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आजमगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खुली पोल, आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी भटक रहे मरीज - Negligence of health department in Azamgarh

आजमगढ़ में मरीज दर दर भटकने को मजबूर हैं. आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है.

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Published : Oct 22, 2022, 11:27 AM IST

आजमगढ़: जिले के मंडलीय अस्पताल की व्यवस्था की पोल (Negligence of health department in Azamgarh) खुल गई. मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में आयुष्मान कार्ड का कोई लाभ (Patients not getting benefit of Ayushman card) नहीं मिल रहा है. इसके बाद भी जिला प्रशासन इन अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता.

नगर के सिधारी स्थित हाइडिल निवासी हरिश्चंद का पुत्र (35) एक हादसे में घायल हो गया था. वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता है. हरिश्चंद अपने बेटे को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने कुछ देर के लिए मरीज को पहले भर्ती कर लिया और उसके बाद परिजनों को बोल दिया इलाज करने के लिए डॉक्टर उपलब्ध नहीं है. वहीं, मजबूर पिता अपने बेटे को ठेले में लिटाकर घर वापस लौटा. हरिश्चंद ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में सरकार के आयुष्मान कार्ड का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है.

जानकारी देते पीड़ित परिजन

पढे़ं- फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में टांके लगाने का वीडियो वायरल, सीएमएस ने दी सफाई

पीड़ित हरिश्चंद ने आरोप लगाया कि वह अपने बेटे को लेकर जिले के कई प्राइवेट अस्पतालों में गया. लेकिन किसी ने आयुष्मान कार्ड पर उसके बेटे को भर्ती नहीं किया. सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में नकद रुपयों की डिमांड की गई थी. लेकिन बुजुर्ग के पास रुपये नहीं थे. इसलिए वह अपने बेटे को बिना इलाज के ही घर वापस ले आया. पीड़ित का कहना है कि अधिकारी सिर्फ आष्युमान कार्ड बनवाने पर ध्यान दे रहे हैं. लेकिन यह नहीं पूछ रहे हैं कि इस कार्ड पर प्राइवेट अस्पताल मरीजों को भर्ती क्यों नहीं करते हैं. आजमगढ़ सीएमओ आईएन तिवारी ने बताया कि जिले में कुल 2.70 लाख आयुष्मान कार्ड धारक है. सरकारी अस्पतालों के अलावा 18 प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान के तहत इलाज के लिए अनुबंधित है. इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

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पढे़ं- डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की जगह नहीं चढ़ाया गया था मौसम्बी का जूस, दस आरोपी गिरफ्तार

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नगर के सिधारी स्थित हाइडिल निवासी हरिश्चंद का पुत्र (35) एक हादसे में घायल हो गया था. वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता है. हरिश्चंद अपने बेटे को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने कुछ देर के लिए मरीज को पहले भर्ती कर लिया और उसके बाद परिजनों को बोल दिया इलाज करने के लिए डॉक्टर उपलब्ध नहीं है. वहीं, मजबूर पिता अपने बेटे को ठेले में लिटाकर घर वापस लौटा. हरिश्चंद ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में सरकार के आयुष्मान कार्ड का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है.

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