आजमगढ़:ट्रिपल तलाक पर कानून बनाकर केंद्र सरकार का मानना है कि इससे मुस्लिम महिलाएं खुश होंगी. वहीं दूसरी ओर आजमगढ़ जनपद की महिलाओं का कहना है कि ट्रिपल तलाक के अलावा और भी बहुत से विषय हैं. जिन पर काम करने की जरूरत है. इसको राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए.
शिक्षिका साजिया का कहना है कि ट्रिपल तलाक के अलावा देश में बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं. जिस पर काम करने की जरूरत है. योजना बनाने की जरूरत है .इस तरह के मुद्दों को मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है. यह महिलाओं के हित में नहीं है.
इस मामले पर सलीम अहमद का कहना है कि यह ट्रिपल तलाक का कानून न तो महिलाओं के हित में है न पुरुषों के हित में. जिस तरह से बिना रायशुमारी के इस कानून को बनाया गया है. वह एक मजाक है. ट्रिपल तलाक में जब सौहर जेल चला जाएगा तो उसके बच्चों की परवरिश कौन करेगा क्या सरकार करेगी. केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ना तो महिलाओं के हित में है और न ही पुरुषों के हित में है इस कानून के साथ सरकार ने एक मजाक किया है.
सरकार ने ट्रिपल तलाक पर कानून बनाकर महिलाओं को आजादी देने का काम किया. लेकिन ट्रिपल तलाक कानून से आजमगढ़ की महिलाएं व पुरूष खुश नहीं है.