आज़मगढ़: प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद जहां अयोध्या में भव्य सरयू आरती का आयोजन किया गया. वहीं सरयू की एक शाखा सदानीरा छोटी सरयू जिसका अस्तित्व राम के साथ जुड़ा हुआ है. वह अपना दम तोड़ रही है. यह सदानीरा कभी लोगो की आस्था का केंद्र था. वर्तमान समय मे भी लोग तमाम पर्व पर इसी सदानीरा के जल का प्रयोग करते हैं.
वही महापर्व छठ पर व्रती महिलाएं इसी नदी के जल में खड़ी हो कर सूर्य को अर्घ्य देती हैं . वहीं इतनी महत्वपूर्ण नदी होने के बाद भी सरकारी प्रशासन से अपनी लड़ाई लड़ते हुए अपना अस्तिव खोने की कगार पर है. इस नदी के किनारे कई पौराणिक काल के दिव्य स्थल मौजूद हैं, जो इसकी पुरातन और पौराणिक होने का सबूत देते हैं. इस सदानीरा के किनारे राजा दक्ष का यज्ञ कुंड है, जिसमे कूद कर सती ने अपने प्राण त्याग दिए थे.
सदानीरा का इतिहास इसी बात से पता चलता है कि जिस ऋषी दुर्वाशा के श्राप से देवता और भगवान शंकर नहीं बच पाए. उन्होंने इस छोटी सरयू के किनारे तपस्या की थी. इस नदी को दोबारा से जीवित करने के लिए लोगों ने आंदोलन चलाए, लेकिन उसका कोई व्यापक असर नही दिखा. सरकारी प्रशासन की लापरवाही से इस नदी का जल इतना प्रदूषित हो चुका है कि इसमें नहाना तो दूर इसके जल को भी लोग छूने से डरते हैं.