आजमगढ़ः आरपीआई (ए) (Republican Party of India, (Athawale)) के प्रदेश प्रवक्ता पवन उपाध्याय ने कहा कि बीएसपी में नेताओं का पार्टी से छोड़कर जाने की वजह मायावती का टिकट के बदले पैसा लेना नहीं है, बल्कि उनकी पार्टी का आधार वोट अब खिसक चुका है. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) की ओर सारा जनाधार आ गया है. लोग अब रामदास आठवले की ओर देख रहे हैं. मायावती ने बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर जी का नाम लेकर लोगों को बरगलाया. उन्होंने खुद कभी बाबा साहेब के आदर्शों का पालन नहीं किया.
अब जनता को बरगलाया नहीं जा सकता, लोग इतिहास की असलियत समझ गए हैं. लोगों को अब पता चल गया कि बाबा साहेब ने एक राजनीतिक दल बनाया था. जिसका सिद्धांत था सर्व समाज को जोड़ना सबको समान अधिकार देना, लेकिन उनके नाम पर राजनीति करने वाली पार्टियां समाज को केवल बांटने का ही काम करती रहीं और अपनी राजनीति चमकाती रहीं.
प्रदेश प्रवक्ता पवन उपाध्याय ने आगे कहा कि आज बाबा साहेब नहीं हैं, लेकिन उनकी दूरदृष्टि उनके सिद्धांत आज भी लोकतंत्र के लिए मजबूत स्तंभ हैं. उनकी एकमात्र राजनीतिक निशानी जो उनके द्वारा स्थापित की गई है, वो है रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया और जो लोग उनके सिद्धांत को मानते हैं. वो सारे लोग आज हमारे साथ आ रहे हैं. एक जीता जागता उदाहरण है जिस दिन RPI की रैली आजमगढ़ के मेहनगर और मुबारकपुर में निकली. उसके अगले दिन ही बसपा में खलबली मच गई और 2 दिन में ही अपने आधार वोट में सेंध के डर से बीएसपी नेता पार्टी को टाटा कर रहे हैं.
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पिछले 26 सितंबर से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने बहुजन कल्याण यात्रा सहारनपुर से निकाला है, जो प्रदेश के प्रत्येक जिले में जा रही है. एक दिन एक जिला के तर्ज पर ये रथ यात्रा है. आरपीआई के प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता ने बाबा साहेब के मानने वालों के बीच पूरे प्रदेश का दौरा कर एन नई उम्मीद जगाई है. केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले का उत्तर प्रदेश में लगातार दौरा होने से विपक्षियों में हड़कंप मच गया है. रामदास आठवले जी सर्व समुदाय के नेता बहुजन नायक हैं. आगामी चुनाव में RPI भाजपा गठबंधन को इसका बहुत लाभ मिलने वाला है.
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