आजमगढ़: बिहार के समस्तीपुर से 28 मजदूरों का जत्था बिना खाए पिए 4 दिन से पैदल चलकर शनिवार को आजमगढ़ पहुंचा. सभी मजदूर कानपुर या औरैया जनपद के रहने वाले हैं. आजमगढ़ जनपद पहुंचने पर बेलियसा मंडी पर पुलिस के जवानों और सब्जी मंडी, फल मंडी के व्यवसायियों के सहयोग से इन सभी लोगों के खाने पीने की व्यवस्था करने के साथ इनके घर भेजने की भी व्यवस्था की गई.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बिहार के समस्तीपुर से पैदल चल कर आ रहे अनूप सिंह नायक का कहना है कि 4 दिन से वह लोग पैदल चलते-चलते थक गए. रास्ते में न तो उन लोगों के पास खाने की कुछ व्यवस्था थी और न ही उन लोगों के पास पैसे हैं. शनिवार को जिले में पहुंचने पर पुलिस वालों ने उन्हें रोका और फल के साथ ही खाना देने की भी व्यवस्था कराई. साथ ही घर पहुंचने की भी व्यवस्था भी कराई.
बिहार के ही समस्तीपुर से पैदल चलकर अपने घर औरैया जा रहे जितेंद्र नायक का कहना है कि इस चार दिनों की पैदल यात्रा में रास्ते में कोई बिस्कुट खिला दे रहा है तो कोई चाय पिला दे रहा था. इसी तरह से हम लोगों ने यह यात्रा तय की. वहीं आजमगढ़ पहुंचने पर यहां के पुलिस वालों ने हम लोगों को घर भेजने की व्यवस्था की जोकि सराहनीय है.
वहीं इस बारे में चौकी पर तैनात इंस्पेक्टर अनुपम जयसवाल का कहना है कि सुबह जब हम लोग अपनी ड्यूटी पर तैनात थे, उसी समय बड़ी संख्या में लोग पैदल आते दिखे. जब इन लोगों से पूछा गया तो इन लोगों ने बताया कि बिहार के समस्तीपुर में जहां ये लोग नौकरी करते थे वहां से मालिक ने भगा दिया. इन लोगों के पास न तो पैसा है और न ही खाने की व्यवस्था. हम लोगों ने सहयोग कर इन लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था के साथ इनके घर भिजवाने का भी इंतजाम करवाया.
बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में लॉक डाउन कोशिश किए जाने के बाद सबसे ज्यादा समस्या का सामना दिहाड़ी मजदूरों को करना पड़ रहा है. बिहार के समस्तीपुर से आजमगढ़ की लगभग 400 किलोमीटर की यह यात्रा इन सभी मजदूरों ने पैदल तय की. ऐसे में आजमगढ़ पुलिस ने ऐसे मजदूरों को खाना खिलाकर व घर भिजवाने की व्यवस्था कर सराहनीय काम किया.