आजमगढ़: आजमगढ़ महोत्सव में बुधवार को प्रसिद्ध पार्श्वगायक कैलाश खेर अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे. उन्होंने एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुति दी. कैलाश खेर के सुर ने महोत्सव में उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया. पार्श्व गायक कैलाश खेर ने इस महोत्सव में 'तेरे नाम से जी लूं तेरे नाम पे मर जाऊं', 'तेरे बिन दिल नहीं लगता', 'तौबा तोबा वे तेरी सूरत', 'जय जय कारा जय जय कारा स्वामी तेरा साथ हमारा' सहित कई गानों की शानदार प्रस्तुति दी.
आजमगढ़ आने की तमन्ना थी
पार्श्व गायक कैलाश खेर ने कहा कि आजमगढ़ जनपद में बहुत सराहना मिली. आजमगढ़ के लोग निश्चित रूप से लोक साहित्य, कला और संगीत को समझने वाले हैं. कैलाश खेर ने कहा कि मैं यही समझता था कि यह गांव का इलाका है, लेकिन यहां के लोगों को संगीत की गहरी जानकारी है. उन्होंने कहा बहुत दिन से आजमगढ़ आने की तमन्ना थी, जो आकर पूरी हुई.
एनआरसी के एक सवाल पर ये कहा
संगीतकार कैलाश खेर ने कहा कि सरकार समझदार और वह इस विषय पर गहराई से काम कर रही है. एनआरसी के बारे में हम लोगों को ज्यादा अधिक पढ़ने और समझने की जरूरत है. कौन सी बात पर आंदोलन करना है, इसे समझना होगा.
संस्कृत के ग्रंथों में है जीवन दर्शन
कैलाश खेर ने दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर कहा कि लोगों को अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए. हमारे संस्कृत में बहुत से ऐसे ग्रंथ हैं, जो जिंदगी को बदल सकते हैं. कैसे जीना है, कैसे संतुलित रहना है, कैसे काम को अनुशासित तरीके से करना है सब की जानकारी मिलती है. उन्होंने आजमगढ़ जनपद की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आजमगढ़ महोत्सव बहुत ही गजब रहा. इसके लिए निश्चित रूप से जनपदवासी बधाई के पात्र हैं.
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