आजमगढ़ : 24 साल पुराने एक मामले में फुलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक रमाकांत यादव को कोर्ट ने जेल भेज दिया है. यह आदेश आजमगढ़ के एमपी-एमएलए कोर्ट ने दिया है. सपा विधायक रमाकांत यादव का वर्ष 1998 में लोकसभा उपचुनाव में अकबर अहमद डंपी से विवाद हुआ था. इस मामले की काफी समय से कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. रामकांत यादव एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर हुए थे.
ये है मामला :
हत्या का प्रयास और चक्का जाम करने के मामले में सपा विधायक रमाकांत यादव ने सोमवार को आजमगढ़ एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने के बाद कोर्ट ने रमाकांत यादव को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया. सपा नेता रमाकांत यादव का वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी से विवाद हो गया था. वर्ष 1998 के चुनाव में रमाकांत यादव सपा से सदर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे. अकबर अहमद डंपी और रमाकांत के बीच हुए विवाद में अंबारी पुलिस चौकी के पास गोलाबारी हुई थी. इस गोलबारी में कोई जनहानि नहीं हुई थी और न ही कोई व्यक्ति घायल हुआ था.
घटना के बाद पुलिस ने रमाकांत यादव समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस इस मामले में सपा नेता के खिलाफ हत्या का प्रयास, बलवा सहित कई मामले में मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद रमाकांत यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टेट ले लिया. कोर्ट द्वारा दी गई अवधि खत्म होने के बाद सपा नेता रमाकांत ने सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में समर्पण किया था. इसके अलावा रमाकांत वर्ष 2016 में पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव के साथ हुए विवाद के मामले में कोर्ट में पेश हुए थे.
अधिवक्ता अद्या शंकर दुबे ने बताया कि अंबारी पुलिस चौकी के समीप वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी अपने 40-50 समर्थको के साथ पहुंचे थे. उस समय बसपा प्रत्याशी डंपी ने सपा प्रत्याशी रमाकांत यादव के साथ गाली-गलौज किया था. डंपी के जवाब में रमाकांत की तरफ से भी 40-50 समर्थक पहुंचे थे. इस बीच दोनों पक्षों में गोलीबारी हुई थी, इस गोलीबारी में कोई हताहत नहीं हुआ था. इसमें पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में रमाकांत यादव ने हाईकार्ट से स्टेट ले रखा था. स्टे समाप्त होने के बाद उन्होने आज कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. इसके अलावा एक अन्य मामले में पूर्व विधायक श्याम बहादुर के मामले में भी विधायक रमाकांत यादव कोर्ट में हाजिर हुए थे. कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
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