आजमगढ़: बलिया जिले की मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय ने 6 जुलाई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद से ही यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. बलिया पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज होकर पीड़ित परिजनों ने आजमगढ़ परिक्षेत्र के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे से मिलकर इस घटना की जांच कराने की मांग की है, जिस पर डीआईजी ने परिजनों को दोषियों पर कठोर कार्रवाई किए जाने का भरोसा भी दिया है.
डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे का कहना है कि पीसीएस अधिकारी मणि मंजरी राय की आत्महत्या मामले में परिजनों की तहरीर पर पांच लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इसमें ड्राइवर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है, जबकि अन्य लोगों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है. डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे का कहना है कि सुसंगत सुबूत इकट्ठा किया जा रहा है. इसके साथ ही महिला अधिकारी द्वारा अंतिम व्यक्ति की जो लंबी बातचीत की गई है, उसका मोबाइल नंबर और महिला अधिकारी का मोबाइल फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया है. जल्द ही इस मामले के आरोपी जेल के अंदर होंगे.
डीआईजी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि इस मामले पर किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही है. सुसंगत साक्ष्यों और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर इस मामले के जो भी दोषी होंगे, उनके ऊपर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही आजमगढ़ मंडल के अपराधियों के विरुद्ध चलाए गए अभियान के तहत अभी तक परिक्षेत्र के तीनों जनपदों में अपराधियों की 20 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.
इसके साथ ही आजमगढ़ बलिया में पशु तस्करी गिरोह के विरुद्ध भी लगातार कार्रवाई की जा रही है. डीआईडी सुभाष चंद दुबे का कहना है कि इसके साथ ही कुख्यात मुख्तार अंसारी की भी संपत्तियां लगातार कुर्क की जा रही हैं. इसके साथ ही उनके सहयोगियों के लाइसेंस भी निरस्त किए जा रहे हैं, जब तक अपराध से अर्जित संपत्ति नष्ट नहीं की जाएंगी, तब तक यह पूरा अभियान चलता रहेगा. इसके साथ ही जो भी लोग दोषी हैं, उनके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, रासुका के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही है.