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सरकारी अस्पताल में उपकरणों की खरीद में घोटाला, डीएम ने दिए जांच के आदेश

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Published : Mar 24, 2023, 5:12 PM IST

लखनऊ ऑप्टिकल एंड सर्जिकल कंपनी ने आजमगढ़ के तरवां स्थित सौ शैय्या अस्पताल में करोड़ो रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर आजमगढ़ के डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

शैय्या अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
शैय्या अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
आजमगढ़ के सीडीओ और शैय्या अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने यह बताया.

आजमगढ़: जनपद के 100 शैय्या अस्पताल तरवां में लगभग दो करोड़ रुपये की मेडिकल उपकरणों की खरीद में अनियमितता का मामला सामने आया है. यहां मेडिकल उपकरण की सप्लाई करने वाली कंपनी के बजाय बिजली उपकरणों की सप्लाई करने वाली कंपनी को ठेका देने का आरोप लगा है. मामले की शिकायत के बाद आजमगढ़ जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं.



लखनऊ ऑप्टिकल एंड सर्जिकल कंपनी के प्रतिनिधि ने 11 मार्च को जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि जिला संयुक्त चिकित्सालय तरवां में 1.88 करोड़ की धनराशि का क्रय मुख्य चिकित्सा अधीक्षक स्तर से किया जाना था. इसमें वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा स्वीकृति के बाद निविदा जेम बिड 16 फरवरी 2023 को आमंत्रित की गई थी. जिसके खोले जाने की तिथि 27 फरवरी 2023 को दी गई. कंपनी का आरोप है कि जेम पोर्टल द्वारा निर्धारित शर्तों को परिवर्तन करने का अधिकार किसी भी अधिकारी को नहीं है. लेकिन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने निविदा में अपने मन के मुताबिक फर्मों के पक्ष में मनमानी की है. 27 फरवरी 2023 की खोले जाने वाली निविदा की तिथि 4 मार्च 2023 कर दी गई. जबकि 6 मार्च 2023 को निविदा मूल रूप में उनके कार्यालय में जमा कराई गई थी. इस निविदा का तकनीकी टेंडर 6 मार्च को खोला गया. लेकिन 10 मार्च 2023 को जेम पोर्टल पर कई फर्मों को अयोग्य करते हुए केवल 3 फर्मों को योग्य घोषित किया गया. यह फर्म जेम एवं प्रोक्योरमेंट मैन्युअल 2022 भारत सरकार के निर्धारित नियम और शर्तों के अनुरूप योग्य नहीं है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने सारे नियम को तोड़ते हुए बिजली का उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनी मेसर्स शारदा इलेक्ट्रिकल्स को टेंडर दे दिया. शिकायत के मिलने के बाद जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच सीडीओ को जांच सौंपी है.


तरवां स्थित अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसके गुप्ता ने किसी भी प्रकार की अनियमितता होने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि सब कुछ नियम के दायरे में टेंडर जेम पोर्टल के माध्यम से किया गया है. इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई है. जबकि सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है. उनके द्वारा सभी अभिलेख प्राप्त कर लिए गए हैं. जल्द ही जांच कर इस मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी.


यह भी पढ़ें- एनसीईआरटी की वजह से बेसिक शिक्षा परिषद की किताबें प्रकाशित करने का टेंडर पुरानी कंपनियों के हवाले

आजमगढ़ के सीडीओ और शैय्या अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने यह बताया.

आजमगढ़: जनपद के 100 शैय्या अस्पताल तरवां में लगभग दो करोड़ रुपये की मेडिकल उपकरणों की खरीद में अनियमितता का मामला सामने आया है. यहां मेडिकल उपकरण की सप्लाई करने वाली कंपनी के बजाय बिजली उपकरणों की सप्लाई करने वाली कंपनी को ठेका देने का आरोप लगा है. मामले की शिकायत के बाद आजमगढ़ जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं.



लखनऊ ऑप्टिकल एंड सर्जिकल कंपनी के प्रतिनिधि ने 11 मार्च को जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि जिला संयुक्त चिकित्सालय तरवां में 1.88 करोड़ की धनराशि का क्रय मुख्य चिकित्सा अधीक्षक स्तर से किया जाना था. इसमें वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा स्वीकृति के बाद निविदा जेम बिड 16 फरवरी 2023 को आमंत्रित की गई थी. जिसके खोले जाने की तिथि 27 फरवरी 2023 को दी गई. कंपनी का आरोप है कि जेम पोर्टल द्वारा निर्धारित शर्तों को परिवर्तन करने का अधिकार किसी भी अधिकारी को नहीं है. लेकिन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने निविदा में अपने मन के मुताबिक फर्मों के पक्ष में मनमानी की है. 27 फरवरी 2023 की खोले जाने वाली निविदा की तिथि 4 मार्च 2023 कर दी गई. जबकि 6 मार्च 2023 को निविदा मूल रूप में उनके कार्यालय में जमा कराई गई थी. इस निविदा का तकनीकी टेंडर 6 मार्च को खोला गया. लेकिन 10 मार्च 2023 को जेम पोर्टल पर कई फर्मों को अयोग्य करते हुए केवल 3 फर्मों को योग्य घोषित किया गया. यह फर्म जेम एवं प्रोक्योरमेंट मैन्युअल 2022 भारत सरकार के निर्धारित नियम और शर्तों के अनुरूप योग्य नहीं है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने सारे नियम को तोड़ते हुए बिजली का उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनी मेसर्स शारदा इलेक्ट्रिकल्स को टेंडर दे दिया. शिकायत के मिलने के बाद जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच सीडीओ को जांच सौंपी है.


तरवां स्थित अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसके गुप्ता ने किसी भी प्रकार की अनियमितता होने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि सब कुछ नियम के दायरे में टेंडर जेम पोर्टल के माध्यम से किया गया है. इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बरती गई है. जबकि सीडीओ श्रीप्रकाश गुप्ता ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है. उनके द्वारा सभी अभिलेख प्राप्त कर लिए गए हैं. जल्द ही जांच कर इस मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी.


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