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आजमगढ़: महिलाओं ने कहा तीन तलाक को राजनीतिक मुद्दा न बनाये केंद्र सरकार

आजमगढ़ में ट्रिपल तलाक पर मुस्लिम महिलाओं ने कहा केंद्र सरकार इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाए. इसके अलावा देश में और भी समस्याएं है. जिन पर काम करने की जरूरत है. और तीन तलाक न तो मुस्लिम महिलाओं के हित में है और न ही पुरुषों के हित में.

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Published : Mar 17, 2019, 10:34 AM IST

आजमगढ़:ट्रिपल तलाक पर कानून बनाकर केंद्र सरकार का मानना है कि इससे मुस्लिम महिलाएं खुश होंगी. वहीं दूसरी ओर आजमगढ़ जनपद की महिलाओं का कहना है कि ट्रिपल तलाक के अलावा और भी बहुत से विषय हैं. जिन पर काम करने की जरूरत है. इसको राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए.


शिक्षिका साजिया का कहना है कि ट्रिपल तलाक के अलावा देश में बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं. जिस पर काम करने की जरूरत है. योजना बनाने की जरूरत है .इस तरह के मुद्दों को मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है. यह महिलाओं के हित में नहीं है.


इस मामले पर सलीम अहमद का कहना है कि यह ट्रिपल तलाक का कानून न तो महिलाओं के हित में है न पुरुषों के हित में. जिस तरह से बिना रायशुमारी के इस कानून को बनाया गया है. वह एक मजाक है. ट्रिपल तलाक में जब सौहर जेल चला जाएगा तो उसके बच्चों की परवरिश कौन करेगा क्या सरकार करेगी. केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ना तो महिलाओं के हित में है और न ही पुरुषों के हित में है इस कानून के साथ सरकार ने एक मजाक किया है.


सरकार ने ट्रिपल तलाक पर कानून बनाकर महिलाओं को आजादी देने का काम किया. लेकिन ट्रिपल तलाक कानून से आजमगढ़ की महिलाएं व पुरूष खुश नहीं है.

आजमगढ़:ट्रिपल तलाक पर कानून बनाकर केंद्र सरकार का मानना है कि इससे मुस्लिम महिलाएं खुश होंगी. वहीं दूसरी ओर आजमगढ़ जनपद की महिलाओं का कहना है कि ट्रिपल तलाक के अलावा और भी बहुत से विषय हैं. जिन पर काम करने की जरूरत है. इसको राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए.


शिक्षिका साजिया का कहना है कि ट्रिपल तलाक के अलावा देश में बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं. जिस पर काम करने की जरूरत है. योजना बनाने की जरूरत है .इस तरह के मुद्दों को मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है. यह महिलाओं के हित में नहीं है.


इस मामले पर सलीम अहमद का कहना है कि यह ट्रिपल तलाक का कानून न तो महिलाओं के हित में है न पुरुषों के हित में. जिस तरह से बिना रायशुमारी के इस कानून को बनाया गया है. वह एक मजाक है. ट्रिपल तलाक में जब सौहर जेल चला जाएगा तो उसके बच्चों की परवरिश कौन करेगा क्या सरकार करेगी. केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ना तो महिलाओं के हित में है और न ही पुरुषों के हित में है इस कानून के साथ सरकार ने एक मजाक किया है.


सरकार ने ट्रिपल तलाक पर कानून बनाकर महिलाओं को आजादी देने का काम किया. लेकिन ट्रिपल तलाक कानून से आजमगढ़ की महिलाएं व पुरूष खुश नहीं है.

Intro:anchor: आजमगढ़। ट्रिपल तलाक पर कानून बनाकर जहां केंद्र सरकार का मानना है कि इससे मुस्लिम महिलाएं खुश होंगी वहीं दूसरी ओर आजमगढ़ जनपद की महिलाओं का कहना है कि ट्रिपल तलाक के अतिरिक्त और भी बहुत से विषय हैं जिन पर काम करने की जरूरत है। इसको राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए।


Body:वीओ: 1 ईटीवी भारत से बातचीत में शिक्षिका साजिया का कहना है कि ट्रिपल तलाक के अलावा देश में बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं जिस पर काम करने की जरूरत है योजना बनाने की जरूरत है इस तरह के मुद्दों को मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है। साजिया का कहना है कि यह महिलाओं के हित में नहीं है। इस मामले पर सलीम अहमद का कहना है कि यह ट्रिपल तलाक का कानून न तो महिलाओं के हित में है न पुरुषों के हित में। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिना रायशुमारी के इस कानून को बनाया गया है वह एक मजाक है। सलीम अहमद ने सवाल करते हुए कहा कि ट्रिपल तलाक में जब सौहर जेल चला जाएगा तो उसके बच्चों की परवरिश कौन करेगा क्या सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ना तो मुसलमानों के हित में है और न ही पुरुषों के हित में है इस कानून के साथ सरकार ने एक मजाक किया है।


Conclusion:वीओ: 2 बताते चलें कि सरकार ने ट्रिपल तलाक पर कानून बनाकर महिलाओं को आजादी देने का काम किया लेकिन ट्रिपल तलाक कानून से आजमगढ़ की महिलाएं व पुरूष खुश नहीं है। आजमगढ़ जनपद की महिलाओं को पुरुषों का कहना है कि ट्रिपल तलाक अकेला हूं बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कानून बनाने की जरूरत है।

बाइट साजिया
बाइट सलीम अहमद
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 94537 66 900
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