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राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला आने से साधु समाज में प्रसन्नता: महंत कन्हैया दास - श्रीराम जानकी विवाह बारात यात्रा

यूपी के आजमगढ़ पहुंचने पर श्रीराम जानकी विवाह बारात यात्रा का लोगों ने जोरदार स्वागत किया. यह वैवाहिक यात्रा अयोध्या से निकलकर जनकपुर जाती है. इस मौके पर महंत कन्हैया दास ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि राम जन्मभूमि के पक्ष में फैसला आने से साधु समाज में खुशी का माहौल है.

आजमगढ़ में भगवान राम की विवाह बारात यात्रा निकाली गई
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Published : Nov 22, 2019, 3:56 AM IST

आजमगढ़: अयोध्या से नेपाल के श्रीधाम जनकपुर से निकली भगवान श्रीराम जानकी विवाह बारात यात्रा का लोगों ने जोरदार स्वागत किया. जनपद में बड़ी संख्या में लोगों ने भगवान श्रीराम के जयकारों के साथ इस वैवाहिक यात्रा पर फूलों से वर्षा की. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राजा दशरथ बने महंत कन्हैया दास ने कहा कि जैसे धनुष टूटने से राजा दशरथ प्रसन्न हुए थे, उसी तरह इस बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम लला के पक्ष में आने से साधु समाज और भक्तों में प्रसन्नता है.

आजमगढ़ में भगवान राम की विवाह बारात यात्रा निकाली गई.

दरअसल, भगवान श्रीराम की यह वैवाहिक यात्रा हर 5 साल में एक बार जाती है और इसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. भगवान श्रीराम की वैवाहिक यात्रा में बड़ी संख्या में बाराती शामिल होते हैं और खुशियां मनाते हैं.

सुबह 9 बजे अयोध्या से शुरू हुई भगवान श्रीराम की यह यात्रा जनकपुर गई. यह यात्रा उसी मार्ग से होकर गुजरी, जिस मार्ग से त्रेतायुग में विश्वामित्र ने श्रीराम जी को लेकर जनकपुर गए थे.

-राजेंद्र सिंह पंकज, केंद्रीय मंत्री, विश्व हिंदू परिषद

भगवान श्रीराम की यात्रा में राजा दशरथ की भूमिका में महंत कन्हैया दास महाराज ने बताया
त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने जनकपुर में धनुष तोड़कर कीर्तिमान स्थापित किया था. जब भगवान राम और सीता का विवाह हुआ तो संसार से दुराचार, पापाचार और भ्रष्टाचार सब मिट गया और राम राज्य की स्थापना हुई. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए कई वर्षों से भगवान श्रीराम की यह बारात जनकपुर जाती है. इस विवाह उत्सव से समाज में प्रेम सदाचार और सौभाग्य बढ़ता है. भगवान श्रीराम की यह बारात ऐतिहासिक और अलौकिक है.

भगवान श्रीराम की बारात में वशिष्ठ की भूमिका में रामेश्वर दास महाराज ने कहा
गुरुकुल में शिक्षा के बाद ही भगवान श्री राम विवाह योग्य हो गए हैं. गुरुकुल से उनकी शिक्षा-दीक्षा पूरी हो गई है और शिक्षा के साथ ही अब भगवान श्रीराम गृहस्थ जीवन में प्रवेश करेंगे.

इसे भी पढ़ें-श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में भाई चारे की अनोखी मिसाल, 25 साल से नहीं बदला मुस्लिम पार्षद

आजमगढ़: अयोध्या से नेपाल के श्रीधाम जनकपुर से निकली भगवान श्रीराम जानकी विवाह बारात यात्रा का लोगों ने जोरदार स्वागत किया. जनपद में बड़ी संख्या में लोगों ने भगवान श्रीराम के जयकारों के साथ इस वैवाहिक यात्रा पर फूलों से वर्षा की. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राजा दशरथ बने महंत कन्हैया दास ने कहा कि जैसे धनुष टूटने से राजा दशरथ प्रसन्न हुए थे, उसी तरह इस बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम लला के पक्ष में आने से साधु समाज और भक्तों में प्रसन्नता है.

आजमगढ़ में भगवान राम की विवाह बारात यात्रा निकाली गई.

दरअसल, भगवान श्रीराम की यह वैवाहिक यात्रा हर 5 साल में एक बार जाती है और इसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. भगवान श्रीराम की वैवाहिक यात्रा में बड़ी संख्या में बाराती शामिल होते हैं और खुशियां मनाते हैं.

सुबह 9 बजे अयोध्या से शुरू हुई भगवान श्रीराम की यह यात्रा जनकपुर गई. यह यात्रा उसी मार्ग से होकर गुजरी, जिस मार्ग से त्रेतायुग में विश्वामित्र ने श्रीराम जी को लेकर जनकपुर गए थे.

