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वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में दो घरों के बुझ गए चिराग, एक आजमगढ़ का था निवासी

वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में दिल्ली के दो बेटों की भी मौत हो गई. सोनू और विनय बदरपुर के मोलरबंद इलाके के रहने वाले थे. दोनों ही अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे. हालांकि ,सोनू मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला था. इनकी मौत से दोनों ही परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़
वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़
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Published : Jan 1, 2022, 10:28 PM IST

नई दिल्ली : शनिवार सुबह वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में 12 लोगों की जान गई, जबकि करीब डेढ़ दर्जन लोग घायल हैं. मरने वालों दिल्ली के दो युवक भी शामिल हैं. बदरपुर इलाके के सोनू पांडेय और विनय की भी इस हादसे में मौत हो गई. सुबह हादसे में बेटों की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया.

दरअसल, सोनू पांडेय का परिवार बदरपुर इलाके में रहता है. इनके पिता यूपी के आज़मगढ़ से आकर दिल्ली की कंपनी में काम करते हैं. जबकि सोनू पांडेय नोएडा की एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में काम करता था. 6 महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. पिता नरेंद्र पांडेय ने रोते हुए बताया कि मेरी बुढ़ापे की लाठी टूट गई है. अब मेरा कोई सहारा नहीं है. इकलौते बेटे की मौत से इस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ से दो युवकों की मौत

सोनू पांडेय का गरीब परिवार आज़मगढ़ से आकर बदरपुर में किराए के मकान में रहता है. सोनू के पिता एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अब भले ही मेरे बेटे के बराबर पैसे दे दे, लेकिन उसकी जान तो कोई नहीं लौटा सकता है. मेरा दर्द जीवनभर रहेगा. अब मेरा क्या होगा.

वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ से दो युवकों की मौत
वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में मरने वाले सोनू पांडेय की तस्वीर

इसे भी पढ़ें : माता वैष्णो देवी गए घर के इकलौते बेटे की भगदड़ में मौत, घर में पसरा मातम

शनिवार सुबह कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मृतकों में दो युवक विनय और सोनू पांडे बदरपुर के मोलरबंद इलाके के रहने वाले हैं. हालांकि, सोनू पांडेय मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला था. इस दर्दनाक हादसे से मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों ही अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे. इनकी मौत से दोनों ही परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

नई दिल्ली : शनिवार सुबह वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में 12 लोगों की जान गई, जबकि करीब डेढ़ दर्जन लोग घायल हैं. मरने वालों दिल्ली के दो युवक भी शामिल हैं. बदरपुर इलाके के सोनू पांडेय और विनय की भी इस हादसे में मौत हो गई. सुबह हादसे में बेटों की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया.

दरअसल, सोनू पांडेय का परिवार बदरपुर इलाके में रहता है. इनके पिता यूपी के आज़मगढ़ से आकर दिल्ली की कंपनी में काम करते हैं. जबकि सोनू पांडेय नोएडा की एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में काम करता था. 6 महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. पिता नरेंद्र पांडेय ने रोते हुए बताया कि मेरी बुढ़ापे की लाठी टूट गई है. अब मेरा कोई सहारा नहीं है. इकलौते बेटे की मौत से इस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ से दो युवकों की मौत

सोनू पांडेय का गरीब परिवार आज़मगढ़ से आकर बदरपुर में किराए के मकान में रहता है. सोनू के पिता एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अब भले ही मेरे बेटे के बराबर पैसे दे दे, लेकिन उसकी जान तो कोई नहीं लौटा सकता है. मेरा दर्द जीवनभर रहेगा. अब मेरा क्या होगा.

वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ से दो युवकों की मौत
वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में मरने वाले सोनू पांडेय की तस्वीर

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शनिवार सुबह कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मृतकों में दो युवक विनय और सोनू पांडे बदरपुर के मोलरबंद इलाके के रहने वाले हैं. हालांकि, सोनू पांडेय मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला था. इस दर्दनाक हादसे से मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. दोनों ही अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे. इनकी मौत से दोनों ही परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

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