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आजमगढ़: लक्ष्मण सिंह ने 3 वर्ष में बदली प्राथमिक विद्यालय सोनपार की तस्वीर

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के सठियांव ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय के हालात बीते तीन सालों में पहले से बेहतर हो गए हैं. इसका पूरा श्रेय स्कूल के प्राधानाचार्य लक्ष्मण सिंह को जाता है.

प्राथमिक विद्यालय में कुल 293 बच्चे हैं पंजीकृत
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Published : Sep 21, 2019, 9:15 AM IST

आजमगढ़: जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर सठियांव ब्लॉक के सोनपार स्थित प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर तीन वर्षों में बहुत बदल गई है. इस बदलाव का श्रेय यहां के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह को जाता है.

प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य से बातीचत.

इसे भी पढ़ें:- आजमगढ़: बाटला हाउस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग, केजरीवाल का आवास घेरेगी उलेमा काउंसिल

स्कूल में आज 293 बच्चे हैं रजिस्टर्ड
सोनपार स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अप्रैल 2016 में जब इस प्राथमिक विद्यालय में मेरी तैनाती हुई थी तो उस समय यहां पर 95 बच्चे रजिस्टर्ड थे, जिसमें से 30 बच्चे विद्यालय आते थे. विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए हमने गांव-गांव जाकर अभिभावकों से मिलकर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का वादा किया.

जिसका परिणाम यह हुआ कि तीन वर्षों में यहां पर 293 बच्चे पंजीकृत हुए, जिसमें से 255 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय में आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. शिक्षा के लिये यहां पर तैनात शिक्षकों की संख्या काफी कम थी, जिसके बाद अपने वेतन से चार पार्ट टाइम शिक्षिकाओं को नियुक्त किया, जो इन बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा दे सकें.

इसी प्राथमिक विद्यालय में एक आंगनबाड़ी केंद्र भी चलता है और इस आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की तरफ से न तो ड्रेस और न ही बैग दिया जाता है. बच्चों के अंदर हीन भावना न आए इसलिए यहां पर पढ़ने वाले 70 बच्चों को अपने पैसे से स्कूल ड्रेस और बैग भी वितरित किया. वहीं अभिभावक लालसा गिरी का कहना है कि विगत चार वर्षों में ऐसे शिक्षक यहां आए कि आसपास चलने वाले चार नर्सरी स्कूल बंद हो गये.


आजमगढ़: जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर सठियांव ब्लॉक के सोनपार स्थित प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर तीन वर्षों में बहुत बदल गई है. इस बदलाव का श्रेय यहां के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह को जाता है.

प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य से बातीचत.

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स्कूल में आज 293 बच्चे हैं रजिस्टर्ड
सोनपार स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अप्रैल 2016 में जब इस प्राथमिक विद्यालय में मेरी तैनाती हुई थी तो उस समय यहां पर 95 बच्चे रजिस्टर्ड थे, जिसमें से 30 बच्चे विद्यालय आते थे. विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए हमने गांव-गांव जाकर अभिभावकों से मिलकर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का वादा किया.

जिसका परिणाम यह हुआ कि तीन वर्षों में यहां पर 293 बच्चे पंजीकृत हुए, जिसमें से 255 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय में आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. शिक्षा के लिये यहां पर तैनात शिक्षकों की संख्या काफी कम थी, जिसके बाद अपने वेतन से चार पार्ट टाइम शिक्षिकाओं को नियुक्त किया, जो इन बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा दे सकें.

इसी प्राथमिक विद्यालय में एक आंगनबाड़ी केंद्र भी चलता है और इस आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की तरफ से न तो ड्रेस और न ही बैग दिया जाता है. बच्चों के अंदर हीन भावना न आए इसलिए यहां पर पढ़ने वाले 70 बच्चों को अपने पैसे से स्कूल ड्रेस और बैग भी वितरित किया. वहीं अभिभावक लालसा गिरी का कहना है कि विगत चार वर्षों में ऐसे शिक्षक यहां आए कि आसपास चलने वाले चार नर्सरी स्कूल बंद हो गये.


Intro:anchor: आजमगढ़। आजमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर सठियांव ब्लॉक के सोनपार प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर 3 वर्षों में बिल्कुल बदल गई है। इस बदलाव का श्रेय यहां के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह को जाता है।


Body:वीओ:1 ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में प्राथमिक विद्यालय सोनपार के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अप्रैल 2016 में जब इस प्राथमिक विद्यालय में मेरी तैनाती हुई थी तो उस समय यहां पर 95 बच्चे रजिस्टर्ड थे जिसमें से 30 बच्चे विद्यालय आते थे। विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए हमने गांव गांव जाकर अभिभावकों से मिलकर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का वायदा किया और उनके परिजनों को जागरूक किया। जिसका परिणाम यह हुआ कि 3 वर्षों में यहां पर 293 बच्चे पंजीकृत जिसमें से 255 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय में आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। प्रधानाचार्य का कहना है कि अच्छा काम करने की मन में सोच थी और बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा देना चाहता था जिसके लिए यहां पर तैनात शिक्षकों की संख्या काफी कम थी जिसके बाद अपने वेतन से 4 पार्ट टाइम शिक्षिकाओं को नियुक्त किया जो इन बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा दे सकें। प्रधानाचार्य का कहना है कि इस काम में बहुत समस्याएं भी आई और सबसे बड़ी समस्या यह आई कि यहां पर पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक अशिक्षित हैं बांसी मुबारकपुर है जहां बनारसी साड़ियां बनती हैं बच्चे इन साड़ियों के कारखानों में काम करने चले जाते हैं पर शिक्षा इंसान को आगे ले जाती है इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया और आज परिणाम आपके सामने हैं। इसी प्राथमिक विद्यालय में एक आंगनबाड़ी केंद्र भी चलता है और इस आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की तरफ से ना तो ड्रेस और ना ही बैठ दिया जाता है लेकिन बच्चों के अंदर हीन भावना ना आए इसलिए यहां पर पढ़ने वाले 70 बच्चों को अपने पैसे से स्कूल ड्रेस व बैग भी वितरित किया। अभिभावक लालसा गिरी का कहना है कि विगत 4 वर्षों में ऐसे शिक्षक यहां आए कि आसपास चलने वाले नर्सरी चार स्कूल बंद हो गये।


Conclusion:बाइट: लक्ष्मण सिंह प्रधानाचार्य सोनपार प्राथमिक विद्यालय
बाइट: लालसा गिरी अभिभावक
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि एक तरफ जहां प्राथमिक विद्यालय दुर्दशा के दौर से गुजर रहे हैं वहीं आजमगढ़ जनपद के सोनपार का प्राथमिक विद्यालय प्राथमिक विद्यालय का रोल मॉडल बन कर उभरा है।

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