 प्रतिशत नियंत्रण देश के इन्हीं दो उद्योगपतियों के हाथों में है. कृषि कानून लागू होने के बाद 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत कृषि व्यवसाय पर इनका नियंत्रण हो जाएगा. इससे मंडियों की आवश्यकता नहीं रहेगी. किसान फल, सब्जी विक्रेता, रेहड़ी वाले और छोटे व्यापारी बेरोजगार हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें-कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग किसान को खेत बेचने पर मजबूर कर देगी: मेधा पाटकर

दूसरे कानून से बढे़गी जमाखोरी

चौपाल में विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव चौधरी असलम मियां ने दूसरे कृषि कानून के संबंध में कहा कि दूसरा कानून जमाखोरी बढ़ाने वाला है. इसके तहत उद्योगपति अनाज, फल, सब्जियां खरीद कर स्टोर करेंगे. बाद में उसे ऊंचे दामों पर बेचकर बड़ा मुनाफा कमाएंगे. इससे किसान बर्बाद हो जाएगा. इस अवसर पर चौपाल की अध्यक्षता कर रहे जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह ने तीसरे कृषि कानून के बारे में कहा कि किसान उद्योगपतियों के सामने अपनी उपज का सही दाम मांगने के लिए अदालत में भी अपना पक्ष रखने का अधिकार खो देगा.

मोदी सरकार से देश का अन्नदाता परेशान
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जीएसटी, नोटबंदी ने छोटे व्यापारियों, मजदूरों, किसानों को परेशान कर रखा है. ऐसे में यदि इन तीनों कृषि कानूनों को लागू कर दिया जाएगा तो देश का अन्नदाता और भी परेशान हो जाएगा.

बदायूं: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस देशभर में 'किसान महापंचायत' आयोजित कर रही हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब और हरियाणा में बड़ी संख्या में किसान महापंचायत में शामिल हो रहे हैं. इन महापंचायतों को संबोधित करने के लिए अन्य राज्यों के किसान नेता और कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता पहुंच रहे हैं. बुधवार को बदायूं में कांग्रेस पार्टी की किसान महापंचायत में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े पहुंचे. उन्होंने किसानों से कहा कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों के जरिए देश की 40 प्रतिशत आबादी को बेरोजगार करने की साजिश रच रही है.

जानकारी देते कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े.

'किसान बचाओ देश बचाओ' के लगे नारे
उत्तर प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आह्वान पर दातागंज स्थित मंगल बाजार में किसान चौपाल का आयोजन किया गया. 'किसान बचाओ देश बचाओ' का नारा लगाते हुए मुख्य अतिथि और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े ने चौपाल को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों के जरिए देश की 40 प्रतिशत आबादी को बेरोजगार करने की साजिश रची है. इससे किसान, छोटे व्यापारी, गरीब, मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले सभी बेरोजगार हो जाएंगे.

उद्योगपतियों के हाथों में किसानों की उपज
बाजीराव खाड़े ने कहा कि पहले कानून का लक्ष्य है कि सबसे बड़े उद्योगपति देश भर में जितना भी अनाज, फल एवं सब्जियां जमा करना चाहते हैं, कर सकते हैं. अभी अनाज, फल, सब्जी के व्यवसाय का करीब 40 प्रतिशत नियंत्रण देश के इन्हीं दो उद्योगपतियों के हाथों में है. कृषि कानून लागू होने के बाद 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत कृषि व्यवसाय पर इनका नियंत्रण हो जाएगा. इससे मंडियों की आवश्यकता नहीं रहेगी. किसान फल, सब्जी विक्रेता, रेहड़ी वाले और छोटे व्यापारी बेरोजगार हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें-कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग किसान को खेत बेचने पर मजबूर कर देगी: मेधा पाटकर

दूसरे कानून से बढे़गी जमाखोरी

चौपाल में विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव चौधरी असलम मियां ने दूसरे कृषि कानून के संबंध में कहा कि दूसरा कानून जमाखोरी बढ़ाने वाला है. इसके तहत उद्योगपति अनाज, फल, सब्जियां खरीद कर स्टोर करेंगे. बाद में उसे ऊंचे दामों पर बेचकर बड़ा मुनाफा कमाएंगे. इससे किसान बर्बाद हो जाएगा. इस अवसर पर चौपाल की अध्यक्षता कर रहे जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह ने तीसरे कृषि कानून के बारे में कहा कि किसान उद्योगपतियों के सामने अपनी उपज का सही दाम मांगने के लिए अदालत में भी अपना पक्ष रखने का अधिकार खो देगा.

मोदी सरकार से देश का अन्नदाता परेशान
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जीएसटी, नोटबंदी ने छोटे व्यापारियों, मजदूरों, किसानों को परेशान कर रखा है. ऐसे में यदि इन तीनों कृषि कानूनों को लागू कर दिया जाएगा तो देश का अन्नदाता और भी परेशान हो जाएगा.

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