-राजेंद्र सिंह पंकज, केंद्रीय मंत्री, विश्व हिंदू परिषद

भगवान श्रीराम की यात्रा में राजा दशरथ की भूमिका में महंत कन्हैया दास महाराज ने बताया
त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने जनकपुर में धनुष तोड़कर कीर्तिमान स्थापित किया था. जब भगवान राम और सीता का विवाह हुआ तो संसार से दुराचार, पापाचार और भ्रष्टाचार सब मिट गया और राम राज्य की स्थापना हुई. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए कई वर्षों से भगवान श्रीराम की यह बारात जनकपुर जाती है. इस विवाह उत्सव से समाज में प्रेम सदाचार और सौभाग्य बढ़ता है. भगवान श्रीराम की यह बारात ऐतिहासिक और अलौकिक है.

भगवान श्रीराम की बारात में वशिष्ठ की भूमिका में रामेश्वर दास महाराज ने कहा
गुरुकुल में शिक्षा के बाद ही भगवान श्री राम विवाह योग्य हो गए हैं. गुरुकुल से उनकी शिक्षा-दीक्षा पूरी हो गई है और शिक्षा के साथ ही अब भगवान श्रीराम गृहस्थ जीवन में प्रवेश करेंगे.

इसे भी पढ़ें-श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में भाई चारे की अनोखी मिसाल, 25 साल से नहीं बदला मुस्लिम पार्षद

Intro:anchor: आजमगढ़। अयोध्या से नेपाल के श्रीधाम जनकपुर के निकली भगवान श्री राम जानकी विवाह बारात यात्रा का आजमगढ़ पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया। जनपद में बड़ी संख्या में लोगों ने भगवान श्री राम के जय जयकारों से श्री राम की इस वैवाहिक यात्रा पर फूल वर्षा कर स्वागत किया।


Body:वीओ:1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने बताया कि सुबह 9:00 बजे अयोध्या से शुरू हुई भगवान श्री राम की यह यात्रा जनकपुर जाएगी और भगवान श्री राम की या वैवाहिक यात्रा उसी मार्ग से होकर गुजरेगी जिस मार्ग से त्रेता युग में विश्वामित्र ने श्री राम जी को लेकर जनकपुर गए थे। भगवान श्री राम की यात्रा में राजा दशरथ की भूमिका में महंत कन्हैया दास महाराज ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि यहां श्री राम विवाह महोत्सव त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने जनकपुर में धनुष तोड़कर कीर्तिमान स्थापित किया था। राजा दशरथ ने कहा कि जब भगवान सीता राम का विवाह हुआ तो संसार से दुराचार, पापाचार, भ्रष्टाचार सब मिट गया और रामराज की स्थापना हुई। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए कई वर्षों से भगवान श्री राम की यह बारात जनकपुर जाती है। इस विवाह उत्सव से समाज में प्रेम सदाचार व सौभाग्य बढ़ता है। उन्होंने कहा कि जैसे धनुष टूटने से राजा दशरथ प्रसन्न हुए थे उसी तरह इस बार जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम लला के पक्ष में आया है इससे साधु समाज व भक्तों में भी बहुत खुशी है भगवान श्री राम की या बारात ऐतिहासिक व अलौकिक है। भगवान श्रीराम की बारात में वशिष्ठ की भूमिका में रामेश्वर दास महाराज ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि गुरुकुल में शिक्षा के बाद भगवान श्री राम विवाह योग्य हो गए हैं गुरुकुल से उनकी शिक्षा-दीक्षा पूरी हो गई है और शिक्षा के साथ ही अब भगवान श्रीराम गृहस्थ जीवन में प्रवेश करेंगे।


Conclusion:बाइट: राजेंद्र सिंह पंकज केंद्रीय मंत्री विश्व हिंदू परिषद
बाइट: राम जी के पिता राजा दशरथ( महंत कन्हैया दास)
बाइट: राम जी के गुरु वशिष्ट जी ( रामेश्वर दास जी महाराज)

अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि भगवान श्री राम की यह वैवाहिक की यात्रा त्रेता युग से विगत 9 लाख वर्ष पहले से अयोध्या से निकलकर जनकपुर को जाती है । हर 5 वर्ष में भगवान श्री राम की यह विवाह यात्रा एक बार जाती है और इस वैवाहिक यात्रा को लेकर लोगों को बड़ा इंतजार रहता है। भगवान श्री राम की वैवाहिक यात्रा में बड़ी संख्या में बाराती शामिल होते हैं और खुशियां मनाते हैं।
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