आजमगढ़ : रानी की सराय थाने के थानध्यक्ष और उपनिरीक्षक को दिनदहाड़े बुलडोजर से मकान गिराना और पीड़ित को इंसाफ न देना महंगा पड़ गया. पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष और उपनिरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मच गया है.
दरअसल, जिले के सेठवल गांव में एग्रीमेंट कराई भूमि पर राजबली मौर्य मकान बनाकर रह रहे थे. मामला न्यायालय में विचाराधीन था. पीड़ित का आरोप था कि 17 अप्रैल को दिनदहाड़े कई वाहनों में दबंग पहुंचे और उनके घर के कीमती सामनों को लूट ले गए. वहीं, उन्होंने बुलडोजर से मकान को भी ध्वस्त कर दिया. पीड़ित ने इसकी सूचना रानी की सराय थाने की पुलिस को दी. मौके पर उपनिरीक्षक नवल किशोर पहुंचे लेकिन थानाध्यक्ष नहीं पहुंचे. उपनिरीक्षक नवल किशोर पूरे घटनाक्रम से अवगत थे. इसके बावजूद भी दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं की.
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पीड़ित सोमवार को एसपी कार्यालय पर पहुंचकर पूरे मामले से एसपी को अवगत कराया. दिन दहाड़े बुलडोजर से मकान को गिराने की कहानी सुनते ही एसपी के होश उड़ गए. एसपी ने तत्काल इसकी जांच अपर पुलिस अधीक्षक को दी. एसपी के कड़े रूख को रानी की सराय थाने की पुलिस जब तक भांप पाती, तब तक एसपी का चाबूक चल गया था. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में थानाध्यक्ष दिलीप सिंह और नवल किशोर सिंह दोषी पाये गए. इसके बाद पुलिस ने रानी की सराय थाने के थानाध्यक्ष दिलीप सिंह और उपनिरीक्षक नवल किशोर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.
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