आजमगढ़: स्वच्छ भारत अभियान को लेकर केंद्र और प्रदेश की सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है. इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है. आजमगढ़ में यूरिनल डिस्चार्ज के लिए जगह जगह बनाए गए शौचालयों के अभी तक ताले नहीं खुले हैं. वहीं जगह-जगह गिरने भी लगे हैं. यह शौचालय स्वयं ही नगरपालिका और ठेकेदार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खोलने को तैयार हैं.
राहगीरों को परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है -
सार्वजनिक यूरिनल न होने की वजह से राहगीरों और बाजार में आने वाले लोगों को खासी दिक्कत उठानी पड़ रही है. इस विषय पर जब नगरपालिका के अधिशासी अभियंता डॉक्टर शुभ नाथ से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बयान देने से साफ इनकार कर दिया.
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह निर्माण 1 वर्ष पूर्व करवाया गया था, जिसके बाद से अभी तक इसके ताले नहीं खुले हैं और यह जगह जगह गिर रहे. इसके लिए लगातार अधिकारियों के यहां ज्ञापन दिया गया है, लेकिन अधिकारी समय पर ऑफिस में बैठते नहीं हैं और इनके शौचालयों के ताले नहीं खुल रहे हैं.